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CUET UG Score and DU Admission 2023-2024: सीयूईटी रिजल्ट आने के बाद हजारों छात्र और अभिभावक अभी तमाम सवालों से जूझ रहे हैं. सीयूईटी स्काेर कार्ड में नॉर्मलाइज्ड और पर्सेंटाइल स्कोर दोनों हैं. उनका एडमिशन में कैसे इस्तेमाल होगा, छात्र किस तरह अपनी पसंद का कोर्स या कॉलेज चुन पाएंगे. उसके लिए उन्हें कैसे अपना प्रेफरेंस चुनना है. ऐसे तमाम सवालों से अगर आप जूझ रहे हैं तो यहां ऐसे ही उलझे सवालों के दिल्ली यूनिवर्सिटी के डिप्टी डीन एडमिशन डॉ आनंद सोनकर से जवाब जानिए.
CUET स्कोर से कैसे एडमिशन मिलता है?
सीयूईटी एग्जाम के स्कोर कार्ड में आपके दो फिगर आते हैं. एक पर्सेंटाइल और दूसरा नॉर्मलाइज्ड स्कोर होता है.
इन दोनों स्कोर का एडमिशन में क्या रोल होता है?
एडमिशन में सिर्फ आपका नॉर्मलाइज्ड स्कोर इस्तेमाल होता है. नॉर्मलाइज्ड स्कोर, वह स्कोर है, जो स्टूडेंट को उसकी सब्जेक्ट में परफॉर्मेंस के आधार पर दिया जाता है. वहीं, पर्सेंटाइल स्कोर उस ग्रुप के दूसरे स्टूडेंट्स में से एक स्टूडेंट की पॉजिशन देने के लिए इस्तेमाल किया जाता है.
क्या सब्जेक्ट के आधार पर स्कोर इस्तेमाल होता है?
डीयू एडमिशन प्रोसेस में अगर बात करें तो हर प्रोग्राम की अलग एलिजिबिटी है. मसलन किसी स्टूडेंट ने बीएससी के लिए एप्लाई किया है तो उसने साइंस कोर्सेज के लिए पीसीएम (फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ) या पीसीबी (फिजिक्स, केमिस्ट्री बायोलॉजी) को डोमेन सब्जेक्ट में चुना है. अब इनका स्कोर एडमिशन में काउंट होता है.
इसको उदाहरण से कैसे समझेंगे?
माना किसी उम्मीदवार को बीएससी ऑनर्स में दाखिला लेना है तो उसके फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ या बायो का स्कोर काउंट होगा. इसमें आपका लैंग्वेज कोर्स में जरूरी 30 पर्सेट स्कोर होने पर भी ये मेरिट बनाने में इसे नहीं जोड़ते है. लेकिन कंप्यूटर सइंस ऑनर्स में केवल बेस्ट फोर सब्जेक्ट लेते हैं.
सीयूईटी में कई कैंडीडेट 8-10 एग्जाम क्यों देता है?
देखिए, डीयू दाखिले में उन्हीं सब्जेक्ट का स्कोर काउंट होता है जो बच्चे ने 12वीं में पढ़े हैं. डीयू प्रवेशिका में स्पष्ट है कि केवल वही एग्जाम दीजिए, हम वही कंसीडर करेंगे.
स्ट्रीम बदलने के लिए अलग सब्जेक्ट के एग्जाम देने होते हैं?
अगर कोई कैंडीडेट 12वीं में साइंस से पढ़ा है. अब उसे ह्यूमिनिटीज में जाना है, तो उसे सीयूईटी में सब्जेक्ट बदलने की जरूरत नहीं है. यानी उसे सिर्फ उन्हीं विषयों का एग्जाम देना है जो 12वीं में पढ़ा है. इसे लेकर बुलेटिन इनफो फरवरी में ही लांच कर दिया गया था.
अगर स्ट्रीम बदलने के लिए सब्जेक्ट बदल दिए हैं तो क्या एडमिशन नहीं मिलेगा?
अगर कैंडीडेट ने 12वीं में साइंस पढ़ी है और सीयूईटी में ह्यूमनिटीज के सब्जेक्ट चुन लेता है तो दिल्ली विश्वविद्यालय की दाखिला प्रक्रिया में वो सब्जेक्ट मान्य नहीं होंगे.
कैंडीडेट को कैसे पता चलेगा कि उसे मनचाहे सब्जेक्ट में कहां एडमिशन मिल सकता है?
इसके लिए डीयू के एडमिशन पोर्टल में मैपिंग करनी होती है. यहां लॉगिन करने पर सीयूईटी के सब्जेक्ट अपने आप आ जाते हैं. कैंडिडेट उसके सामने वो सब्जेक्ट भर दे जो 12 में लिया हो. अगर हिस्ट्री को हिस्ट्री में मैप कर देगा. ज्योग्राफी से ज्योग्राफी को मैप कर देगा.
अगर सीयूईटी नहीं दे पाए हैं तो डीयू में कहीं एडमिशन नहीं मिल सकता?
नहीं ऐसा नहीं है, डीयू के एसओएल यानी स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग और छात्राओं के लिए एनसीवेब में अभी भी 12वीं के अंकों के आधार पर ही दाखिले होंगे. हां, उन्हें रेग्रुलर कोर्सेज में नहीं मिल सकता.
छात्र अपने कोर्स और कॉलेज के प्रेफरेंस कैसे भरें?
छात्र अक्सर सोचते हैं कि अगर मैं हिस्ट्री की प्रेफेरेंस दूंगा तो सारे हिस्ट्री के ऑप्शन मिलेंगे. लेकिन डीयू के कॉलेज और प्रोग्राग में कैंडीडेट 1800 प्रेफरेंस दे सकते हैं. उम्मीदवार कम से कम 100 प्रेफरेंस भरें. जितना ज्यादा भरेंगे उतनी ही चांसेज ज्यादा होंगे.
अगर 12वीं में नंबर कम हैं और सीयूईटी का नॉर्मलाइज्ड स्कोर अच्छा है तो मनचाहे कॉलेज में दाखिला मिल सकता है?
बिल्कुल, अगर नॉर्मलाइज्ड स्कोर अच्छा है तो हो सकता है, अगर आपका नामॅलाइज्ड स्कोर अच्छा है और वो कॉलेज की एलिजिबिलिटी से मैच कर रहा है तो आपको आसानी से दाखिला मिल सकता है.