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हमारे देश में कोई एक नौकरी जिसका चार्म आजादी से लेकर अब तक बरकरार है, वह UPSC है. हिन्दी पट्टी में तो आज भी आईएएस हो जाना सफलता का सबसे बड़ा मापदंड माना जाता है. मजिस्ट्रेट और सुपरिटेंडेंट अघोषित रूप से जिले के मालिक होते हैं. भारतीय लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा आयोजित परीक्षा में सफल होने के बाद कैंडिडेट रैंक के आधार पर IFS, IAS, IPS, IRS और IIS बनते हैं.
क्या आप इस बात से वाकिफ हैं कि यह परीक्षा तीन चरणों में होती है. प्री(प्रारंभिक), मेन्स(मुख्य) और साक्षात्कार. गौरतलब है कि प्रारंभिक परीक्षा को ही CSAT कह कर संबोधित करते हैं. बीते दिनों CSAT की परीक्षा और उसमें स्थानीय भाषाओं के अधिभार को लेकर खासा बवाल हुआ था. इन परीक्षाओं में उम्मीदवार की ऐतिहासिक, लैंग्वेज, मैथ्स, साइंस और सामाजिकता से जुड़े ज्ञान की परीक्षा होती है. यह तो हुई ऊपरी बात, मगर हम खास आपके लिए लेकर आए हैं UPSC तैयारी और सिलेबस से जुड़ी बातें जिसे जानना इनिवार्य है.
जानें प्रारंभिक (प्री) परीक्षा का सिलेबस
सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा कुल 400 अंकों की होती है जिसमें सामान्य अध्ययन पेपर (General knowledge paper) प्रथम और सामान्य अध्ययन पेपर द्वीतीय के दो अनिवार्य पेपर होते हैं. यह परीक्षा वस्तुनिष्ठ प्रकार की होगी. ध्यान रखें, प्रीलिम्स (Prelims) केवल एक छंटनी परीक्षा है, इसके अंक पूरी परीक्षा के ओवर आॅल अंकों में नहीं जुड़ते.
आयोग (UPSC) ने प्रीलिम्स (Prelims) के सामान्य अध्ययन Paper II (जो बोल-चाल के भाषा में CSAT कहलाने लगा है) में 33% minimum qualifying marks निर्धारित किया है. इसका अर्थ यह हुआ कि इसके अंक प्रीलिम्स (Prelims) के पूर्णांक में नहीं जोड़े जायेंगे. प्रीलिम्स परीक्षा (Prelims exam) के कुल अंकों में केवल पेपर 1 के अंक ही जोड़े जाएंगे.
यदि आप पहले पेपर के मूल्यांकन के आधार पर उस साल के कट-ऑफ मार्क्स को पार कर जाते हैं तो सिविल सर्विसेज मेंस परीक्षा (Civil services mains exam) में आपका प्रवेश होगा. पर शर्त यही है कि पेपर 2 में कम से कम 200 में से 33% (66 अंक) जरूर लाने होंगे. इसके बिना UPSC की मेंस परीक्षा में प्रवेश नहीं मिलेगा.
प्रीलिम्स पेपर 1 का पाठ्यक्रम – (200 अंक) अवधि: दो घंटे
• राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय वर्तमान घटनाएं (Current events of national and international importance)
• भारत और भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन का इतिहास (History of India and Indian National Movement)
• भारतीय और वैश्विक भूगोल – भारत और दुनिया का प्राकृतिक, सामाजिक, आर्थिक भूगोल (Indian and World Geography – Physical, Social, Economic Geography of India and the World)
• भारतीय राजनीति और शासन – संविधान, राजनीतिक प्रणाली, पंचायती राज, सार्वजनिक नीति, अधिकारों के मुद्दे आदि (Indian Polity and Governance – Constitution, Political System, Panchayati Raj, Public Policy, Rights Issues, etc.)
• आर्थिक और सामाजिक विकास, सतत टिकने वाला विकास (Sustainable Development), गरीबी, समावेशन ( Inclusion), जनसांख्यिकी (Demographics) , सामाजिक क्षेत्र की पहलें (Social Sector initiatives) आदि
• पर्यावरण पारिस्थितिकी (Environmental Ecology), जैव विविधता (Bio-diversity) और जलवायु परिवर्तन (Climate Change) पर सामान्य/ज्वलंत मुद्दे
• सामान्य विज्ञान (General Science)
UPSC की तैयारी के लिए क्या-क्या करें...
प्रीलिम्स पेपर 2 का पाठ्यक्रम – (200 अंक) अवधि: दो घंटे
(यह एक क्वालीफाइंग पेपर होगा जिसमें 33% अंक की जरूरत है)
• बोधगम्यता (Comprehension)
• पारस्परिक कौशल—संचार कौशल (Interpersonal skills including communication skills) सहित
• तार्किक क्षमता और विश्लेषणात्मक क्षमता (Logical reasoning and analytical ability)
• निर्णय लेने और समस्याओं के विश्लेषण की क्षमता (Logical reasoning and analytical ability)
• सामान्य मानसिक योग्यता (General mental ability)
• बेसिक संख्यात्मक योग्यता, संख्याएं और उनमें आपसी-संबंध (numbers and their relations, orders of magnitude, आदि) (दसवीं कक्षा के स्तर का), डेटा इंटरप्रिटेशन Data interpretation (चार्ट, ग्राफ, टेबल, डेटा पर्याप्तता (Data sufficiency) आदि – दसवीं कक्षा के स्तर का).
संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा मुख्य परीक्षा का सिलेबस
संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा में एक उम्मीदवार की रैंकिंग केवल मुख्य और साक्षात्कार (interview) परीक्षा के टोटल मार्क्स पर निर्भर करती है. साक्षात्कार के कुल मार्क्स 275 हैं, जबकि मुख्य परीक्षा के 1750.
लिखित परीक्षा (मुख्य) mains exam में कुल 9 पेपर होंगे. लेकिन उनमें से केवल 7 पेपर के मार्क्स अंतिम मेरिट रैंकिंग के लिए जोड़े जाएगें. बाकी दो सिर्फ क्वाॅलीफाइंग पेपर होंगे.
क्वालीफाइंग पेपर – पेपर ए और पेपर बी (Qualifying Papers – Not counted for final ranking)
पेपर – ए – भारतीय भाषा – सिलेबस Indian Language – Syllabus
भारतीय भाषाओं में से एक भाषा, जो संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल है, उसे पेपर – ए के लिए उम्मीदवार द्वारा चयनित किया जाना है. यह पत्र अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड और सिक्किम के रहने वाले उम्मीदवारों के लिए अनिवार्य नहीं होगा। इस पेपर का पूर्णांक 300 है. इस पेपर में क्वालीफाइंग मार्क्स 90 है यानी 30%.
1. Comprehension of given passages (बोधगम्यता)
2. Precis Writing (संक्षिप्त लेखन)
3. Usage and Vocabulary (शब्द प्रयोग व शब्द भण्डार)
4. Short Essay (संक्षिप्त लेख)
5. Translation from English to the Indian language and vice‐versa (अंग्रेजी से भारतीय भाषा तथा भारतीय भाषा से अंग्रेजी में)
CSAT की परीक्षा को कैसे करें क्रैक?
पेपर – बी- अंग्रेजी भाषा – सिलेबस English Language – Syllabus
इस पेपर का पूर्णांक 300 है. इस पेपर में क्वालीफाइंग मार्क्स 75 है यानी 25%.
प्रश्नों का पैटर्न मोटे तौर पर निम्नानुसार होगा (The pattern of questions would be broadly as follows) :‐
1. Comprehension of given passages (बोधगम्यता)
2. Precis Writing (संक्षिप्त लेखन)
3. Usage and Vocabulary (शब्द प्रयोग व शब्द भण्डार)
4. Short Essay (संक्षिप्त लेख)
अंत में इंटरव्यू को लेकर कुछ जरूरी बातें...
जैसा कि इस बात से सभी वाकिफ हैं इंटरव्यू किसी भी कैंडिडेट की सफलता में अहम भूमिका अदा करते हैं. मुख्य परीक्षाओं में अधिकांश उम्मीदवारों के अंक ऊपर-नीचे हो जाते हैं. साल 2015 में न्यूनतम अंकों के साथ क्वालिफाई करने वाले कैंडिडेट को 83 अंक (33 फीसद) और अधिकतम अंक 220 (80 फीसद) मिले थे. मेंस परीक्षा में सामान्य कैटेगरी के सफल कैंडिडेट को न्यूनतम 678 (39 फीसद) और अधिकतम 920 (लगभग 53 फीसद) अंक मिले.
इसके अलावा एक कैंडिडेट को इंटरव्यू में 76 फीसद तक नंबर मिल सकते हैं. साल 2015 में अधिकतम मिले अंक 209 थे. एक तरफ जहां कैंडिडेट 39 फीसद अंकों के साथ क्वालिफाई कर जाते हैं. वहीं इंटरव्यू में 20-25 फीसद अंक तक मिल सकते हैं.