
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने कई यूनिवर्सिटीज और संस्थानों में बिना NET और PhD के 'प्रोफेसर' बनने का मौका दिया है. यूजीसी ने 42 नोटिफिकेशन जारी किए हैं. इच्छुक और योग्य उम्मीदवार यूजीसी की आधिकारिक वेबसाइट pop.ugc.ac.in पर जारी कॉलेज वाइज नोटिफिकेशन चेक कर सकते हैं. आवेदन करने के लिए उम्मीदवारों को जरूरी डॉक्यूमेंट्स के साथ सीवी कॉलेज की मेल आईडी पर भेजनी होगी.
दरअसल, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के मद्देजनर यूजीसी ने नया इनीशिएटिव शुरू किया है, जिसमें बिना नेट एग्जाम और पीएचडी के योग्य उम्मीदवारों को कॉलेज में पढ़ाने का मौका दिया जाएगा. इनकी भर्ती बतौर 'प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस' होगी. यह कदम हायर एजुकेशन की पढ़ाई को ज्यादा इंडस्ट्री और जॉब ओरिएंटेड बनाने के लिए उठाया गया है.
कौन कर सकता है आवेदन?
प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस पद के लिए वे उम्मीदवार आवेदन कर सकते है, जो अपनी फील्ड्स जैसे इंजीनियरिंग, साइंस, कॉमर्स, मीडिया, आर्ट्स, लिट्रेचर, सिविल सर्विस, लॉ, कम्यूनिटी डेवलेपमेंट, पंचायती राज, ग्रामीण विकास, वाटरशेड विकास, जल संचयन, जैविक खेती, छोटी हरित ऊर्जा प्रणालियां, नगरपालिका योजना, आदिवासियों का समावेशी विकास और सार्वजनिक प्रशासन आदि में एक्सपर्ट्स हैं. उम्मीदवार का अपनी फील्ड में सीनियर पोजिशन पर कम से कम 15 साल का एक्सपीरियंस होना चाहिए.
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कैसे होगा चयन?
प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस की भर्ती यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर या डायरेक्टर एक्सपर्ट्स के नॉमिनेशंस इनवाइट करेंगे. एक्सपर्ट्स खुद को या किसी और को भी नॉमिनेट कर सकते हैं. इसके लिए डिटेल्ड सीवी और डिस्क्रिप्शन भी भेजना होगा. सेलेक्शन कमेटी में 2 सीनियर प्रोफेसर और 1 एक्सटर्नल मेंबर होगा जो इन नॉमिनेशंस को शॉर्टलिस्ट करेगा. इसके बाद फाइनल सेलेक्शन होगा.
बता दें कि उम्मीदवारों का चयन यूनिवर्सिटी या कॉलेज में रेगुलर फैकल्टी मेंबर्स की तय पोस्ट से अलग होंगी. सेलेक्शन एक फिक्स्ड टर्म के लिए होगा और मौजूदा या रिटायर्ड टीचर्स को इन पोस्ट पर नहीं रखा जाएगा. चयनित उम्मीदवारों का वेतन यूनिवर्सिटी या कॉलेज और प्रोफसेर तय करेंगे. शिक्षा विभाग या यूजीसी वेतन नहीं देगा.