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आज से करीब 100 साल पहले पहला विश्व युद्ध हुआ था और इस यु्द्ध से पूरी दुनिया को नुकसान हुआ था और इसमें करीब लाखों लोगों ने अपनी जान गवांई थी. 4 साल, 3 महीने और 2 हफ्ते तक चला यह युद्ध आज ही के दिन 1918 में खत्म हुआ था. इस युद्ध के खत्म होने को लेकर आज के दिन को समृति दिवस के रूप में मनाया जाता है. बता दें कि सभी राष्ट्रमंडल देशों में यह दिवस मनाया जाता है, जिनके सैनिक इस युद्ध में शहीद हुए थे.
जंग की कहानी
यह युद्ध 28 जुलाई 1914 को शुरू हुआ था और 11 नवंबर 1918 तक यह जंग चली थी. इस युद्ध में न केवल लाखों लाशें गिरी, बल्कि इससे इतिहास तक बदल गया. 28 जून 1914 को सराएवो, बोस्निया और हर्जेगोविना के इसका संघर्ष शुरू हुआ. ऑस्ट्रिया के आर्चड्यूक फ्रांज फर्डिनेंड की हत्या हुई. एक महीने बाद जर्मनी की मदद से ऑस्ट्रिया-हंगरी ने सर्बिया के खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया. दूसरी तरफ सर्बिया को रूस, ब्रिटेन और फ्रांस का साथ मिला.
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90 लाख लोग मारे गए
इस जंग में 90 लाख लोग मारे गए और औसतन 6 हजार लोगों के हर दिन कत्ल हुए. पूरी लड़ाई में 2 करोड़ लोग जख्मी हुए.
प्रथम विश्व युद्ध में भारत
इस युद्ध में सिख असल नायक रहे, क्योंकि उस दौरान हिंदुस्तानी सिखो की आबादी 2 फीसदी थी, लेकिन उस दौरान भारतीय सेना में 20 फीसदी सिख शामिल थे. उस दौरान सेना में भर्ती के लिए पोस्टर छपवाए गए और सेना में भर्ती होने वाले उम्मीदवार को 15 रुपये प्रति महीने तनख्वाह तय की गई. इसके साथ ही मुफ्त अच्छे कपड़े, अच्छे खाने का वादा भी किया गया.
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प्लास्टिक सर्जरी और सैनिट्री पैड मिला
उस वक्त सर्जन हैरोल्ड गिलीज ने जख्मी हुए लोगों के चेहकों तो दोबारा आकार देकर प्लास्टिक सर्जरी की शुरुआत की. वहीं 1920 में कोटेक्स ब्रांड के तहत महिलाओं के लिए सैनिट्री नेपकिन आए थे.