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राजनीतिक चुनाव लड़ने वाली पहली महिला थीं कमलादेवी, गूगल ने बनाया डूडल

सर्च इंजन गूगल ने आज डूडल के माध्यम से भारत की समाज सुधारक और स्वतंत्रता सेनानी कमलादेवी चट्टोपाध्याय को याद किया है. आज कमलादेवी का 115वां जन्मदिवस है.

कमलादेवी चटोपाध्याय (गूगल डूडल) कमलादेवी चटोपाध्याय (गूगल डूडल)
मोहित पारीक
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  • 03 अप्रैल 2018,
  • अपडेटेड 12:25 PM IST

सर्च इंजन गूगल ने आज डूडल के माध्यम से भारत की समाज सुधारक और स्वतंत्रता सेनानी कमलादेवी चट्टोपाध्याय को याद किया है. आज कमलादेवी का 115वां जन्मदिवस है. एक सामाजिक कार्यकर्ता, कला और साहित्य की समर्थक भी थीं. साथ ही उन्हें भारत की आजादी के संग्राम में उनके योगदान के लिए भी याद किया जाता है. गूगल ने उनके कुछ क्रिएचर बनाकर उन्हें याद किया है, जिसमें उनकी कला, साहित्य से जुड़ी कई तस्वीरें भी लगाई गई है. आइए जानते हैं कमलादेवी चटोपाध्याय के जीवन से जुड़ी कई अहम बातें...

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- कमला देवी भारत की समाजसुधारक, स्वतंत्रतासंग्राम सेनानी, तथा भारतीय हस्तकला के क्षेत्र में नवजागरण लाने वाली गांधीवादी महिला थीं.

- उन्होंने सामाजिक सेवा के लिए पद्म भूषण और मैग्ससे से सम्मानित किया गया था.

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- उनका जन्म 3 अप्रैल, 1903 को मंगलोर (कर्नाटक) के एक सम्पन्न ब्राह्मण परिवार में हुआ था. मंगलौर और लंदन यूनिवर्सिटी के बेडफोर्ड कॉलेज से समाजशास्त्र में डिप्लोमा प्राप्त किया.

- प्रकृति की दीवानी कमला देवी ने 'ऑल इंडिया वीमेन्स कांफ्रेंस' की स्थापना की. वो पहली ऐसी भारतीय महिला थीं, जिन्होंने 1920 के दशक में राजनीतिक चुनाव में खड़े होने का साहस जुटाया था, वह भी ऐसे समय में जब बहुसंख्यक भारतीय महिलाओं को आजादी शब्द का अर्थ भी नहीं मालूम था.

- उन्होंने गांधी जी के 'नमक आंदोलन' और 'असहयोग आंदोलन' में हिस्सा लेने वाली महिलाओं में से एक थीं.

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- नमक कानून तोड़ने के मामले में बांबे प्रेसीडेंसी में गिरफ्तार होने वाली वे पहली महिला थीं. स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान वे चार बार जेल गईं और पांच साल तक सलाखों के पीछे रहीं.

- उन्होंने देश के विभिन्न हिस्सों में बिखरी समृद्ध हस्तशिल्प और हथकरघा कलाओं की खोज की दिशा में अद्भुत एवं सराहनीय कार्य किया. कमला चट्टोपाध्याय पहली भारतीय महिला थीं, जिन्होंने हथकरघा और हस्तशिल्प को न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई.

- उनकी प्रमुख रचनाओं में 'द अवेकिंग ऑफ इंडियन वोमेन', 'जापान इट्स विकनेस एंड स्ट्रेन्थ', 'अंकल सैम एम्पायर', 'इन वार-टॉर्न चाइना' और 'टुवर्ड्स ए नेशनल थिएटर' शामिल है.

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