
आज 27 अक्टूबर है. आज के दिन ही 1962 में संयुक्त राज्य अमेरिका और सोवियत संघ के बीच बड़ा परमाणु युद्ध टल गया था. दरअसल, शीत युद्ध के दौरान की तनातनी काफी बढ़ गई थी. मामला इस हद तक बढ़ गया था कि दोनों ही महाशक्तियां परमाणु युद्ध के कगार पर पहुंच गए थे. नौबत यहां तक आ गई थी कि कभी भी दोनों तरफ से परमाणु हमला हो सकता है. इतिहास में इसे क्यूबा संकट के नाम से भी जाना जाता है.
क्यूबा संकट को लेकर दोनों देशों ने एक दूसरे पर परमाणु हमला करने तक की योजना बना ली थी. 22 अक्टूबर को राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी ने अपने सोवियत संघ को चेतावनी दी थी. उन्होंने सोवियत संघ को क्यूबा में परमाणु हथियार रखने के अपने कार्यक्रम को रोकने को कहा था. क्योंकि अमेरिका को पता लग चुका था कि सोवियत संघ ने क्यूबा में परमाणु हथियार जुटा रहा है.
क्यूबा आ रहा था सोवियत संघ का परमाणु हथियार
साथ ही सोवियत संघ की क्यूबा में हथियारों की अतिरिक्त खेप भी आ रही थी. ऐसे में अमेरिका ने न सिर्फ क्यूबा की पूरी तरह से नौसेनिक नाकाबंदी कर ली थी, बल्कि सोवियत संघ के पीछे नहीं हटने पर हमला करने तक की तैयारी कर रखी थी. तब दुनिया ने यह देखने के लिए अपनी सांस रोक रखी थी कि क्या दोनों महाशक्तियां आपस में भिड़ेंगी. संकट का स्पष्ट अंत की कोई संभावना नहीं होने के कारण, अमेरिकी सेना को DEFCON 2 में रखा गया था - जिसका अर्थ था कि सामरिक वायु कमान से जुड़ा युद्ध नजदीक है.
अमेरिका ने कर रखी थी क्यूबा की चारों तरफ से नाकाबंदी
अमेरिका ने क्यूबा की चारों तरफ से नौसेनिक नाकेबंदी कर ली थी. 24 अक्टूबर को, पूरी दुनिया के लाखों लोग यह देखने के लिए इंतजार कर रहे थे कि क्या अतिरिक्त मिसाइलों को लेकर क्यूबा जाने वाले सोवियत जहाज द्वीप के चारों ओर अमेरिकी नौसैनिक नाकाबंदी को तोड़ने की कोशिश करेगा. तनातनी के बीच 26 अक्टूबर को सोवियत नेता निकिता ख्रुश्चेव ने केनेडी को एक लंबा पत्र लिखकर सौदा पेश किया.
क्यूबा से हथियार हटाने के लिए सोवियत संघ ने रखी थी दो शर्त
इसके तहत कहा गया कि क्यूबा जाने वाले सोवियत जहाज किसी भी तरह के हथियार नहीं ले जाएंगे. यदि वे क्यूबा की नाकेबंदी हटा दें और संयुक्त राज्य अमेरिका क्यूबा पर कभी आक्रमण न करने की कसम खाता है. उन्होंने निवेदन किया, हमें समझदारी दिखानी चाहिए. इसके बाद आगे बढ़ रहा सोवियत संघ का जहाज आखिरी समय में 27 अक्टूबर को वापस लौट गए.
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तुर्की में तैनात थी अमेरिका की मिसाइलें
दरअसल, सोवियत संघ ने क्यूबा से मिसाइल हटाने की शर्त रखी थी. उसने अमेरिका को तुर्की से मिसाइल हटाने को कहा था. कहा जाता है कि अमेरिका काफी समय से तुर्की से मिसाइल हटाना चाहता था, लेकिन ऐसे समय में तुर्की से मिसाइलें हटाना उन्हें कमजोर दिखने जैसा लगा. इसलिए सोवियत रूस को जवाब दिया गया कि पहले वे क्यूबा से मिसाइल हटा लें. तब तुर्की से अमेरिका मिसाइल हटाएगा. अन्यथा, अमेरिका सैन्य कार्रवाई का सहारा लेगा.
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प्रमुख घटनाएं
27 अक्टूबर को राष्ट्रीय नौसेना दिवस भी मनाया जाता है. संयुक्त राज्य अमेरिका की नौसेना लीग ने 1922 में पहला नौसेना दिवस आयोजित किया था.
27 अक्टूबर, 1978 को मिस्र के अनवर सादात और इज़रायल के मेनाकेम बेगिन को शांति के लिए नोबेल पुरस्कार दिया गया था.
27 अक्टूबर, 1605 को मुगल साम्राज्य के तीसरे शासक अकबर का निधन फतेहपुर सीकरी में हुआ था.