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40 साल तक पंजाब पर शासन करने वाले महाराजा रणजीत सिंह की गुरुवार 27 जून को 180वीं पुण्यतिथि थी.पाकिस्तान के लाहौर में उनकी प्रतिमा का उद्घाटन किया गया. यह मूर्ति लाहौर किले में माई जिंदियन हवेली के बाहर एक खुली जगह में स्थित है. यह जगह रणजीत सिंह समाधि और गुरू अर्जुन देव के गुरुद्वारा डेरा साहिब के नजदीक है. बता दें, हवेली का नाम रणजीत सिंह की सबसे छोटी महारानी के नाम पर रखा गया है. यहां सिख प्रदर्शनी लगी है जिसे सिख गैलरी कहा जाता है. आइए जानते हैं महाराजा रणजीत सिंह के बारे में.
- महाराजा रणजीत सिंह का जन्म 13 नवंबर 1780 को पाकिस्तान में हुआ था. उन्हें सिखों के बड़े महाराजाओं में गिना जाता है. रणजीत सिंह ऐसे व्यक्ति थे, जिन्होंने न केवल पंजाब को एक सशक्त सूबे के रूप में एकजुट रखा, बल्कि जीवित रहते हुए अंग्रेजों को अपने साम्राज्य के पास भी नहीं फटकने दिया.
- 1798 में जमन शाह के पंजाब से लौटने पर लाहौर पर कब्जा कर उसे राजधानी बनाया. भारत पर हमला करने वाले आक्रमणकारी जमन शाह दुर्रानी को उन्होंने महज 17 साल की उम्र में धूल चटाई थी. वह 21 साल की उम्र में पंजाब के महाराजा बन गए थे.
- आपको बता दें, उनकी आंख बचपन में चेचक की बीमारी से उनकी एक आंख की रोशनी चली गई थी. चेचक की वजह से एक आंख रोशनी जाने पर वे कहते थे 'भगवान ने मुझे एक आंख दी है, इसलिए उससे दिखने वाले हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, अमीर और गरीब मुझे तो सभी बराबर दिखते हैं'.
- बता दें, महाराजा रणजीत सिंह पढ़े-लिखे नहीं थे, लेकिन उन्होंने अपने राज्य में शिक्षा और कला को बहुत प्रोत्साहन दिया. उन्होंने पंजाब में कानून और व्यवस्था कायम की और कभी भी किसी को सजा-ए-मौत नहीं दी.
- महाराजा रणजीत सिंह ने कई शादियां की थीं. जिनमें उनकी पत्नियां सिख, मुस्लिम और हिंदू धर्म की थी. कहा जाता है उन्होंने 20 बार शादी की थी.सभी पत्नियों में से महारानी जिंदियन (जींद कौर) उनकी पसंदीदा पत्नी थीं.
- महाराजा रणजीत सिंह नें लगभग 40 साल (1801-1839 तक) पंजाब पर राज किया था. अपने राज्य को उन्होंने इस कदर शक्तिशाली बना दिया था कि उनके जीते जी किसी आक्रमणकारी सेना की उनके साम्राज्य की और आंख उठाकर देखने की हिम्मत नहीं होती थी. 27 जून, 1839 में महाराजा रणजीत सिंह का निधन हो गया. उस समय वह 59 साल के थे.
कैसी है रणजीत सिंह की मूर्ति
- महाराजा रणजीत सिंह की प्रतिमा 8 फीट की है. इस प्रतिमा को तैयार करने में पूरे 8 महीने लगे हैं. इसे म्यूजियम के डायरेक्टर फकीर सैफुद्दीन की निगरानी में बनाया गया है.
मूर्ति के अनावरण के लिए भारत से पहुंचे सिख
पाकिस्तान ने 463 भारतीय सिख श्रद्धालुओं के लिए वीजा जारी किया. पाकिस्तान ने यह वीजा 27 जून से 6 जुलाई तक के लिए जारी किया है. 27 जून से 6 जुलाई तक यह कार्यक्रम चलेगा.