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Swami Vivekanand Birth Anniversary: जानि‍ए, स्‍वामी विवेकानंद का हिंदू धर्म के बारे में क्‍या कहना था

स‍िर्फ भारत ही नहीं बल्‍क‍ि पूरी दुनिया को वेदांत दर्शन का रास्ता दिखाने वाले स्वामी विवेकानंद की आज जयंती है. आइए आज जानते हैं हिंदू सहित अलग-अलग धर्मों को लेकर स्‍वामी विवेकानंद की क्‍या राय थी.

Swami Vivekanand Birth Anniversary Swami Vivekanand Birth Anniversary
aajtak.in
  • नई द‍िल्‍ली,
  • 12 जनवरी 2021,
  • अपडेटेड 11:57 AM IST

स्वामी विवेकानंद की आज पुण्‍यतिथि‍ है. स्‍वामी जी के बारे में जब भी चर्चा होती है तो उनके श‍िकागो में हुए धर्म सम्‍मेलन के भाषण का जिक्र जरूर होता है. जाहिर है, ऐसा इसलिए क्‍योंकि धर्मों को लेकर उनका ज्ञान असीमित था. वो भारत में धर्म की जरूरत से लेकर हिंदू धर्म के बारे में भी एक विशेष राय रखते थे. आज उनकी जयंती पर जानते हैं कि हिंदू धर्म के बारे में वो क्या सोचते थे. 
 
दिल्‍ली यूनिवर्सिटी के दिल्‍ली स्‍कूल ऑफ जर्नलिज्‍म के मानक निदेशक और समाजशास्‍त्री प्रो जेपी दुबे ने aajtak.in से बातचीत में स्‍वामी विवेकानंद की विचारधारा और समाज पर उसके असर पर बातचीत की. उन्‍होंने कहा क‍ि स्‍वामी विवेकानंद धर्म के बारे में प्रगतिशील सोच रखते थे. उन्‍होंने दुनिया को बताया क‍ि हिंदू धर्म हमेशा परिष्‍कृत करने और इंप्रूव करने के लिए व्‍यक्‍त‍ि को तैयार करता है. 

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अवध विश्‍वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ मनोज दीक्ष‍ित ने कहा क‍ि स्‍वामी जी किसी भी धर्म की उपेक्षा नहीं करते थे. उन्‍होंने दुनिया के सामने जो वेदांत दर्शन रखा वो वाकई धर्म की सही वि‍वेचना करता है; स्‍वामीजी कहते थे क‍ि हम लोग वेदांत के बिना सांस तक नहीं ले सकते हैं. जीवन में जो भी हो रहा है, सभी में वेदांत का प्रभाव है. 

क्‍या है वेदांत दर्शन

स्‍वामी विवेकानंद कहते थे कि‍ वेदांत ही सिखाता है क‍ि कैसे धार्मिक विचारों की विविधता को स्वीकार करना चाहिए. सभी को एक ही विचारधारा के अन्तर्गत लाने की कोश‍िश नहीं करनी चाहिए. वेदांत विश्व के एकत्व की बात करता है. 

हिंदू धर्म के बारे में स्‍वामी विवेकानंद ने क्‍या कहा

स्वामी विवेकानंद ने कहा कि हिंदू धर्म का असली संदेश लोगों को अलग-अलग धर्म संप्रदायों के खांचों में बांटना नहीं, बल्कि पूरी मानवता को एक सूत्र में पिरोना. गीता में भगवान कृष्ण ने भी यही संदेश दिया था कि अवग-अलग कांच से होकर हम तक पहुंचने वाला प्रकाश एक ही है. ईश्वर ने भगवान कृष्ण के रूप में अवतार लेकर हिंदुओं को बताया क‍ि मोतियों की माला को पिरोने वाले धागे की तरह मैं हर धर्म में समाया हुआ हूं. तुम्हें जब भी कहीं ऐसी असाधारण पवित्रता और असामान्य शक्ति दिखाई दे, जो मानवता को ऊंचा उठाने और उसे सही रास्ते पर ले जाने का काम कर रही हो, तो समझ लेना मैं वहां मौजूद हूं.

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