पूरी दुनिया को अहिंसा का पाठ पढ़ाने वाले देश की राजधानी की सड़कों पर आज हिंसा ने जमकर तांडव किया. हक मांगने की आवाज़ धीरे धीरे हक छीन लेने की जिद बन गई. एक कानून के खिलाफ दो तबके अलग अलग बंटकर कानून ही हाथ में लेने लगे. देश का संविधान सभी नागरिकों को बराबर मानते हुए सभी को बराबर का हक देता है. बोलने की आज़ादी के साथ साथ विरोध जताने की आज़ादी भी देता है. दायरे में रहकर हक की मांग उठाने वालों को पूरी तरजीह दी जाती है. लेकिन हक छीनकर लेने की जिद से अराजकता फैलने का डर रहता है. पोस्टमॉर्टम में देखिए विशेष रिपोर्ट.