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'EWS कैटेगरी के बच्चों को अभी तक नहीं मिला दिल्ली के प्राइवेट स्कूलों में दाखिला', NCPCR ने मांगी रिपोर्ट

Delhi EWS Admission Isssue: शुक्रवार (19 अगस्त 2022) को, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने दिल्ली के मुख्य सचिव को लेटर लिखकर प्राइवेट स्कूलों से EWS Admission की डिटेल्स मांगी है. आयोग का कहना है कि निर्देशों के बावजूद, ईडब्ल्यूएस श्रेणी के तहत कुछ बच्चों को एडमिशन नहीं मिला है.

Delhi EWS Admission Isssue Delhi EWS Admission Isssue
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 20 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 4:30 PM IST

दिल्ली के प्राइवेट स्कूलों को आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) श्रेणी के तहत कुछ बच्चों को हर साल दाखिला देना होता है. इसका उद्देश्य गरीब परिवारों के बच्चों को अच्छी शिक्षा देना है. शिक्षा निदेशालय ने उन गरीब परिवारों के बच्चों को ईड्ब्ल्यूएस कैटेगरी के तहत दिल्ली के प्राइवेट स्कूलों में एडमिशन देने के निर्देश दिए हैं, जिनकी सभी स्रोतों से प्रति वर्ष आय 1 लाख रुपये से कम होती है. एनसीपीसीआर ने का कहना है कि दिल्ली के प्राइवेट स्कूलों में गरीब परिवारों के कुछ बच्चों को दाखिला नहीं दिया गया है.

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शुक्रवार (19 अगस्त 2022) को, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने दिल्ली के मुख्य सचिव को लेटर लिखकर 2020-21, 2021-22 और 2022-23 शैक्षणिक वर्ष के लिए प्राइवेट स्कूलों में EWS Admission की डिटेल्स मांगी है. एनसीपीसीआर का कहना है कि निर्देशों के बावजूद, दिल्ली के प्राइवेट स्कूलों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) श्रेणी के तहत कुछ बच्चों को शैक्षणिक वर्ष 2021-22 में एडमिशन नहीं दिया गया है.

एनसीपीसीआर द्वारा दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी को लिखे पत्र में कहा गया है कि ईडब्ल्यूएस, डीजी और सीडब्ल्यूएसएन श्रेणियों के तहत उम्मीदवारों का प्रवेश सुनिश्चित करने में शामिल अधिकारियों और शाखाओं को सख्त निर्देश दिया गया था लेकिन उसके बावजूद छात्रों को आज तक दाखिला नहीं दिया गया है.

वहीं पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, शैक्षणिक वर्ष  2020-21, 2021-22 और 2022-23 के लिए दिल्ली के प्राइवेट स्कूलों में ईडब्ल्यूएस, डीजी श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए वर्ष-वार खाली सीटें, खाली वैकेंसी के लिए कितनी सीटें अलॉट की गई, अलॉट सीटों पर कुल कितने बच्चों को दाखिला दिया गया इसकी डिटेल्स मांगी गई हैं. इसके अलावा, आयोग ने यह भी पूछा है कि अलॉटेड सीटों के खिलाफ बच्चों के एडमिशन के बाद संबंधित वर्ष में कितनी सीटें खाली रहीं. एनसीपीसीआर ने दिल्ली के मुख्य सचिव से लेटर मिलने की तारीख से सात दिनों में रिस्पांस मांगा है.

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