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कौन है ट्रेन हाईजैक करने वाली बलोच लिबरेशन आर्मी? जिसने पाकिस्तान की नाक में दम कर रखा है

बलोच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने चेतावनी दी है कि अगर उनके खिलाफ कोई सैन्य कार्रवाई की गई तो वे सभी यात्रियों को मार डालेंगे. अभी तक कुल छह सैन्यकर्मी मारे जा चुके हैं. जानकारी के मुताबिक ट्रेन में 182 यात्री सवार थे.

सांकेतिक तस्वीर (फोटो- AI जनरेटेड) सांकेतिक तस्वीर (फोटो- AI जनरेटेड)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 11 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 6:39 PM IST

पाकिस्तान में आतंकियों ने ट्रेन हाईजैक कर 182 यात्रियों को बंधक बना लिया है. इसके पीछे बलोच लिबरेशन आर्मी (BLA) का हाथ होने के दावा किया जा रहा है. बलोच लिबरेशन आर्मी संगठन ने दावा किया है कि उसने क्वेटा से पेशावर जा रही जाफर एक्सप्रेस को बोलन में हाईजैक कर लिया है और 182 लोग उसके कब्जे में हैं. यह पहली बार नहीं है जब बीएलए ने पाकिस्तान की नाक में दम कर रखा है. इससे पहले भी कई बार बीएलए ने पाकिस्तान में कई हमले किए हैं.

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कौन है बलोच लिबरेशन आर्मी (BLA)?
बलोच लिबरेशन आर्मी एक विद्रोही और सशस्त्र अलगाववादी संगठन है, जो पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांच में लंबे समय से एक्टिव है. अफगानिस्तान से सटे हुए इस प्रांत के लोगों का मानना है कि उन्हें संसधानों का लाभ नहीं मिल रहा. बलूचिस्तान की स्वतंत्रता और वहां के संसाधनों पर बलोच लोगों का अधिकार स्थापित किया जा सके. इसे आतंकवादी संगठन माना जाता है और यह मुख्य रूप से पाकिस्तानी सेना, सरकारी प्रतिष्ठानों और चीनी निवेश परियोजनाओं (विशेष रूप से CPEC) पर हमले करता है. पाकिस्तान ने साल 2006 में ही बीएलए को आतंकी गुट कह दिया. इसके अलावा बलोच रिपब्लिकन आर्मी और लश्कर-ए-बलूचिस्तान जैसे कई गुट हैं, जो बलूचिस्तान की आजादी मांग रहे हैं.

बलोच लिबरेशन आर्मी का इतिहास
1947 में जब पाकिस्तान बना, तब बलूचिस्तान एक स्वतंत्र रियासत थी, लेकिन 1948 में पाकिस्तान ने इसे बलपूर्वक अपने में शामिल कर लिया. बलूचिस्तान के लोग अपनी राजनीतिक और सांस्कृतिक पहचान को लेकर संघर्ष कर रहे थे. 1970 के दशक में बलोच राष्ट्रवादियों ने कई बार पाकिस्तान से अलग होने की कोशिश की. पाकिस्तान ने 1970 में एक बड़ा सैन्य अभियान चलाया और कई बलोच नेताओं, समुदायों को प्रताड़ित किया गया. तब कई बलोच ग्रुप ने सशस्त्र विद्रोह का रास्ता चुना.

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कहा जाता है कि 1970 में पाकिस्तानी सेना के उत्पीड़न के बाद बलोच नेता मीर हबत खान मारी और उनके बेटे नवाब खैर बख्श मारी ने बलोच लिबरेशन आर्मी (BLA) की स्थापना की थी. साल 2000 के बाद बीएलए ने सशस्त्र संघर्ष शुरू किया, जो अब तक जारी है. 2018 के बाद से BLA पाकिस्तान में लगाता आत्मघाती हमलों को अंजाम दे रहा है.

कितनी खतरनाक है बलोच लिबरेशन आर्मी?
2000 के बाद से बीएलए ने पाकिस्तान में एक के बाद एक कई बार बड़ी चोट पहुंचाई है. वर्तमान में BLA, पाकिस्तान के लिए सबसे बड़ा आंतरिक सुरक्षा खतरा बन गया है. यह संगठन चीन के CPEC प्रोजेक्ट्स पर सीधा हमला करता है, जो कई बार पाकिस्तान और चीन के रिश्तों में तनाव का कारण बनता है. 

2015: कुछ बंदूकधारियों ने तुर्बत के पास मजदूरों के एक कैंप पर अटैक कर 20 लोगों को मार दिया, जो सभी पंजाब और सिंध से थे.
2018: नवंबर में कराची के क्लिफ्टन में चीनी वाणिज्य दूतावास पर हमला. एक घंटे तक चली गोलीबारी में चार लोग मारे गए थे.
2019: ग्वादर के "पर्ल कॉन्टिनेंटल होटल" पर हमला, जहां CPEC से जुड़े चीनी अधिकारी ठहरे थे.
2021: बलूचिस्तान में इंजीनियरों पर आत्मघाती हमला.
2022: कराची विश्वविद्यालय के कन्फ्यूशियस संस्थान के पास एक वैन पर आत्मघाती बम विस्फोट किया जिसमें तीन चीनी शिक्षकों और उनके पाकिस्तानी चालक की मौत हुई.
2022: 78 हमले किए, जिनमें 80 से ज्यादा मौतें हुईं और 137 लोग घायल हुए.
2023: अक्टूबर में केच जिले में छह पंजाबी मजदूरों को मार दिया गया, जिसे खुद स्थानीय अधिकारियों ने टारगेट किलिंग माना था.
2024: अप्रैल में, बलूचिस्तान के नोशकी शहर के पास आतंकवादियों ने पंजाबी यात्रियों के पहचान पत्र की जांच करने के बाद गोली मारकर हत्या कर दी थी.
2024: नवंबर में पाकिस्तान के क्वेटा में रेलवे स्टेशन के अंदर जोरदार धमाका किया जिसमें पाकिस्तानी सेना के 14 सैनिकों समेत 24 लोगों की मौत हुई थी.
2025: 11 मार्च को क्वेटा से पेशावर जा रही जफर एक्सप्रेस को हाईजैक कर 182 लोगों को बंधक बनाया.

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