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पाकिस्तान बॉर्डर के पास नए Tejas फाइटर जेट किए जा रहे तैनात, जानिए इसकी ताकत

Indian Air Force तेजस एमके-1ए (Tejas Mk-1A) फाइटर जेट के पहले स्क्वॉड्रन को राजस्थान के नल एयर बेस (Nal Air Base) पर तैनात करेगी. पर यही जगह क्यों चुनी गई है? बीकानेर में मौजूद इस एयरबेस का क्या फायदा है? यहां पर तेजस की तैनाती से वायुसेना को क्या फायादा होगा?

बीकानेर के नल एयरबेस पर तैनात होगा तेजस एमके-1ए फाइटर जेट का पहला स्क्वॉड्रन. बीकानेर के नल एयरबेस पर तैनात होगा तेजस एमके-1ए फाइटर जेट का पहला स्क्वॉड्रन.
ऋचीक मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 11 दिसंबर 2023,
  • अपडेटेड 12:38 PM IST

पाकिस्तान की सीमा से करीब 200 किलोमीटर दूर है राजस्थान का बीकानेर शहर. इसी शहर में भारतीय वायुसेना का प्रमुख बेस नर एयरबेस है. इंडियन एयरफोर्स ने कहा है कि वह तेजस एमके-1ए (Tejas Mk-1A) फाइटर जेट के पहले स्क्वॉड्रन को इसी एयरबेस पर तैनात करेगा. इससे भारतीय वायुसेना और देश को क्या फायदा होगा? 

पहला फायदा...  

नल एयरबेस पर मिग-21 (MiG-21 Fighter Jet) के स्क्वॉड्रन तैनात है. तेजस एमके-1ए फाइटर जेट की तैनाती से फ्लाइंग कॉफिन (Flying Coffin) कहे जाने वाले मिग-21 को हटाया जा सकेगा. वायुसेना अपने पुराने मिग-21, मिग-23, मिग-27, मिराज-2000 और जुगआर की फ्लीट को तेजस से बदलना चाहती है.  

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हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को पूरा भरोसा है कि अगले साल फरवरी से मार्च के बीच वायुसेना को पहला Tejas Mk-1A फाइटर जेट मिल जाएगा. 2025 तक 24 और फाइटर जेट वायुसेना को मिल जाएंगे. HAL 83 तेजस एमके-1ए फाइटर जेट के उत्पादन में लग गई है. वह इंडियन एयरफोर्स को ये फाइटर जेट तय समय पर दे देगी. 

दूसरा फायदा... 

बीकानेर के नल एयरबेस से पाक सीमा की दूरी करीब 197-200 किलोमीटर है. यानी जंग की स्थिति में मात्र 5 मिनट में सीमा पर तेजस फाइटर जेट पहुंच जाएगा. यानी दुश्मन पर तत्काल हमला करने की स्थिति में ये फाइटर जेट हमेशा तैयार रहेगा. इसके अलावा पाकिस्तान के प्रमुख शहर भी इस फाइटर जेट की रेंज में आते हैं. जैसे- मुल्तान 294 km, लाहौर 402 km, इस्लामाबाद 630 km, पेशावर 687 km, मुज्फ्फराबाद 704 km और कराची 719 km.  

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तीसरा फायदा...  

तेजस फाइटर जेट का आकार छोटा है इसलिए इस समय दुनिया का कोई भी रडार सिस्टम इसे फाइटर जेट की श्रेणी में रखता ही नहीं. इसलिए यह दुश्मन की रडार में पकड़ नहीं आएगा. यानी हमला करना आसान है.  तेजस की कॉम्बैट रेंज 500 KM है. यानी हथियारों से लैस होकर दुश्मन के इलाके में जाकर हमला करके वापस आना. हालांकि इसकी कुल रेंज 1850 किलोमीटर है. यानी बीच आसमान में फ्यूल मिल जाए तो इसे बेस पर लौटने की जरूरत नहीं पड़ेगी. 

अब जानिए Tejas Mk-1A फाइटर जेट की ताकत... 

43.4 फीट लंबे तेजस एमके-1ए फाइटर जेट की ऊंचाई 14.5 फीट है.  इसमें 2458 kg फ्यूल आता है. अधिकतम स्पीड 1980 KM प्रतिघंटा है. यानी ध्वनि की गति से डेढ़ गुना ज्यादा. अधिकतम 53 हजार KM की ऊंचाई तक जा सकता है. ग्लास कॉकपिट होने से पायलट को चारों देखने में आसानी होती है. 

यह छोटा और मल्टी-रोल सुपरसोनिक फाइटर एयरक्राफ्ट है. इसमें आठ हार्डप्वाइंट्स हैं. यानी 8 अलग-अलग तरह के हथियार लगा सकते हैं. इसमें S-8 रॉकेट्स के पॉड्स लगा सकते हैं. 

हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें...  R-73, I-Derby, Python-5 लगे हैं. भविष्य में ASRAAM,  Astra Mark 1 और  R-77 की प्लानिंग है. 

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हवा से सतह पर मार करने वाली मिसाइलें... Kh-59ME, Kh-59L, Kh-59T, AASM-Hammer लगी हैं. BrahMos-NG ALCM को लगाने की योजना है. 

एंटी-रेडिएशन मिसाइल...  रुद्रम को लगाया जाएगा. फिलहाल इसमें एंटी-शिप मिसाइल Kh-35 और Kh-59MK लगे हैं. 

चार तरह के बम लगा सकते हैं... 

प्रेसिशन गाइडेड म्यूनिशन जैसे- स्पाइस, JDAM, HSLD, DRDO Glide Bombs और DRDO SAAW. 
लेजर गाइडेड बम जैसे KAB-1500L, GBU-16 Paveway II, सुदर्शन और Griffin LGB. 
क्लस्टर म्यूनिशन जैसे RBK-500. 
अनगाइडेड बम जैसे  ODAB-500PM, ZAB-250/350, BetAB-500Shp, FAB-500T, FAB-250, OFAB-250-270, OFAB-100-120. 

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