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अक्षय का स्‍टूडेंट्स के लिए पावरफुल मैसेज, कहा जो भाए वो करो

अक्षय कुमार ने यूथ के लिए एक वीडियो शेयर करते हुए कहा है कि सुसाइड  करना ही हर स्ट्रेस का सॉल्यूशन नहीं है.अपनी जिंदगी को हल्के में मत लो.  

Akshay Kumar Akshay Kumar
वंदना भारती
  • नई दिल्ली,
  • 04 मई 2017,
  • अपडेटेड 12:39 PM IST

हाल ही में बॉलीवुड के खिलाड़ी अक्षय कुमार को प्रणब मुखर्जी के हाथों फिल्म 'रुस्तम'  के लिए नेशनल अवाॅर्ड मिला है. अवाॅर्ड मिलने की खुशी बयां करते हुए उन्होंने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया है, जो देश उन तमाम युवाओं के लिए है जो अपनी परेशानी का हल आत्महत्या करके निकालते हैं.
 
युवाओं के लिए अक्षय कुमार ने दिए टिप्स 

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जिसमे है इंटरेस्ट वही काम करो
अक्षय ने अपने बारे में बताते हुएकहा  है कि वह स्‍कूल में फेल हुए थे, उन्हें डर था कि घर जाकर उनके पापा उन्हें मारने वाले हैं. पर उनके पापा ने उनसे पूछा कि तुम्हारा किस चीज में इंटरेस्ट है? तब उन्‍होंने कहा कि वे खेलकूद में जाना चाहते हैं. अक्षय ने बताया कि अगर वे उस दिन अपना इंटरेस्ट नहीं बताते तो शायद ये नेशनल अवार्ड उनके हाथ में कभी नहीं होता.

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पढ़ाई को लेकर ना रहे स्ट्रेस में
अक्षय ने बताया कि हमारा यूथ पढ़ाई को लेकर स्ट्रेस में रहता है जिस वजह से वह आत्महत्या का रास्ता पकड़ लेते है. अक्षय ने उन तमाम युवाओं से सवाल पूछते हुए कहा कि क्या तुम्हारी जान एग्जाम की मार्कशीट से सस्ती हो गई है? अक्षय ने कहा कि खुद की जान लेने से बेहतर है कि जान शरहद पर जाकर दे दो.

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मां-बाप के बारे में सोचो
युवाओं से अपील करते हुए अक्षय ने कहा कि मान लिया आपका स्ट्रेस काफी बड़ा है. लेकिन सुसाइड करके अपनी लाइफ को इतने हल्के में मत लो. जिन्होंने आपको पैदा किया उन्हें जिंदगी का सबसे बड़ा दुख मत दो.

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पेरेंट्स के लिए सुझाव
अक्षय ने माता-पिता से भी सवाल पूछते हुए कहा, आज आपका बच्चा कैसे आपको स्ट्रेस बताएगा जब आप लोग फोन में आंखें गाड़कर बैठे हो. कहां गया वो जमाना, जब आप लोग अपने बच्चों के साथ डिनर टेबल पर बैठकर बच्चे का हाल-चाल पूछा करते थे. पूछा करते थे कि कैसा रहा दिन, दोस्त कैसे हैं , आजकल क्या चल रहा है? आज आप अपने बच्चों से बात नहीं करते इसलिए आपका बच्चा फेसबुक पर फ्रेंड ढूंढता फिर रहा हैै.

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स्ट्रेस में मेंटल डॉक्टर की एडवाइस जरूरी
माता-पिता को एडवाइस देते हुए अक्षय ने कहा कि जब बच्चे को चोट लगती है तो आप डॉक्टर के पास ले जाते हैं. लेकिन जब उन्हें दिमागी स्ट्रेस होता है तो सिर्फ लेक्चर झाड़कर कह देते हैं कि बेटा थिंक पॉजिटिव. ऐसा क्यों? माता-पिता ये क्यों नहीं समझ पाते कि चोट लगने पर डॉक्टर की जरूरत होती है ठीक वैसे ही स्ट्रेस में बच्चों को मेंटल डॉक्टर और काउंसलर की जरूरत होती है. इसमें कोई शर्म की बात नहीं है. 

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जान सबसे कीमती चीज है
अक्षय ने कहा कि मैं चाहे कितना मर्जी ज्ञान दूं लेकिन सोचना आपको है. अगर कोई स्ट्रेस आए तो बोल दो चाहे माता-पिता के साथ या अपने दोस्तों के साथ. इस पर अक्षय ने एक शेर भी कहा जो एक हॉस्पिटल की ओपन हार्ट सर्जरी के बाहर लिखा था.

'अगर दिल खोल लेते यारों के साथ
तो आज ना खोलना पड़ता औजारों के साथ.

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