
यशवंतराव बलवंतराव चव्हाण महाराष्ट्र के पहले मुख्यमंत्री थे. वह भारत के पांचवे उपप्रधानमंत्री भी रहे. आज ही तारीख में 25 नवंबर 1984 को दिल्ली में उनका निधन हो गया था. यशवंतराव चव्हाण एक मजबूत कांग्रेस नेता के साथ स्वतंत्रता सेनानी, सहकारी नेता और सामाजिक कार्यकर्ता भी थे. वह लोगों के बीच 'आम आदमी के नेता' के रूप में लोकप्रिय थे. आइए जानते हैं उनके बारे में.
यशवंतराव चव्हाण न सिर्फ भारत के उपप्रधानमंत्री रहे बल्कि वह देश के प्रमुख राजनेता और केन्द्र सरकार के महत्वपूर्ण विभागों के सफल मंत्री भी रहे. उन्होंने किसानों के हित में काफी काम किया. किसानों की बेहतरी के लिए सहकारी समितियों को स्थापित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका भी यशवंतराव चव्हाण ने निभाई.
यशवंतराव चव्हाण का जन्म 12 मार्च, 1914 को महाराष्ट्र के सतारा जिले में एक किसान परिवार में हुआ था. उनका बचपन भारत के स्वतंत्रता संघर्ष को देखते हुए गुजरा जिससे वह काफी प्रभावित हुए थे.
उन्होंने पुणे से कानून की डिग्री ली जिसके बाद वकालत में अपना करियर शुरू कर दिया. 1932 के सविनय अवज्ञा आंदोलन के दौरान ब्रिटिश पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था जिसके साथ ही उनका सार्वजनिक जीवन शुरू हुआ. भारत छोड़ो आंदोलन में कुछ समय भूमिगत रहकर सतारा के आंदोलन में सहायता देते हुए 1943 में वे फिर पकड़ लिए गए थे.
ऐसा रहा राजनीतिक जीवन
जेल से बरी होने के बाद यशवंतराव चव्हाण मुंबई विधानसभा के सदस्य बन गए. 1952 के चुनाव में सफल होने पर उन्हें मंत्रिमंडल में लिया गया. फिर वे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने.
1962 के चीनी आक्रमण के समय जब कृष्ण मेनन को रक्षा मंत्री का पद छोड़ना पड़ा तो यशवंतराव चव्हाण ने यह पद संभाला. 1966 तक वे इस पद पर रहे. फिर उन्होंने अपने पॉलिटिकल करियर में क्रमश: गृहमंत्री, वित्त मंत्री और विदेश मंत्री के पद भी संभाले.
आपको बता दें, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री यशवंतराव चव्हाण को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) चीफ शरद पवार का राजनैतिक गुरु माना जाता है. उनकी पुण्यतिथि के मौके पर शरद पवार सतारा जिले के कारड पहुंचे और उन्होंने यशवंतराव चव्हाण को श्रद्धांजलि अर्पित की.