Advertisement

चीन से मेडिकल की पढ़ाई कर रहे छात्रों को झटका, प्रैक्टिस लाइंसेस न लेने पर FMGE मान्‍यता नहीं

भारत में प्रैक्टिस करने के लिए राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) द्वारा आयोजित FMGE परीक्षा में पास होना जरूरी है. चीन में पढ़ रहे छात्रों को इस परीक्षा में शामिल होने के लिए चीन में मेडकल प्रक्टिस लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा.

Medical Students Medical Students
aajtak.in
  • नई दिल्‍ली,
  • 07 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 3:26 PM IST

बीजिंग में भारत के दूतावास ने आज 07 नवंबर को कहा कि जो छात्र नवंबर 2021 के बाद चीन में क्लिनिकल मेडिसिन प्रोग्राम में शामिल हुए हैं और चीन में मेडिकल डॉक्टर के रूप में प्रैक्टिस करने के लिए लाइसेंस नहीं लिया है, उन्हें मेडिकल ग्रेजुएट परीक्षा (GMGE) के लिए पात्र नहीं माना जाएगा. यह बयान तब आया जब दूतावास भारतीय मेडिकल छात्रों और उनके माता-पिता के कई सवालों का जवाब दे रहा था.

Advertisement

छात्रों द्वारा उठाई गई चिंता भारतीय छात्रों के लिए योग्यता से संबंधित थी, जो चीन में मेडिकल कोर्स की पढ़ाई कर रहे हैं. भारत में प्रैक्टिस करने के लिए राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) द्वारा आयोजित FMGE परीक्षा में पास होना जरूरी है. एंबेसी ने छात्रों और उनके माता-पिता को NMC द्वारा 18 नवंबर, 2021 जारी नोटिस देखने को भी कहा है. 

नोटिस में कहा गया है कि विदेशी मेडिकल छात्रों को संबंधित प्रोफेश्‍नल रेगुलेट्री बॉडरी के साथ राजिस्‍टर्ड होना जरूरी है. भारतीय दूतावास ने आगे कहा कि उसने संबंधित चीनी अधिकारियों और मेडिकल कॉलेजों से अनुरोध किया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि मेडिकल कोर्स के लिए चीन आने वाले सभी भारतीय छात्रों को उचित रूप से शिक्षित, प्रशिक्षित और सुविधा प्रदान की जाए. 

छात्रों ने यह भी चिंता व्‍यक्‍त की कि लाइसेंस प्राप्‍त न करने पर क्‍या उन्‍हें चीन में अपनी मेडिकल शिक्षा पूरी करने के बाद असिस्‍टेंट डॉक्टर के तौर पर चीनी अस्पतालों में काम करने का मौका मिल सकता है, ताकि वे अपना जीविकोपार्जन कर सकें और अपना एजुकेशन लोन चुका सकें. इसके जबाब ने दूतावास ने कहा कि इसके लिए औपचारिक रूप से चीनी अधिकारियों से संपर्क किया जाएगा और जवाब मिलने पर जानकारी सोशल मीडिया पर शेयर की जाएगी.

Advertisement

 

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement