दिल्ली-एनसीआर में प्रोजेक्ट्स के पूरा ना होने की एक बड़ी वजह फंड डायवर्ज़न है. डेवलपर्स ने एक प्रोजेक्ट से पैसा निकालकर दूसरे औऱ फिर तीसरे-चौथे में लगाया. इस सबके बीच गिरवी रखी जमीन और बेचे जा चुके फ्लैट्स पर बैंकों से दोबारा लोन लेने का खेल भी अधूरे पड़े प्रोजेक्ट्स के लिए जिम्मेदार है. यही सब जानने के लिए जो ऑडिट करवाए गए. उनके सामने आने से इन आरोपों से पर्दा उठ सकता है, लेकिन इन्हीं रिपोर्ट्स को ग्राहकों से छुपाया जा रहा है.