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पहले 14 को नहीं 20 नवंबर को मनाया जाता था बाल दिवस

आज चिल्ड्रंस डे यानि बाल दिवस है. भारत में बाल दिवस भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल की जंयती के दिन मनाया जाता है. इस दिन बच्चों के अधिकार, देखभाल और शिक्षा के बारे में लोगों को जागरुक किया जाता है.

प्रतीकात्मक फोटो प्रतीकात्मक फोटो
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 14 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 8:16 AM IST

आज चिल्ड्रंस डे यानि बाल दिवस है. भारत में बाल दिवस भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल की जंयती के दिन मनाया जाता है. इस दिन बच्चों के अधिकार, देखभाल और शिक्षा के बारे में लोगों को जागरुक किया जाता है. पंडित नेहरू को बच्चों से खास लगाव था और उनके जन्मदिन 14 नवंबर को उनका जन्मदिन मनाया जाता है. भारत के अलावा बाल दिवस दुनिया भर में अलग अलग तारीखों पर मनाया जाता है. पंडित नेहरू ने भारत की आजादी के बाद बच्चों की शिक्षा, प्रगति और कल्याण के लिए बहुत काम किया.

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20 नवंबर को होता था बाल दिवस

साल 1925 से बाल दिवस मनाया जाने लगा और 1953 में दुनिया भर में इसे मान्यता मिली. संयुक्त राष्ट्र संघ ने 20 नवबंर को बाल दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की, लेकिन यह अन्य देशों में अलग-अलग दिन मनाया जाता है. भारत में भी पहले यह 20 नवंबर को ही मनाया जाता था, लेकिन 1964 में प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के निधन के बाद सर्वसहमति से ये फैसला लिया गया कि जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन को बाल दिवस के तौर पर माना जाए. इस तरह से भारत को दुनिया से अलग अपना एक बाल दिवस मिला.

आज भी सबके दिलों में जिंदा हैं पंडित जवाहरलाल नेहरू...

अंतरराष्ट्रीय बाल दिवस का उद्देश्य दुनिया भर में बच्चों की अच्छी परवरिश को बढ़ावा देना है. भारत में 14 नवंबर को खास तौर पर स्कूलों में तरह-तरह की मजेदार गतिविधियां, फैंसी ड्रेस कॉम्पटीशन और मेलों का आयोजन होता है. बाल दिवस बच्चों को समर्पित भारत का एक राष्ट्रीय त्योहार है. बता दें कि कई देश बाल संरक्षण दिवस (1 जून) पर बाल दिवस मनाते हैं.

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जवाहर लाल नेहरू

14 नवंबर 1889 में जन्मे जवाहरलाल नेहरू ने स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की. आजादी के बाद वे भारत के प्रथम प्रधानमंत्री बने. वे भारत के विकास का चक्का पूरी तरह घुमा देना चाहते थे. नेहरू ने औद्योगिक विकास की पहल की और उन्होंने आधुनिक भारत की नींव रखी. वे विकसित भारत का सपना देख चुके थे. भारत के आजाद होने के बाद 500 देसी रियासतों को एक झंडे के नीचे लाने से लेकर देश के युवाओं के लिए रोजगार आदि जैसे कार्य कर आधुनिक भारत के निर्माण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

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