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Constitution Day 2021: क्‍या है संविधान दिवस का इतिहास, महत्‍व और वर्तमान में प्रासंगिकता

26 November Constitution Day: भारत के पहले कानून मंत्री डॉ भीमराव रामजी अम्बेडकर को 1947 में संविधान मसौदा समिति के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया और उन्हें देश का नया संविधान लिखने की जिम्मेदारी दी गई.

26 November Constitution Day: 26 November Constitution Day:
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 26 नवंबर 2021,
  • अपडेटेड 9:54 AM IST
  • 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू किया गया
  • 26 नवंबर 1949 को संविधान को अपनाया गया

26 November Constitution Day 2021: 26 नवंबर को हर साल देश में संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है, जो भारत के संविधान को अपनाने की याद दिलाता है. 26 नवंबर, 1949 को संविधान को अपनाया गया और यह 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ. 2015 में, केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्रालय ने नागरिकों के बीच संवैधानिक मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाने के केंद्र के फैसले को अधिसूचित किया.

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इतिहास और महत्‍व
भारत के पहले कानून मंत्री डॉ. भीमराव रामजी अम्बेडकर को 1947 में संविधान मसौदा समिति के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया और उन्हें देश का नया संविधान लिखने की जिम्मेदारी दी गई. अमेरिकी इतिहासकार ग्रानविले सीवार्ड ऑस्टिन ने अम्बेडकर द्वारा तैयार किए गए संविधान को 'सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण एक सामाजिक दस्तावेज' (first and foremost a social document) कहा था. 

क्‍या है वर्तमान में प्रासंगिकता
एक संविधान किसी देश में शासन के लिए आधार प्रदान करता है, जो यह सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है कि सभी के हितों और जरूरतों को ध्‍यान में रखा जाए. भारत एक विविधताओं का देश है.

कश्‍मीर से लेकर कन्‍याकुमारी तक फैले विशाल भारत देश में सैकड़ों भाषाएं, बोली, पहनावे, खान-पान और अन्‍य विविधताएं देखने को मिलती हैं. ऐसे में संविधान ही वह एक कड़ी है जो हर भारतवासी को एक साथ पिरोती है. संविधान देश को हर नागरिक को एक समान अधिकार देता है और एक समान नियमों में बांधता भी है.

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