कोरोना वायरस की भयावहता ने दुनिया के सभी देशों के सामने इससे जूझने की चुनौती खड़ी कर दी है. कोरोना के खिलाफ जंग में विकासशील देशों के पसीने छूट गए. लेकिन वहीं एक ऐसा भी देश है जो भले ही गरीब देशों की गिनती में आता है, फिर भी कोरोना से जंग में विजेता बनकर सामने आया है. यहां बीते साल एक भी मौत नहीं हुई. वहीं जनवरी में सिर्फ एक ऐसी मौत हुई जिसमें मरीज पहले ही कई बीमारियों से जूझ रहा था, उसकी कोविड-19 पॉजिटिव होने से मृत्यु हो गई. आइए जानते हैं इस देश के बारे में खास बातें और क्या है इसका भारत के साथ रिश्ता...
वो देश कोई और नहीं बल्कि हमारा ही पड़ोसी देश भूटान है. भूटान की कुल आबादी 7.54 लाख (2018 की गणना के अनुसार) है. दिसंबर 2020 तक यहां कोरोना के 479 मामले सामने आए थे. इनमें से 430 लोग ठीक हो गए थे. 2020 में कोरोना से भूटान में एक भी शख्स की मौत की खबर नहीं आई. यानी भूटान को अपने देशवासियों को कोरोना से बचाने में कामयाबी मिली है.
भारत का सबसे करीबी दोस्त भूटान मुश्किलों में भी भारत के साथ खड़ा रहा है. दोनों देशों के बीच रिश्ते इतने ख़ास हैं कि भारत में एक अनौपचारिक प्रथा है कि भारतीय प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री, विदेश सचिव, सेना और रॉ प्रमुख की पहली विदेश यात्रा भूटान ही होती है. दोनों देशों ने मिलकर भूटान की नदियों की शक्ति को बिजली में ही नहीं, पारस्परिक समृद्धि में भी बदला है.
साल 2018 में डोकलाम विवाद हुआ था, जब चीन ने निर्माण भी शुरू कर दिया था और सेना भी तैनात कर दी गई थी. कहा जा रहा था कि भूटान का भारत पर भरोसा कम हुआ है पर वास्तव में ऐसा था नहीं. लेकिन जहां चीन का मसला है उसमें उसका भारत के साथ ही रहना फायदे का सौदा है.
भूटान हिमालय पर बसा दक्षिण एशिया का एक छोटा और महत्वपूर्ण देश है. यह चीन (तिब्बत) और भारत के बीच स्थित भूमि आबद्ध देश है. इस देश का स्थानीय नाम ड्रुग युल है, यह सांस्कृतिक और धार्मिक तौर से तिब्बत से जुड़ा है, लेकिन भौगोलिक और राजनीतिक परिस्थितियों के मद्देनजर वर्तमान में यह देश भारत के करीब है.
सत्रहवीं सदी के अंत में भूटान ने बौद्ध धर्म को अंगीकार किया. 1865 में ब्रिटेन और भूटान के बीच सिनचुलु संधि पर हस्ताक्षर हुआ, जिसके तहत भूटान को सीमावर्ती भूभाग के बदले कुछ वार्षिक अनुदान के करार किए गए. ब्रिटिश प्रभाव के तहत 1907 में वहां राजशाही की स्थापना हुई. तीन साल बाद एक और समझौता हुआ, जिसके तहत ब्रिटिश इस बात पर राजी हुए कि वे भूटान के आंतरिक मामलों में हस्त्क्षेप नहीं करेंगे लेकिन भूटान की विदेश नीति इंग्लैंड से तय की गई.
भूटान की लगभग आधी आबादी भूटान के मूलनिवासी हैं, जिन्हें गांलोप कहा जाता है. इनका निकट का संबंध तिब्बत की कुछ प्रजातियों से है. इसके अलावा अन्य प्रजातियों में नेपाली है और इनका संबंध नेपाल राज्य से है. उसके बाद शरछोगपा और ल्होछमपा हैं. यहां की आधिकारिक भाषा जोङखा है, इसके साथ ही यहां कई अन्य भाषाएं बोली जाती हैं, जिनमें कुछ तो विलुप्त होने की कगार पर हैं.
भारत के साथ भूटान के रिश्ते की बात करें तो यहां से कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड की डेढ़ लाख डोज 20 जनवरी को भेजी गई हैं. सीरम इंस्टीट्यूट की यह वैक्सीन मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से भूटान के थिम्पू हवाई अड्डे के लिए रवाना हुई थी.