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महिलाओं के अधिकारों के लिए हो गई कुर्बान...

जानिए एक ऐसी महिला के बारे में जिसने महिलाओं को उनके अधिकार दिलाने के लिए अपनी जान तक कुर्बान कर दी.

Emily Davison Emily Davison
स्नेहा
  • नई दिल्ली,
  • 04 जून 2016,
  • अपडेटेड 12:28 PM IST

सफरजेट एमिली डेविसन ने साल 1913 में 4 जून को महिला के अधिकारों के लिए अपनी जान दांव पर लगा दी.

जानिए महिला अधिकारों के लिए लड़ने वाली इस बहादुल महिला के बारे में...
1. सफरजेट आंदोलन (महिलाओं को वोटिंग का अधिकार) की तरफ ध्यान खींचने के लिए वो राजा जॉर्ज पंचम के घोड़ों के सामने आ गई थीं.

2. 9 बार जेल में डाला गया और 101 बार जबर्दस्ती खान खिलाया गया.

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3. 8 जून को उनका निधन हो गया. अंतिम संस्कार में हजारों लोगों ने शिरकत की.

4. इतिहासकार इस बात से सहमत हैं कि डेविसन खुदकुशी करने के लिए नहीं बल्कि अपने उद्देश्य की तरह से ध्यान खींचने के लिए घोड़ों के सामने आ गईं थीं.

5. वो जहां दफ्न हैं, वहां लिखा है 'कर्म, शब्द नहीं!' यह बात सफरजेट में यकीन रखने वालों का मशहूर नारा है.

6. ब्रिटेन ने आखिरकार साल 1928 में महिलाओं को मतदान का अधिकार दिया.

सौजन्य: NEWSFLICKS

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