
चीन क्या किसी बड़े जंग की तैयारी में है? दक्षिणी चीन सागर और पूर्वी चीन सागर में उसने दर्जनों युद्धपोत उतार दिए हैं. इसके पीछे कहानी ये है कि चीन ने अचानक ही पिछले हफ्ते तीन मिलिट्री एक्सरसाइज की घोषणा कर दी है. पहला साउथ चाइना सी, दूसरा पूर्वी चीन सागर और तीसरा यलो/बोहाई सी.
सिर्फ इतना ही नहीं इस मिलिट्री एक्सरसाइज के साथ-साथ चीन के कोस्ट गार्ड ने ताइवानी फिशिंग बोट को किनमेन के पास रोका. ताइवान ने तीन रेस्क्यू बोट्स भेजे तो चीन के कोस्ट गार्ड ने उन्हें भी ब्लॉक किया. पहली बार ऐसा हो रहा है कि जब चीन की नौसेना फिलिपींस के EEZ में युद्धाभ्यास कर रहा है.
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इसके अलावा चीन ने शैनडोंग कैरियर स्ट्राइक ग्रुप को समंदर में उतार दिया है. इस ग्रुप में 17 युद्धपोत हैं. इन्हें फिलिपींस के पास दक्षिण चीन सागर में डिप्लॉय किया गया है. इसके अलावा चीन का सबसे नया विमानवाहक युद्धपोत यानी एयरक्राफ्ट कैरियर फुजियान भी अपना समुद्री ट्रायल इसी इलाके में कर रहा है.
कई तरह के युद्धपोतों के साथ किया समुद्री अभ्यास
फुजियान के स्ट्राइक ग्रुप में 18 युद्धपोत हैं. जो इस समय अलग-अलग समुद्री इलाके में युद्धाभ्यास कर रहे हैं. चीन के टाइप-075 एंफिबियस वॉरशिप हैनान के साथ कई युद्धपोत स्पार्टलीस में तैनात हैं. पहली बार इस वॉरशिप ने शैनडोंग के साथ युद्धाभ्यास किया है. इसके अलावा टाइप 055 डेस्ट्रॉयर्स के चारों युद्धपोत इस मिलिट्री एक्सरसाइज में भाग ले रहे हैं. चीन की नौसेना के दक्षिणी थियेटर कमांड ने मिलिट्री ड्रिल को तीन गुना खतरनाक बना दिया है.
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चीन को टक्कर देने वाला युद्धाभ्यास करेगा भारत
भारत बहुत जल्द मालाबार नौसैनिक युद्धाभ्यास करने जा रहा है. इसमें क्वाड देश भाग लेंगे. यानी भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया. ये समुद्री मिलिट्री ड्रिल बंगाल की खाड़ी में होगा. ताकि चीन को यह पता रहे कि भारतीय समुद्री क्षेत्र (IOR) वह अपने रणनीतिक कदम आसानी से नहीं फैला पाएगा.
भारत मालाबार नौसैनिक युद्धाभ्यास का 28वां संस्करण करने जा रहा है. यह संभवतः अक्तूबर महीने में होगी. ताकि चारों देश जरूरत पड़ने पर एकदूसरे की मदद कर सकें. साथ ही एकदूसरे की सैन्य कार्यप्रणाली को समझ सकें. इस युद्धाभ्यास में एंटी-एयर, एंटी-सबमरीन वॉरफेयर ड्रिल्स किए जाएंगे.
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1992 में शुरू हुआ था मालाबार एक्सरसाइज
इसके अलावा टैक्टिकल एक्सरसाइज भी होगी. होन वॉर फाइटिंग स्किल्स की जांच-पड़ताल भी की जाएगी. फिलहाल इस युद्धाभ्यास में किसी पांचवें देश को बुलाने का इरादा नहीं है. मालाबार एक्सरसाइज भारत और अमेरिका के बीच 1992 से शुरू हुआ था. जिसमें बाद में जापान और ऑस्ट्रेलिया जुड़ गए. पिछली साल ये सिडनी और उसके पहले जापान के योकोसुका में हुआ था.