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आज है सशस्त्र सेना झंडा दिवस, जानिए- क्यों है खास?

आज सशस्त्र सेना झंडा दिवस मनाया जा रहा है. ये उन जांबाज सैनिकों के प्रति एकजुटता दिखाने का दिन है जो देश की तरफ आंख उठाकर देखने वालों की ओर से लोहा लेते हुए शहीद हो गए.

प्रतिकात्मक तस्वीर प्रतिकात्मक तस्वीर
अनुज कुमार शुक्ला
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  • 07 दिसंबर 2017,
  • अपडेटेड 8:24 AM IST

7 दिसंबर को सशस्त्र सेना झंडा दिवस मनाया जाता है. 'सशस्त्र सेना झंडा दिवस' देश की सेना के प्रति सम्मान प्रकट करने के दिन के रूप में यह पर्व मनाता है. ये उन जांबाज सैनिकों के प्रति एकजुटता दिखाने का दिन है जो देश की तरफ आंख उठाकर देखने वालों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए. झंडा दिवस 7 दिसंबर, 1949 से भारतीय सेना द्वारा हर साल मनाया जाता है.

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सशस्त्र झंडा दिवस देश की सुरक्षा में शहीद हुए सैनिकों के परिवार के लोगों के कल्याण के लिए मनाया जाता है. इस दिन झंडे की खरीद से इकठ्ठा हुए धन को शहीद सैनिकों के आश्रितों के कल्याण में खर्च किया जाता है.

ऐसे मिला 'सशस्त्र' नाम

आजादी के बाद सरकार को लगा कि सैनिकों के परिवार वालों की जरूरतों का ख्याल रखने की आवश्यकता है, इसलिए 7 दिसंबर 1949 को झंडा दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया गया. शुरूआत में इस दिन को झंडा दिवस के रूप में मनाया गया लेकिन साल 1993 में इस दिन को 'सशस्त्र सेना झंडा दिवस' का नाम दे दिया गया. इसके बाद से ये दिन सशस्त्र सेना द्वारा मनाया जाने लगा. सशस्त्र झंडा दिवस के द्वारा जमा हुई राशि युद्ध वीरागनाओं, सैनिकों की विधवाओं, दिव्यांग सैनिगक और उनके परिवार वालों के कल्याण पर खर्च की जाती है.

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तीन प्रमुख भाग

भारतीय शस्‍त्र सेना में तीन प्रमुख भाग भारतीय थलसेना, भारतीय जलसेना और भारतीय वायुसेना हैं. भारत के राष्ट्रपति भारतीय सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर हैं. भारतीय सशस्त्र बलों भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय (रक्षा मंत्रालय) के प्रबंधन के तहत कर रहे हैं. विकिपीडिया के मुतबिक14 लाख से अधिक सक्रिय कर्मियों की ताकत के साथ यह दुनिया का सबसे बड़ा 3 सैन्य बल (military force) है, और दुनिया के सबसे बड़े स्वयंसेवक सेना है.

भारतीय थलसेना (Indian army): भारतीय थलसेना, सेना की भूमि-आधारित दल की शाखा है और यह भारतीय सशस्त्र बल का सबसे बड़ा अंग है. भारत का राष्ट्रपति, थलसेना का प्रधान सेनापति होता है और इसकी कमान भारतीय थलसेनाध्यक्ष के हाथों में होती है जो कि चार स्टार जनरल स्तर के अधिकारी होते हैं.

भारतीय नौसेना(Indian Navy): भारतीय नौसेना अपने गौरवशाली इतिहास के साथ भारतीय सभ्यता और संस्कृति की रक्षक है. 55,000 नौसेनिको से लैस यह विश्व की पांचवी सबसे बड़ी नौसेना है. ये भारतीय सीमा की सुरक्षा को प्रमुखता से निभाते हुए विश्व के अन्य प्रमुख मित्र राष्ट्रों के साथ सैन्य अभ्यास (मिलिट्री प्रैक्टिस) में भी सम्मिलित होती है.

भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) : भारतीय सशस्त्र सेना का ये अंग है वायु युद्ध, वायु सुरक्षा, और वायु चौकसी का महत्वपूर्ण काम देश के लिए करती है. इसकी स्थापना 8 अक्टूबर 1932 को की गई थी. साल 1950 से पहले इसे रॉयल इंडियन एयरफोर्स के नाम से जाना जाता था.

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भारतीय सेना के कमांडर

भारतीय सेना के प्रमुख कमांडर भारत के राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविन्द हैं. यह दुनिया के सबसे बड़ी और प्रमुख सेनाओं में से एक है. संख्या की दृष्टि से भारतीय थलसेना के जवानों की संख्या दुनिया में चीन के बाद सबसे अधिक है.

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बता दें, जबसे भारतीय सेना का गठन हुआ है, भारत ने दोनों विश्वयुद्ध में भाग लिया है. भारत की आजादी के बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान के खिलाफ तीन युद्ध 1948, 1965, तथा 1971 में लड़े हैं जबकि एक बार चीन से 1962 में भी भिड़ चुका है.

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