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एक ही एग्जाम से कैसे बनते हैं IAS-IPS या IFS अफसर, क्या होता है इनका रोल?

संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की परीक्षा में रैंक के आधार पर IAS, IPS, IES या IFS अधिकारी का पद मिलता है. कठ‍िन परिश्रम और फोकस्ड तैयारी के बाद इन पदों पर पहुंचा जाता हैं. आइए जानते हैं कि इन पदों के अफसरों की भूमिकाएं क्या होती हैं, ये क्या काम करते हैं और इनकी सैलरी कितनी होती है.

प्रतीकात्मक फोटो प्रतीकात्मक फोटो
aajtak.in
  • नई द‍िल्ली ,
  • 29 जून 2021,
  • अपडेटेड 2:53 PM IST

यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी करने के इच्छुक अभ्यर्थी अपने मन में आईएएस-आईपीएस या आईएफएस बनने का सपना रखते हैं. इसमें से आईएएस और आईपीएस का पद विशेष अधिकार वाला होता है. इन्हें लोक सेवा अधिकारियों के तौर पर जाना जाता है और ये भारतीय लोकतंत्र के ध्वजवाहक कहलाते हैं. इनकी अलग अलग भूमिकाएं होती है और इनकी सैलरी में भी बहुत अंतर होता है. यह सभी अधिकारी संघ लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित सिविल सेवा परीक्षा पास करने के बाद चयनित किए जाते हैं.

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बता दें कि सिविल सेवाओं में कुल मिलाकर 24 सर्विसेज होती हैं, जिनके लिए उम्मीदवार चयनित होते हैं. मूल रूप से ये दो कैटेगरी बंटी होती हैं. इसमें पहली है ऑल इंडिया सर्विसेज और दूसरी सेंट्रल सर्विसेज.  फिर आगे ऐसे समझ‍िए कि इसमें जो ऑल इंडिया सर्विसेज हैं वो IAS (इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विसेज) और IPS (इंडियन पुलिस सर्विसेज) हैं. इनमें जो लोग चुने जाते हैं, उनको राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का कैडर दिया जाता है. इसके बाद सेंट्रल सर्विसेज में ग्रुप ए और ग्रुप बी सर्विसेज होती हैं.

इसमें ग्रुप ए सर्विसेज में इंडियन फॉरेन सर्विस, इंडियन सिविल एकाउंट्स सर्विस, इंडियन रेवेन्यू सर्विस (इनकम टैक्स वाली पोस्ट्स), इंडियन रेलवे सर्विस (IRTS और IRPS) और इंडियन इनफार्मेशन सर्विस (IIS) जैसी सर्विसेज आती हैं. वहीं ग्रुप बी में आर्म्ड फोर्सेज हेडक्वार्टर्स सिविल सर्विस, पांडिचेरी सिविल सर्विस, दिल्ली एंड अंडमान निकोबार आइलैंड सिविल और पुलिस सर्विस जैसी सर्विस आती हैं.

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आईएएस (इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस) - सिविल सेवा परीक्षा में टॉप रैंक हासिल करने वाले उम्मीदवारों को आईएएस बनाया जाता है. आईएएस अधिकारी संसद में बनने वाले कानून को अपने इलाकों में लागू करवाते हैं. साथ ही नई नीतियां या कानून बनाने में भी अहम योगदान निभाते हैं. आईएएस अधिकारी कैबिनट सेकेट्री, अंडर सेकेट्री आदि भी बन सकते हैं.

आईपीएस (इंडियन पुलिस सर्विस)- आईपीएस अधिकारी अपने कार्यक्षेत्र में कानून व्यवस्था बनाए रखने का काम करता है और आईपीएस एसपी से लेकर आईजी, डेप्यूटी आईजी, डीजीपी तक बनाए जाते हैं. आईपीएस फियरलैस और इक्वैलिटी को साथ लेकर चलते हैं. आईएएस सही तौर पर कानून को लागू करने का काम करते हैं.

आईएफएस (इंडियन फॉरेन सर्विस)- आईएफएस विदेशी मामलों को लेकर काम करते हैं और विदेश मंत्रालय में अपनी सेवाएं देते हैं. आईएफएस अधिकारी यूपीएससी क्लियर करने के तीन साल की ट्रेनिंग के बाद आईएफएस ऑफिसर बनते हैं. आईएफएस अधिकारी डिप्लोमेसी से जुड़े मामलों में काम करते हैं और द्विपक्षीय मामलों को हैंडल करते हैं.

आईएएस अधिकारी की सैलरी: आईएएस अधिकारी के वेतन की बात करें तो ये विभिन्न संरचनाओं के आधार पर होता है, जैसे कि जूनियर स्केल, सीनियर स्केल, सुपर टाइम स्केल. वेतनमानों में अलग-अलग वेतन बैंड होते हैं. आईएएस अधिकारी भी एचआरए (मूल या आधिकारिक आवास का 40 प्रतिशत) के हकदार होता है. साथ ही उन्हें डीए, टीए भी मिलता है. इसमें कैबिनेट सेकेट्री, अपेक्स, सुपर टाइम स्केल के आधार पर सैलरी बढ़ती जाती है.

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आईपीएस अधिकारी की सैलरी: आईपीएस अधिकारियों को भी पीएफ, ग्रैच्युटी, हेल्थकेयर सर्विसेज, आजीवन पेंशन, निवास, सर्विस क्वार्टर, परिवहन, घरेलू कर्मचारियों, अध्ययन की छुट्टियां और कई अन्य सेवानिवृत्ति सुविधाएं दी जाती हैं. इसमें आईजी, डीआईजी, एडीजी, एसपी के आधार पर सैलरी मिलती है.

 

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