
हमारे देश में क्रिकेट को एक ऐसे खेल के तौर पर देखा जाता है कि इसके बेहतरीन खिलाड़ी (सचिन) को देश के भीतर भगवान का दर्जा प्राप्त है. किसी को यहां दादा कहा जाता है तो किसी को मिस्टर वॉल. किसी का कॉलर खड़ा करना फैशन बन जाता है तो किसी का कलाई मोड़ने का अंदाज आज भी लोगों को अब तक याद है.
आज की टीम देखें तो कभी भारतीय टीम के मिस्टर वॉल कहे जाने वाले राहुल द्रविड़ की जगह पर चेतेश्वर पुजारा बड़ी सफाई से अपनी जगह बना चुके हैं. उनकी बैटिंग में लोगों को राहुल द्रविड़ की झलक दिखती है. वे भी पिच पर खूंटा गाड़ कर ठीक उसी तरह जुड़े रहते हैं जिस तरह कभी राहुल थे. ऐसे में एक आम इंसान और खास तौर से स्टूडेंट्स भी उनसे बहुत कुछ सीख सकते हैं. जानें उनका सक्सेस फॉर्मूला...
1. स्थिरता...
स्थिरता को अंग्रेजी में कंसिस्टेंसी कहते हैं. पुजारा अपनी टीम के लिए हमेशा ही ऐसे परफॉर्मर रहे हैं. वे हमेशा टीमहित में खेलते हैं. उनकी अच्छी परफॉर्मेंस अक्सर टीम को जीत दिलाने में मदद करती है.
2. समभाव रहना...
चाहे सिचुएशन कितनी ही टेंस हो. विपक्षी टीम भले ही हावी दिख रही हो लेकिन वे हमेशा अपने गेम पर फोकस करते दिखते हैं. वे अकेले अपने दम पर टीम के लिए हमेशा ही संकटमोचक साबित होने की कोशिश में लगे रहते हैं.
3. हमेशा भविष्य पर नजर...
चेतेश्वर को जानने वाले जानते हैं कि वे हमेशा से ही आगे की रणनीति बना कर खेलते हैं. चाहे किसी एक मैच में खेल रहे हों मगर वे हमेशा आगे की सोचते हैं.
4. अपनी जड़ों से जुड़ाव रखना...
चेतेश्वर आज भले ही भारतीय क्रिकेट टीम के अभिन्न हिस्से हों और पूरी दुनिया उन्हें सरआंखों पर रखती हो लेकिन वे आज भी अपने शहर पहुंचने पर अपने पुराने प्रैक्टिस ग्राउंड जाते हैं. वे अपने से जूनियर क्रिकेटर्स को आगे बढ़ते रहने के जरूरी टिप्स देना अपना फर्ज समझते हैं.
5. हर परिस्थिति के हिसाब से खुद को ढाल लेना...
चेतेश्वर हमेशा टीममैन रहे हैं. ऐसा नहीं है कि वे हमेशा से ही भारत के लिए ओपनर रहे हों लेकिन टीम के कप्तान और मैनेजमेंट द्वारा तय की गई भूमिकाओं को वे हमेशा ही ईमानदारी से निभाते रहे हैं.