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क्या है TOFEL? जिसे देने के लिए तेजी से बढ़ी भारतीय छात्रों की संख्या, यहां मिलेगी पूरी जानकारी

TOFEL एग्जाम आयोजित करने वाली बॉडी एजुकेशन टेस्टिंग सर्विस (ETS) के अनुसार यूजी-पीजी कोर्स में एडमिशन लेने के लिए टोफेल देने वाले भारतीय छात्रों की संख्या तेजी से बढ़ी है. 2021 के मुकाबले 2022 में टोफेल एग्जाम देने वाले छात्रों की संख्या 59 प्रतिशत बढ़ी है.

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 25 सितंबर 2023,
  • अपडेटेड 8:29 PM IST

TOEFL हायर स्टडीज के लिए भारतीय छात्रों का विदेश जाना आम बात हो गई है. हर साल लाखों छात्रों 12वीं के बाद की पढ़ाई के लिए विदेश जाते हैं. 'कोरोना काल' के बाद विदेश जाने वाले छात्रों की संख्या और बढ़ी है. इसी साल फरवरी 2023 में सरकार ने संसद में पूछे गए सवाल के जवाब में सरकार ने बताया कि मौजूदा समय में 12 लाख भारतीय छात्र विदेश में पढ़ाई कर रहे हैं, जबकि 2017 में यह संख्या 4 से 5 लाख थी. इस बीच विदेश में पढ़ाई के लिए जरूरी TOFEL एग्जाम देने वाले भारतीय छात्रों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है.

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टोफेल देने वाले भारतीय छात्रों की संख्या बढ़ी
एक रिपोर्ट के मुताबिक एजुकेशन टेस्टिंग सर्विस (ETS) (जोकि TOFEL एग्जाम आयोजित करता है) का कहना है कि यूजी-पीजी कोर्स में एडमिशन लेने के लिए टोफेल देने वाले भारतीय छात्रों की संख्या तेजी बढ़ी है. पीटीआई द्वारा विशेष रूप से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, टोफेल के लिए भारतीय परीक्षार्थियों का प्रतिशत 2021 में कुल उम्मीदवारों के 5.83 प्रतिशत से बढ़कर 2022 में 7.77 प्रतिशत हो गया है. पिछले सालों के मुकाबले 2021 में भारतीय टीओईएफएल परीक्षा देने वालों में 53 प्रतिशत की वृद्धि हुई. 2022 में, परीक्षार्थियों की संख्या में 2021 की तुलना में 59 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई. मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु, हैदराबाद, पुणे, चेन्नई, कोलकाता समेत देश के छोटे-बड़े शहरों के छात्र विदेश में पढ़ाई के लिए टोफेल अटेंप्ट कर रहे हैं. आइए जानते हैं टोफेल एग्जाम के बारे में जरूरी बातें.

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TOEFL क्या है?
कई छात्र विदेश में जाकर अपनी पढ़ाई पूरी करना चाहते हैं. मगर दूसरे देशों की यूनिवर्सिटी में एडमिशम मिलना इतना आसान नहीं होता. इसके लिए छात्रों को कुछ टेस्ट पास करने पड़ते हैं, उसके बाद ही विदेश में एक अच्छा कॉलेज मिल पाता है. इनमें से एक TOEFL यानी टेस्ट ऑफ इंग्लिश ऐज ए फॉरेन लैंग्वेज है. यह टेस्ट स्टूडेंट की इंग्लिश पढ़ने, लिखने, बोलने और सुनने योग्यता को चेक करने के लिए कराया जाता है. देश-विदेश से कई ऐसे छात्र हैं जिनकी पहली भाषा अंग्रेजी नहीं होती. मगर वो विदेश की यूनिवर्सिटी में पढ़ना चाहते हैं तो वहां अच्छी इंग्लिश का होना बहुत जरूरी है. इस टेस्ट के जरिये अंग्रेजी की प्रवीणता मापी जाती है. कंप्यूटर आधारित ईटीएस टीओईएफएल को सालाना 60 से अधिक बार आयोजित किया जाता है और इसे निर्दिष्ट परीक्षण केंद्रों पर लिया जा सकता है.

कौन दे सकता है TOEFL?
इस टेस्ट देने के लिए स्टूडेंट्स को कुछ क्राइटेरिया पूरे करने होते हैं. तभी आप इस परीक्षा में बैठ सकते हैं. अगर आयु सीमा की बात करें तो किसी भी उम्र का व्यक्ति इस परीक्षा में बैठ सकते हैं. हालांकि न्यूनतम आयु सीमा 18 वर्ष है जो विदेश में अध्ययन के लिए आवश्यक आयु सीमा के समान है. मगर परीक्षार्थी के पास मान्यता प्राप्त बोर्ड से 12वीं कक्षा पास करने का सर्टिफिकेट होना चाहिए. 

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कब और कैसे होता है टेस्ट?
यह टेस्ट दो फॉर्मैट में लिया जाता है- पहला पेपर इंटरनेट बेस्ड टेस्ट जिसे टोफल आईबीटी फॉर्मैट कहते हैं और दूसरा पेपर बेस्ड टेस्ट, जिसे टोफल पीबीटी फॉर्मैट कहा जाता है. आप अपने टेस्ट सेंटर के हिसाब से दोनों में से किसी एक टेस्ट फॉर्मैट को चुन सकते हैं. इस परीक्षा को पास करने के लिए कम से कम 78 अंकों की जरूरत होती है. अगर रिजल्ट की बात करें तो परीक्षा को परिणाम 10 दिन बाद जारी कर दिए जाते हैं. 

क्या हैं इस टेस्ट के फायदे और कितनी है कॉस्ट
TOEFL परीक्षा को कई विश्वविद्यालयों, स्कूलों और अन्य संस्थानों द्वारा व्यापक रूप से स्वीकार किया जाता है. टीओईएफएल परीक्षण के माध्यम से, उम्मीदवारों को अंग्रेजी दक्षता स्तर के लिए सर्टिफिकेट मिलता है, जिसके आधार पर विभिन्न स्नातक, स्नातकोत्तर, डॉक्टरेट, स्कूली शिक्षा और फेलोशिप कार्यक्रमों के लिए आवेदन करने के लिए किया जा सकता है. दुनियाभर में 10,000 से ज्यादा कॉलेज, यूनिवर्सिटी और एजेंसी TOEFL को मान्यता देती हैं. अगर कोई छात्र किसी वजह से ऑफलाइन टेस्ट नहीं दे पाता तो वो कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट भी दे सकता है. 

विदेश में पढ़ने के लिए अन्य टेस्ट
टोफेल के अलावा विदेश में पढ़ाई के लिए IELTS, GRE, SAT, GMAT, PTE, MCAT टेस्ट भी आयोजित किए जाते हैं. जो भारतीय छात्रों का विदेश में पढ़ाई करने का रास्ता बनाते हैं. ये पेपर भी कैंडिडेट्स की अंग्रजी और टेक्निकल स्किल्स को जांचने के लिए करवाये जाते हैं.

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