
Albert Einstien Birthday: अगर यह सवाल पूछा जाए कि विज्ञान का सबसे पॉपुलर नियम क्या है, तो अधिकतर लोगों का जवाब होगा E=mc2. इसे महान फिजिसिस्ट एलबर्ट आइंस्टीन ने प्रतिपादित किया था. आइंस्टीन का जन्म 14 मार्च 1879 को हुआ था. उन्होंने 26 वर्ष की उम्र में ही दुनिया को द्रव्यमान (mass) और एनर्जी (energy) का वो नियम दिया जिसने विज्ञान की दशा और दिशा को नया आयाम दिया. आइए आसान भाषा में समझते हैं आइंस्टीन का E=mc2 समीकरण.
क्या है E=mc2 समीकरण?
आइंस्टीन ने अपने समीकरण में बताया कि वास्तव में एनर्जी (E) और मास (m) एक ही एंटिटी हैं और यह आपस में एक दूसरे में परिवर्वित भी हो सकते हैं. इक्वेशन के अनुसार, किसी भी ऑब्जेक्ट के द्रव्यमान का प्रकाश की गति के वर्ग से प्रोडक्ट करने पर उस ऑब्जेक्ट की एनर्जी का मान प्राप्त होता है. इसका मतलब है कि m द्रव्यमान की किसी भी वस्तु की रेस्ट एनर्जी mc2 होती है.
मास और एनर्जी का रिलेशन
एक स्टडी में बताया गया कि अगर एक पेपरक्लिप के हर एटम को (E=mc2 के अनुसार) शुद्ध एनर्जी में बदल दिया जाए तो 18 किलो टन TNT प्राप्त होगा. इतने विस्फोटक से निकलने वाली एनर्जी 1945 के हिरोशिमा एटम बम धमाके की एनर्जी के बराबर होगी. हालांकि, किसी द्रव्यमान को पूरी तरह शुद्ध ऊर्जा में बदला संभव नहीं है.
मास-एनर्जी रिलेशन यह भी दर्शाता है कि यदि मास-एनर्जी ट्रांस्फर के चलते अगर ऑब्जेक्ट से ऊर्जा निकलती है, तो ऑब्जेक्ट का शेष द्रव्यमान भी घट जाएगा. सूर्य जैसे तारे हाइड्रोजन परमाणुओं की रेस्ट एनर्जी से मुक्त ऊर्जा से चमकते हैं जो कि हीलियम बनाने के लिए आपस में जुड़ते हैं. इसमें विशाल ऊर्जा निकलती है जिसका मान हाइड्रोजन परमाणुओं के द्रव्यमान पर निर्भर करता है (E=mc2).