किसी भी क्षेत्र में अगर सफलता हाासिल करना चाहते हैं तो उसके लिए सबसे जरूरी है 'धैर्य'. आज हम आपको ऐसे शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने यूपीएससी परीक्षा अपने छठे प्रयास में पास की है. अब आप अंदाजा लगा सकते हैं इस शख्स ने अपने मुकाम तक पहुंचने के लिए कितना धैर्य रखा होगा. आइए जानते हैं उनके बारे में.
इस शख्स का नाम सौरभ पांडे हैं जो मिर्जापुर के रहने वाले हैं. उन्होंने यूपीएससी 2019 परीक्षा में 66वीं रैंक हासिल की है. परिणाम आने के साथ ही उनके परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई. आपको बता दें, सौरभ के घर ये खुशियां इतनी आसानी से नहीं आई है, इसके लिए उन्होंने 6 साल तक धैर्य बना कर रखा था.
छठे प्रयास में पास की UPSC परीक्षा
यूपीएससी परीक्षा पास करने के लिए सौरभ का 6 साल इंतजार करना पड़ा, बता दें, वह 5 बार यूपीएससी परीक्षा में सफल नहीं हुए थे, वहीं उन्होंने छठी बार परीक्षा दी और सफलता हाासिल की.
सौरभ ने बिट्स पिलानी से ग्रेजुएशन किया और उसके बाद जॉब करने लगे. जॉब के दौरान उन्होंने यूपीएससी परीक्षा देने के बारे में सोचा. साल 2014 में उन्होंने यूपीएससी की पहली परीक्षा दी. इस परीक्षा के लिए उन्होंने तीन महीने की ही तैयारी की थी. हालांकि वह इस परीक्षा में सफल नहीं हो सके थे.
दूसरे दो प्रयास में भी सौरभ का प्री क्लियर नहीं हुआ था, जिसके बाद 2017 के चौथे प्रयास में सौरभ ने प्रीलिम्स और मेंस दोनों क्लियर कर लिए थे, लेकिन चयन नहीं हुआ. फिर पांचवें प्रयास में भी उनका सिलेक्शन नहीं हुआ था.
सौरभ को ये बात खलती थी कि प्री और मेंस क्लियर हो जाने के बाद भी क्यों यूपीएससी परीक्षा पास नहीं हो रही है. इसके बाद उन्होंने अपनी परीक्षा पैटर्न को पूरा एनालिसिस किया और देखा कि वह परीक्षा की तैयारियों के दौरान क्या-क्या गलतियां कर रहे हैं और कौन सी जरूरी चीज छूट रही है.
सौरभ ने एक चैनल को इंटरव्यू देते हुए बताया, मैंने अपनी तैयारी का पैटर्न बदला, क्योंकि मैंने देखा कि मैं बहुत ही कम मार्क्स की वजह से परीक्षा क्लियर नहीं कर रहा हूं. छठे प्रयास के दौरान उन्होंने, पढ़ाई ज्यादा नहीं की, लेकिन कई तरह के प्रश्न देखे और पेपर सॉल्व किए. इसी के साथ जिन टॉपिक्स में वह मजबूत थे उसे और मजबूत किया.
सौरभ ने कहा कि कई लोग सोचते हैं कोई 6 बार यूपीएससी की तैयारी कैसे कर सकता है, लेकिन आपको बता दें, यूपीएससी की परीक्षा ऐसी है कि जिसमें हर एक प्रयास पहला प्रयास ही लगता है. इस परीक्षा में गलतियां होना लाजिमी है, लेकिन आपको पता होना चाहिए कि आपने गलती कहां की है और सुधार की कितनी संभावना है.