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कारगिल युद्ध: जीत के लिए वाजपेयी ने कराई थी इस मंदिर में पूजा

1999 में हुए कारगिल युद्ध में आज के ही दिन देश को जीत हासिल हुई थी. पर इससे पहले एक मंदिर में कई घंटों से यज्ञ चल रहा था.

जानें मंदिर की खसियत जानें मंदिर की खसियत

1999 में हुए कारगिल युद्ध में आज के ही दिन देश को जीत हासिल हुई थी. पर बहुत कम लोग जानते हैं कि इस युद्ध में जीत हासिल करने के लिए तत्‍कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने विशेष उपासना कराई थी. ये उपासना भारतीय सेना की कामयाबी के लिए थी.

कहां कराई गई थी पूजा

अटल बिहारी वाजपेयी ने मध्य प्रदेश के दतिया स्थित पीताम्बरा पीठ के मां बगलामुखी मंदिर में विशेष यज्ञ कराया था. ऐसी मान्‍यता है कि इस मंदिर में उपासना से शत्रुओं का नाश होता है. आपको जानकर हैरानी होगी कि जब-जब भी देश पर युद्ध की विपत्ति आई है, तब-तब यहां पर यज्ञ कराया गया है. 1965 व 1971 के युद्ध में भी यहां यज्ञ कराया गया था.

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क्‍यों खास है ये मंदिर

कहा जाता है कि इस मंदिर से कोई पुकार कभी अनसुनी नहीं जाती. ये सिद्धपीठ है. इसकी स्थापना 1935 में परम तेजस्वी स्वामी जी के द्वारा की गई थी. मां पीतांबरा का जन्म स्थान, नाम और कुल आज तक रहस्य बना हुआ है. मां का ये चमत्कारी धाम स्वामी जी के जप और तप के कारण ही एक सिद्ध पीठ के रूप में देशभर में जाना जाता है. यहां चर्तुभुज रूप में विराजमान मां पीतांबरा के एक हाथ में गदा, दूसरे में पाश, तीसरे में वज्र और चौथे हाथ में उन्होंने राक्षस की जिह्वा थाम रखी है.

राजसत्‍ता की देवी माना जाता है

कहते हैं विधि विधान से अगर अनुष्ठठान कर लिया जाए तो मां जल्द ही पूरी कर देती हैं भक्तों की मनोकामना. मां पीतांबरा को राजसत्ता की देवी माना जाता है और इसी रूप में भक्त उनकी आराधना करते हैं. राजसत्ता की कामना रखने वाले भक्त यहां आकर गुप्त पूजा अर्चना करते हैं. माँ पीतांबरा शत्रु नाश की अधिष्ठात्री देवी है और राजसत्ता प्राप्ति में माँ की पूजा का विशेष महत्व होता है.

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