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CBSE अवॉर्ड में छाए दिल्ली के टीचर्स, MCD स्कूल भी हुआ शामिल

टीचर बलवान सिंह ने कहा कि मेरे बच्चे एक निजी स्कूल में पढ़ते हैं, और वहां स्मार्ट क्लासरूम देखकर मुझे लगा कि मेरे छात्रों के पास भी यह होना चाहिए. मैंने प्रिंसिपल और सीनियर शिक्षकों से 5,000 रुपये एकत्र किए और चांदनी चौक में एक ज्वैलरी बिजनेस से बड़े दान की व्यवस्था की.

 प्रतीकात्मक फोटो प्रतीकात्मक फोटो
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 31 अगस्त 2020,
  • अपडेटेड 3:11 PM IST

CBSE अवार्ड के लिए दिल्ली से 12 टीचर्स का चयन हुआ है. विजेताओं में तीन सरकारी स्कूल से और एक नॉर्थ एमसीडी स्कूल के भी टीचर्स शामिल है. आइए जानते हैं उनके बारे में.

नॉर्थ एमसीडी स्कूल में टीचर बलवान सिंह CBSE अवॉर्ड से सम्मानित हुए हैं. उनकी सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक उनके विद्यालय में एक स्मार्ट कक्षा का निर्माण करना है. उन्होंने ने कहा, 'मेरे बच्चे एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ते हैं, और वहां स्मार्ट क्लासरूम देखकर मुझे लगा कि मेरे छात्रों के पास भी यह होना चाहिए. मैंने प्रिंसिपल और सीनियर टीचर्स से 5,000 रुपये एकत्र किए और चांदनी चौक में एक ज्वैलरी बिजनेस से बड़े दान की व्यवस्था की.

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प्रोजेक्टर और व्हाइटबोर्ड के इंस्टॉलेशन कार्य को मुफ्त में करने की पेशकश की गई. जिसके बाद हम सभी 2017 में सिस्टम को स्थापित करने में कामयाब रहे. अब इसे एक आम कक्षा के रूप में उपयोग किया जाता है. इसके बनने के बाद से गणित जैसे विषयों में बच्चों की रुचि बढ़ी है.

सरकारी स्कूल की आरती कानुंगो भी CBSE अवॉर्ड की विजेता हैं. वह शकरपुर के एक गर्ल्स स्कूल में अंग्रेजी पढ़ाती हैं. वह और मासिक धर्म स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए वर्षों से काम कर रही हैं.

उन्होंने बताया, “यह मेरे छात्रों के साथ बातचीत के साथ शुरू हुआ, लेकिन बाद में मुझे महसूस हुआ कि इसे लेकर समाज में जागरूकता पैदा होना चाहिए. अपने छात्रों के माध्यम से, मैं आस-पास के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के साथ जुड़ने में सक्षम हूं और पुरुषों और महिलाओं दोनों से बात कर सकती हूं, खास तौर पर उन लोगों को मासिक धर्म से संबंधित साफ-सफाई के बारे में जागरूक किया जाता है.”

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विजेताओं में से सीमा पांडे भी हैं, जो एक आर्टिस्ट हैं. वह रामजस स्कूल पूसा रोड में कला सिखाती हैं और इसे अन्य विषयों की भी क्लास लेती हैं.

उन्होंने कहा, “मैं मेनस्ट्रीम विषयों के शिक्षकों से बात करती हूं और सोचती हूं कि क्या गतिविधियां शुरू की जा सकती हैं.  इससे पहले कि छात्रों को अवतल और उत्तल दर्पणों के बारे में पता चले, हमारे पास एक गतिविधि थी जिसमें छात्रों ने चम्मच के साथ अवतल और उत्तल चित्रण किया.

मुझे नहीं लगता कि वे कभी इस विषय को भूलेंगे, जब वे राष्ट्रवादी आंदोलन के बारे में सीखते हैं, तो मैं उन्हें बंगाल स्कूल ऑफ आर्ट से परिचित कराती हूं. एक और स्कूल जिसमें आर्ट का एक अभिन्न अंग है. इस स्कूल का नाम है,. डीएवी पब्लिक स्कूल, पुष्पांजलि एन्क्लेव. इस स्कूल की प्रिसिंपल का नाम है रश्मि बिस्वाल, जिन्हें भी CBSE अवॉर्ड के लिए चुना गया है.

उन्होंने कहा, “हमारा ध्यान छात्रों के बीच कम्युनिकेशन विकसित करने पर है, ताकि वह भविष्य में अपनी बात आगे रख सकें. इसके लिए ड्रामाटिक्स प्ले और डांस काफी महत्वपूर्ण हैं. हमारे स्कूल में इन दोनों एक्टिविटिज पर काफी ध्यान दिया जाता है. इसके लिए मैं टीचर्स को टींचिंग के तरीके में थोड़ा ड्रामा लाने के लिए  प्रेरित करती हूं. मेरा मानना है कि एक खुश टीचर अपनी क्लास को खुशहाल बनाता है.

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