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जगत के पालनहार विष्णु से सीखें सफल जीवन के 5 गुर...

भगवान विष्णु को लेकर कई कहानियां और मान्यताएं हैं. वैसे वह जीवन जीने के कई गुर भी स‍िखाते हैं. अगर ये बातें मानेंगे तो जिंदगी में बस आगे ही बढ़ेंगे...

Lord Vishnu Lord Vishnu
विष्णु नारायण
  • नई दिल्ली,
  • 09 मई 2016,
  • अपडेटेड 6:25 PM IST

हिन्दू धर्म के अनुसार, विष्णु को परमेश्वर के तीन मुख्य रूपों में से एक माना जाता है. विष्णु को विश्व का पालनहार माना जाता है. वे त्रिमूर्ति का अहम हिस्सा हैं और उन्हें सर्वव्याप्त माना जाता है. धरती पर रहने वाले समस्त जीवों के आश्रय होने की वजह से उन्हें नारायण भी कहा जाता है.

कहते हैं कि समूचा विश्व भगवान विष्णु की शक्ति से ही संचालित है. वे निर्गुण भी हैं और सगुण भी. वे अपने चारों हाथों में शंख, चक्र, गदा और पद्म धारण करते हैं. उनका निवास क्षीरसागर है और वे शेषनाग के ऊपर शयन करते हैं.

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जगत के पालनहार से सीखें सफल और सुरम्य जिंदगी बिताने के कुछ गुर...

1. हमेशा संयम बनाए रखें
विष्णु को एक ऐसे भगवान के रूप में ख्याति प्राप्त है जो विषम परिस्थितियों में भी धैर्य नहीं खोते. संयम बनाए रखते हैं. इसके साथ-साथ वे दूसरों की मदद के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं.

2. मल्टीटास्किंग सीखें
विष्णु को यदि नजदीक से देखें और पढ़ें तो हम पाते हैं कि वे एक परफेक्ट मल्टीटास्कर हैं. एक ही समय में वह कई रूपों-अवतारों में अपने काम को बखूबी अंजाम दे रहे होते हैं. इतना ही नहीं वे ऐसे तमाम कामों को अंजाम देते हुए लेश मात्र नहीं थकते.

3. परोपकार करना कोई उनसे सीखे
कहा जाता है कि नेकी कर दरिया में डाल, लेकिन हम सभी दूसरों से इस बात की अपेक्षा करते हैं कि हमने जो दूसरों के ऊपर उपकार किए हैं तो अगला हमारे उपकारों के बोझ तले दबा रहे. वहीं विष्णु हमें हमेशा नेकी करने और उसे व्यापक सामाजिक हित के मद्देनजर भूल जाने की प्रेरणा देते हैं.

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4. हर विषम परिस्थिति में धैर्य बनाए रखना
विष्णु को हमेशा से ऐसे भगवान के रूप में ख्याति मिली है जो देवताओं और आप जनमानस की गुहार पर मौजूद हो जाते हैं. कभी धैर्य नहीं खोते और हर संभव मदद करते हैं. आपको एक मगर द्वारा हाथी की टांग खींचने और उसकी गुहार पर वासुदेव का दौड़े चले आना तो याद ही होगा.

5. जीवनसाथी को पूरा सम्मान
विष्णु और उनकी अर्धांगिनी लक्ष्मी आज के समाज के समक्ष परफेक्ट कपल का उदाहरण हैं. आज जहां शादियां महज कुछ सालों, महीनों, दिनों और घंटों में टूट जाती हैं ठीक उसी दौर में लक्ष्मी और विष्णु युगों-युगों तक एक दूसरे के साथ बने रहे.

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