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एडमिशन

गलती से फेक यूनिवर्सिटी में ले लिया एडमिशन, करें ये काम, क्या कहते हैं एक्सपर्ट

aajtak.in
  • 10 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 7:52 AM IST
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कोरोना संकट के बीच देश भर के विश्व‍विद्यालयों और शैक्षण‍िक संस्थानों में एडमिशन का दौर चल रहा है. अगर 12वीं के बाद आप भी कहीं दाख‍िला लेने का मन बना रहे हैं तो ध्यान रखें कि गलती से कहीं फेक यूनिवर्सिटी के चक्कर में न पड़ जाएं. अगर फिर भी आप किसी ऐसे संस्थान में भूलवश दाख‍िला ले लेते हैं तो ऐसे में आपको एक्सपर्ट की ये राय काम आएगी. पढ़ें. 

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दिल्ली विश्वविद्यालय में एडमिशन मामलों के जानकार प्रो हंसराज सुमन कहते हैं कि दाख‍िला लेते समय बहुत सावधानी बरतनी चाहिए. यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन यानी यूजीसी ने देशभर में 24 यूनिवर्सिटीज को फेक घोष‍ित किया है. किसी संस्थान में प्रवेश लेने से पहले आप उसका नाम यूजीसी की लिस्ट में जरूर तलाश लें. 

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प्रो सुमन कहते हैं कि कई बार छात्र इन संस्थानों के झांसे में आ जाते हैं. ऐसे में अगर आपने गलती से ऐसे किसी संस्थान में दाख‍िला ले लिया है तो पता चलते ही सचेत हो जाएं. वहां अपना कोर्स पूरा करने की कतई न सोचें. क्यों‍कि वहां से मिली डिग्री कहीं काउंट नहीं होगी. 

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अगर आपने संस्थान में अपने ओरिज‍िनल डॉक्यूमेंट्स लगाए हैं तो किसी भी तरह एप्लीकेशन देकर सबसे पहले अपने कागजात हासिल करें. फिर वहां से कागजात मिलने के बाद ही यूनिवर्सिटी पर केस करें. इसके लिए कोर्ट जाने का एक रास्ता खुला है, जिससे आपकी फीस वगैरह भी वापस मिल सकती है. 

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साथ ही अपना दाख‍िला किसी ऐसे संस्थान में  लेने का प्रयास करें जो यूजीसी द्वारा मान्यता प्राप्त हो. अगर एडमिशन प्रक्र‍िया बंद हो चुकी है तो आप इस दौरान किसी एग्जाम की तैयारी कर सकते हैं, ऐसे में हताश होने की जरूरत नहीं है. आपको वहां से निकलने के बाद आप दूसरी जगह आसानी से दाख‍िला ले सकते हैं. केंद्रीय विश्वविद्यालयों में एडमिशन के लिए आपको गैप ईयर के बारे में जानकारी देनी होगी. 

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बता दें क‍ि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने बुधवार को देश में 24 स्वयंभू, गैर-मान्यता प्राप्त संस्थानों की एक सूची जारी की है. इसमें सबसे ज्यादा संस्थान उत्तर प्रदेश से हैं. यूजीसी सचिव रजनीश ने कहा कि छात्रों और सार्वजनिक लोगों को सूचित किया जाता है कि वर्तमान में 24 स्वयंभू, गैर-मान्यता प्राप्त संस्थान यूजीसी अधिनियम के उल्लंघन में काम कर रहे हैं. इन्हें फर्जी विश्वविद्यालय घोषित किया गया है और इन्हें कोई भी डिग्री प्रदान करने का अधिकार नहीं है. जबकि इनमें से आठ विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश के हैं, दिल्ली के सात और ओडिशा और पश्चिम बंगाल से दो-दो हैं. कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, पुडुचेरी और महाराष्ट्र में एक-एक ऐसा फर्जी विश्वविद्यालय है.

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देखें पूरी ल‍िस्ट 

उत्तर प्रदेश में चल रहे फर्जी विश्वविद्यालय के नाम 

उत्तर प्रदेश विश्वविद्यालय, कोसी कलां, मथुरा
महाराणा प्रताप शिक्षा निकेतन विश्वविद्यालय, प्रतापगढ़
इंद्रप्रस्थ शिक्षा परिषद, इंस्टीट्यूशनल एरिया, माकनपुर, नोएडा
वारणसेय संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी
महिला ग्राम विद्यापीठ/विश्वविद्यालय, प्रयागराज
गांधी हिंदी विद्यापीठ, प्रयागराज
नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ इलेक्ट्रोकॉमप्लेक्स होम्योपैथी, कानपुर
नेताजी सुभाष चंद्र बोस यूनिवर्सिटी (ओपन यूनिवर्सिटी), अलीगढ़
    

दिल्ली में चल रहे ये फेक विश्वविद्यालय

एडीआर-सेंट्रिक जूरीडीकल यूनिवर्सिटी, राजेंद्र प्लेस
विश्वकर्मा ओपन यूनिवर्सिटी फॉर सेल्फ एमप्लॉयमेंट, दिल्ली
आध्यात्मिक विश्वविद्यालय, रोहिणी
कमर्शियल यूनिवर्सिटी लिमिटेड, दरियागंज
यूनाइटेड नेशन्स यूनिवर्सिटी, दिल्ली
वॉकेशनल यूनिवर्सिटी, दिल्ली
  

इन राज्यों में भी चल रही फेक यूनिवर्सिटी और संस्थान 

    पश्चिम बंगाल : इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव मेडिसिन, कोलकाता और इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव मेडिसिन एंड रिसर्च, कोलकाता
    ओडिशा : नवभारत शिक्षा परिषद, राउरकेला और नॉर्थ ओडिशा यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी, मयूरभंज
    कर्नाटक : बडागानवी सरकार वर्ल्ड ओपन यूनिवर्सिटी एजुकेशन सोसायटी, बेलगाम
    केरल : सेंट जॉन यूनिवर्सिटी कृष्णाटम, केरल
    महाराष्ट्र : राजा अरेबिक यूनिवर्सिटी, नागपुर
    आंध्र प्रदेश : क्राइस्ट न्यू टेस्टामेंट डीम्ड यूनिवर्सिटी, गुंटूर
    पुडुचेरी : श्री बोधि एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन 

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