जो देश हर किसी को आस्था और इबादत की आजादी देता है उसमें नमाज को लेकर बहस बेमानी होनी चाहिए, लेकिन ये समझना जरूरी है कि ये बहस असल में नमाज को लेकर नहीं बल्कि नमाज की जगह को लेकर है. दरअसल शुक्रवार को होने वाली जुमे की नमाज के लिए मुस्लिम समुदाय के लोग एक जगह पर इकट्ठा होते हैं. बड़ी तादाद में इकट्ठा होने पर नमाज के लिए जब इन्हें कोई जगह नहीं मिलती तो इन लोगों ने खुली जगहों पर नमाज पढ़नी शुरू कर दी. देखें- 'पोस्टमॉर्टम' का ये पूरा वीडियो.