
ज्यादातर बोर्ड के रिजल्ट जारी हो चुके हैं. कुछ स्टूडेंट्स देश के टॉप कॉलेज, इंस्टीट्यूट में एडमिशन लेना चाहते हैं तो कुछ विदेश की राह पकड़ते हैं. विदेश में पढ़ाई करने के लिए पूरी एडमिशन प्रक्रिया से गुजरना एक कठिन काम है. लेकिन कुछ जरूरी जानकारी हासिल करके इस काम को आसान बनाया जा सकता है.
अगर आप 12वीं के बाद विदेश में पढ़ाई करने के बारे में सोच रहे हैं तो इसकी तैयारी 11वीं पास करने के बाद ही शुरू कर दें. तभी से यह जानकारी जुटाना शुरू कर दें कि आप क्या पढ़ना चाहते हैं और आपके पसंद की यूनिवर्सिटी कौन सा प्रोग्राम ऑफर करती है. जैसे ही आप इसके बारे में अंतिम फैसला लें. अपना पासपोर्ट बना लें. नौवीं से लेकर 11वीं तक की मार्कशीट भी एक साथ रख लें. सिर्फ मार्कशीट ही नहीं इसके साथ ही रिकमंडेशन लेटर, पर्सनल एसे, फाइनांशियल स्टेटमेंट्स भी तैयार करना शुरू कर दें.
क्या है पूरा प्रोसेस:
हर यूनिवर्सिटी के सेलेक्शन का क्राइटेरिया अलग-अलग होता है. स्टूडेंट्स के प्रोग्राम ऑफ इंटरेस्ट, फंडिंग कैपेबिलिटी, सपोर्ट सिस्टम, एजुकेशनल प्रोफाइल के साथ ही कई बातों पर एडमिशन निर्भर होता है.
यूएस में भारत के किस बोर्ड को बेहतर माना जाता है?
यहां किसी भी खास बोर्ड को ज्यादा वरियता नहीं दी जाती है. सभी बोर्ड की एक जैसी वैल्यू है. यूनिवर्सिटी हर बोर्ड के स्टूडेंट्स की जांच करते हैं. चाहे वह सीबीएसई, सीआईएससीई हो या स्टेट बोर्ड.
कुछ स्टैंर्ड एग्जाम्स:
SAT या ACT, TOEFL या IELTS ये कुछ ऐसे टेस्ट हैं जिनके स्कोर एडमिशन के लिए जरूरी हैं. यह जानकारी आपके लिए आवश्यक है कि हर यूनिवर्सिटी और इंस्टीट्यूट का अपना एक क्राइटेरिया होगा और वो उसी टेस्ट को भी मान्यता देंगे.