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अटैक के तरीके से लेकर लोगों की हत्या तक... 7 अक्टूबर के हमले में याह्या सिनवार का क्या रोल था?

पिछले साल 7 अक्टूबर को इजरायल पर हुए हमास के हैरान कर देने वाले हमले का मास्टरमाइंड याह्या सिनवार था. ग्लाइडर पर, बाइक पर हमास के लड़ाके आए और सैंकड़ों इजरायलियों को मारा. बंधक बनाया. इसके बाद हिज्बुल्लाह और ईरान की तरफ से रॉकेटों से हमला. हमास ने भी इजरायल पर रॉकेट बरसाए.

गाजा पट्टी में हमास नेता याह्या सिनवार इज़्ज़-उद-दीन अल-क़स्साम ब्रिगेड के छह सदस्यों के स्मारक समारोह में शामिल होता हुआ. (फोटोः गेटी) गाजा पट्टी में हमास नेता याह्या सिनवार इज़्ज़-उद-दीन अल-क़स्साम ब्रिगेड के छह सदस्यों के स्मारक समारोह में शामिल होता हुआ. (फोटोः गेटी)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 18 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 4:15 PM IST

7 अक्टूबर 2023... हमास के लड़ाकों ने इजरायल में भयानक तबाही मचाई. ग्लाइडर और बाइक से आए. बॉर्डर पर फेंस को तोड़ा. इजराय के अंदर आकर 1200 लोगों को मार डाला. 150 से ज्यादा इजरायलियों को बंधक बना लिया. ये जमीन से किया गया 9/11 जैसा हमला था. इन सबके पीछे था आइडिया था याह्या सिनवार का. 

याह्या सिनवान ने इस हमले की प्लानिंग की. उसे एग्जीक्यूट किया. यानी पूरा किया. इजरायल का सबसे बड़ा दोस्त अमेरिका भी सन्न रह गया था. याह्या क्रूरता की मिसाल बन गया. उसने एक ही झटके में पूरी दुनिया को हिला दिया. जो 1200 लोग मारे गए, उनमें 40 अमेरिकी नागरिक भी थे. आइए जानते हैं याह्या सिनवार के बारे में सबकुछ... 

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फिलिस्तीनी नकबा में अश्केलॉन से भगाए गए थे माता-पिता

साल 1962 में गाजा के खान यूनिस रेफ्यूजी कैंप में जन्म लेने वाला याह्या सिनवार के माता-पिता को 1948 में फिलिस्तीनी नकबा के वक्त इजरायली सेना ने अश्केलॉन से भगा दिया था. याह्या के जन्म के समय खान यूनिस मिस्र के कंट्रोल में था. फिलिस्तीनी नकबा के समय भारी मात्रा में अरबी लोगों को मारा गया था. 

हमास की क्रूर इंटर्नल सिक्योरिटी टीम Al Majd बनाई

1980 के दशक में सिनवार मुस्लिम ब्रदरहुड का सदस्य था. गाजा के इस्लामिक यूनिवर्सिटी का स्टूडेंट था. प्रोटेस्ट करते समय गिरफ्तार भी हुआ था. इसी ने हमास की इंटर्नल सिक्योरिटी फोर्स Al Majd बनाई. हमास के अंदरूनी सिक्योरिटी मामले यही यूनिट निपटाती थी. जांच-पड़ताल करती थी. दुश्मनों को क्रूरता के साथ खत्म कर देती थी. चाहे वह इजरायली एजेंट्स हों या उनका साथ देने वाले फिलिस्तीनी नागरिक. 

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2011 में जब इजरायल ने याह्या को जेल से छोड़ा, तब इसके स्वागत में लोगों ने काफी भीड़ जुटाई थी. कंधे पर बिठाकर ले गए थे लोग इसे गाजा तक. (फोटोः रॉयटर्स)

याह्या सिनवार कैसे बना 'खान युनिस का कसाई'

इसके बाद याह्या रुक नहीं. उसने हमास की सबसे खतरनाक ब्रिगेड अल-कासम बनाई. हमास की मिलिट्री विंग. गाजा का सबसे बड़ा मिलिशिया ग्रुप. 1988 में सिनवार इजरायली फोर्स द्वारा गिरफ्तार हुआ था. आरोप था 12 फिलिस्तीनियों को मारने का. साथ में ही दो इजरायली सैनिकों को मारने और अपहरण करने का. इस घटना के बाद से सिनवार को 'खान यूनिस का कसाई' कहा जाने लगा. 

22 साल इजरायल की जेलों में रहा बंद, फिर छूटा तो... 

22 साल इजरायल की अलग-अलग जेलों में बंद रहने के बाद 2011 में इसे छोड़ा गया. इजरायल ने उस साल गाजा के साथ डील की कैदियों के बदले कैदियों का एक्सचेंज. वह वापस हमास में जुड़ा. 2017 में इस्माइल हानिये की जगह हमास का लीडर बना. फिर उसे हमास के पोलितब्यूरो का चीफ बना दिया गया. सिनवार ने फिर हमास के लिए विदेशों से फंडिंग, हथियार मंगाए. इजरायल से नाराज देशों और संगठनों के साथ गठजोड़ किया. 

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