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जब दुनिया की सबसे ऊंची चोटी एवरेस्ट पर पहली बार लहराया भारतीय झंडा, 17 साल तक रहा वर्ल्ड रिकॉर्ड

On This Day History 20 May: 20 मई 1965 को पहली बार कोई भारतीय दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर पहुंच था. कैप्टन अवतार सिंह चीमा के नेतृत्व में 9 भारतीयों के ग्रुप ने एवरेस्ट पर पहुंचकर तिरंगा झंडा फहराया था.

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aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 20 मई 2022,
  • अपडेटेड 2:12 PM IST
  • जब भारतीयों ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी पर रखा था कदम
  • माउंट एवरेस्ट पर पहुंचने वाला चौथा देश था भारत

On This Day History: 20 मई, ये तारीख भारत के इतिहास में एक बड़े दिन के तौर पर दर्ज है. आज से 57 साल पहले इसी तारीख को दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट (Mount Everest) पर भारत का तिरंगा झंडा लहराया था. यह पल आज भी हर भारतीय को गर्व का एहसास कराता है. दो असफल प्रयासों के बाद, 20 मई 1965 को किसी भारतीय ने पहली बार एवरेस्ट फतेह किया था. उस समय यह गौरव हासिल करने वाला भारत चौथा देश बन गया था.

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कैप्टन अवतार सिंह चीमा के नेतृत्व में 9 भारतीयों के ग्रुप ने मई 1965 में एवरेस्ट पर पहुंचकर तिरंगा झंडा फहराया था. भारत ने इसी के साथ 9 पर्वतारोहियों के साथ एवरेस्ट के शिखर तक पहुंचने का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था, जो 17 साल तक कायम रहा. दो असफल प्रयासों के साथ यह भारतीय सेना का तीसरा मिशन था. अवतार सिंह चीमा माउंट एवरेस्ट की चोटी पर पहुंचने वाले दुनिया के 16वें व्यक्ति थे. वह उस समय 7वीं बीएन पैराशूट रेजिमेंट में कप्तान थे लेकिन बाद में उन्हें कर्नल के रूप में प्रमोट कर दिया गया.

दुनिया के सबसे ऊंची चोटी पर पहुंचने वाले अवतार सिंह चीमा के साथ उनके साथी नवांग गोम्बू, सोनम ग्यात्सो, सोनम वांग्याल, चंद्र प्रकाश वोहरा, अंग कामी, एच.पी.एस. अहलूवालिया, हरीश चंद्र सिंह रावत और फु दोरजी थे. चीमा, एम.एस. कोहली और शेरपा नवांग गोम्बू ने 20 मई को चोटी पर पहुंचे थे और उसके बाद 22 मई को सोनम ग्यात्सो और सोनम वांग्याल, 24 मई को सी.पी. वोहरा और शेरपा अंग कामी और 29 मई को एच.पी.एस. अहलूवालिया, एच.सी.एस. रावत और फु दोर्जे ने एवरेस्ट फतह किया था.

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बता दें कि इससे पहले भारतीय सेना ने माउंट एवरेस्ट फतेह करने के लिए दो बार दल भेजा था. पहली बार भारतीय दल एवरेस्ट की चोटी से सिर्फ 700 फुट की दूरी पर रह गया था जबकि दूसरी कोशिश में 400 फुट की दूरी पर ही खराब मौसम के कारण मिशन रोकना पड़ा था.

 

 

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