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ज्ञानपीठ पुरस्कार भारतीय ज्ञानपीठ न्यास की ओर से भारतीय साहित्य के लिए दिया जाने वाला सर्वोच्च पुरस्कार है. 1961 में भारतीय ज्ञानपीठ के संस्थापक श्री साहू शांति प्रसाद जैन के पचासवें जन्म दिवस पर इसकी शुरुआत हुई. 1961 के बाद पुरस्कार के स्वरूप का निर्धारण करने के लिए गोष्ठियां होती रहीं और 1965 में पहले ज्ञानपीठ पुरस्कार का निर्णय लिया गया. बता दें कि साल 1965 में पहले पुरस्कार से जी शंकर कुरुप (मलयालम) को सम्मानित किया गया.
भारत का कोई भी नागरिक जो आठवीं अनुसूची में बताई गई 22 भाषाओं में से किसी भाषा में लिखता हो, वो यह पुरस्कार प्राप्त कर सकता है. पुरस्कार में पांच लाख रुपये की धनराशि, प्रशस्तिपत्र और वाग्देवी की कांस्य प्रतिमा दी जाती है. 1965 में 1 लाख रुपये की पुरस्कार राशि से प्रारंभ हुए इस पुरस्कार की राशि को 2005 में 7 लाख रुपए कर दिया गया. 2005 के लिए चुने गए हिन्दी साहित्यकार कुंवर नारायण पहले व्यक्ति थे, जिन्हें 7 लाख रुपए का ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त हुआ. साल 2012 से ज्ञानपीठ पुरस्कार के रूप में दी जाने वाली राशि को 7 लाख रुपये से बढ़ाकर 11 लाख रुपये कर दिया गया है.
क्रांतिकारी कवि थे रामधारी सिंह ‘दिनकर’
ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित साहित्यकारों की सूची-
1965- जी शंकर कुरुप (मलयालम)
1966- ताराशंकर बंधोपाध्याय (बांग्ला)
1967- केवी पुत्तपा (कन्नड़) और उमाशंकर जोशी (गुजराती)
1968- सुमित्रानंदन पंत (हिन्दी)
1969- फिराक गोरखपुरी (उर्दू)
1970- विश्वनाथ सत्यनारायण (तेलुगु)
1971- विष्णु डे (बांग्ला)
1972- रामधारी सिंह दिनकर (हिन्दी)
1973- दत्तात्रेय रामचंद्र बेन्द्रे (कन्नड़) और गोपीनाथ महान्ती (ओड़िया)
1974- विष्णु सखा खांडेकर (मराठी)
1975- पी.वी. अकिलानंदम (तमिल)
1976- आशापूर्णा देवी (बांग्ला)
1977- के. शिवराम कारंत (कन्नड़)
1978- एच. एस. अज्ञेय (हिन्दी)
1979- बिरेन्द्र कुमार भट्टाचार्य (असमिया)
1980- एस.के. पोट्टेकट (मलयालम)
1981- अमृता प्रीतम (पंजाबी)
1982- महादेवी वर्मा (हिन्दी)
1983- मस्ती वेंकटेश अयंगर (कन्नड़)
1984- तक्षी शिवशंकरा पिल्लई (मलयालम)
1985- पन्नालाल पटेल (गुजराती)
1986- सच्चिदानंद राउतराय (ओड़िया)
1987- विष्णु वामन शिरवाडकर कुसुमाग्रज (मराठी)
1988- डॉ. सी नारायण रेड्डी (तेलुगु)
1989- कुर्तुल एन. हैदर (उर्दू)
1990- वी.के.गोकक (कन्नड़)
1991- सुभाष मुखोपाध्याय (बांग्ला)
1992- नरेश मेहता (हिन्दी)
1993- सीताकांत महापात्र (ओड़िया)
1994- यूआर अनंतमूर्ति (कन्नड़)
1995- एमटी वासुदेव नायर (मलयालम)
1996- महाश्वेता देवी (बांग्ला)
1997- अली सरदार जाफरी (उर्दू)
1998- गिरीश कर्नाड (कन्नड़)
1999- निर्मल वर्मा (हिन्दी) और गुरदयाल सिंह (पंजाबी)
2000- इंदिरा गोस्वामी (असमिया)
2001- राजेन्द्र केशवलाल शाह (गुजराती)
2002- दण्डपाणी जयकान्तन (तमिल)
2003- विंदा करंदीकर (मराठी)
2004- रहमान राही (कश्मीरी)
2005- कुंवर नारायण (हिन्दी)
2006- रवीन्द्र केलकर (कोंकणी) और सत्यव्रत शास्त्री (संस्कृत)
2007- ओएनवी कुरुप (मलयालम)
2008- अखलाक मुहम्मद खान शहरयार (उर्दू)
2009- अमरकान्त व श्रीलाल शुक्ल (हिन्दी)
2010- चन्द्रशेखर कम्बार (कन्नड)
2011- प्रतिभा राय (ओड़िया)
2012- रावुरी भारद्वाज (तेलुगू)
2013- केदारनाथ सिंह (दोनों हिन्दी)
2014- भालचन्द्र नेमाड़े (मराठी)
2015- रघुवीर चौधरी (गुजराती)
2016– शंख घोष (बांग्ला)
2017– कृष्णा सोबती (हिन्दी)
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