दिल्ली में दंगे को लेकर केन्द्रीय गृहमंत्री ने लोकसभा में चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि पुलिस ने दंगे को दिल्ली में फैलने नहीं दिया. उनके मुताबिक ये हिंसा दिल्ली के चार फीसदी और 13 फीसदी आबादी में सीमित रखने का काम पुलिस ने किया. पुलिस की सतर्कता की वजह से 12 थानों में हिंसा रुकी रही। उन्होंने कहा कि भड़काने का काम हर जगह हुआ. पुलिस की जिम्मेदारी थी हिंसा को रोकना. 24 फरवरी को 2 बजे के आसपास पहली सूचना मिली, उसके बाद 25 फरवरी को रात 11 बजे आखिरी सूचना मिली. दिल्ली पुलिस ने 36 घंटे में हिंसा को समेटने का काम किया. अजीत डोभाल के हिंसा प्रभावित इलाकों में जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि मेरे कहने पर अजीत डोभाल वहां गए थे. वो जाता तो पुलिस उनकी सुरक्षा में लगती. उन्होंने कहा कि जिस तरह से दंगों को देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पेश किया गया था, उससे लोगों को गुमराह करने की कोशिश की गई. उन्होंने कहा कि 25 फरवरी को रात 11 बजे के दिल्ली में हिंसा की एक भी घटना नहीं हुई.