
भारत सरकार ने आज (09 फरवरी 2024) को देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव और महान कृषि वैज्ञानिक डॉ. एमएस स्वामीनाथन को देश का सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित करने की घोषणा की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट 'एक्स' (पहले ट्विटर) पर ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है. साथ ही तीनों महान लोगों के योगदान के बारे में बताते हुए भारत रत्न की घोषणा की.
किसान राजनेता एवं 5वें प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह ने अपना पूरा जीवन देश और ग्रामीण परिवेश की मर्यादा में जिया है. 29 मई 1987 में 84 साल की उम्र में उनका निधन हो गया था. पामुलापति वेंकट नरसिंह राव (P. V. Narasimha Rao) भारत के 09वें प्रधानमंत्री थे, जो आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री भी रहे. इनका निधन 23 दिसंबर 2004 को 83 वर्ष की उम्र में हुआ था, जबकि हरित क्रांति के जनक कहे जाने वाले डॉ. एमएस स्वामीनाथन ने 28 सितंबर 2023 को 93 साल की उम्र में अंतिम सास ली थी. अब सवाल ये उठता है कि मरणोपरांत भारत रत्न मिलने पर क्या होता है? भारत रत्न पाने के बाद क्या-क्या सुविधाएं मिलती हैं.? उनके परिजनों को को क्या फायदा होता है? आइये जानते हैं-
भारत रत्न किन्हें दिया जाता है?
भारत रत्न देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है. यह सम्मान राष्ट्रीय सेवा जैसे कला, साहित्य, विज्ञान, सार्वजनिक सेवा और खेल के लिए दिया जाता है. अपने क्षेत्र में अहम कार्य और योगदान से देश का गौरव बढ़ाने वाले लोगों को भारत रत्न से सम्मानित किया जाता है. साल 2011 से पहले सिर्फ कला, साहित्य, विज्ञान और समाज सेवा क्षेत्र में उनके योगदान को देखते हुए भारत रत्न दिया जाता था, लेकिन 2011 में इसमें संशोधन किया गयाय अब भारत रत्न के पाने के लिए कोई क्षेत्र निर्धारित नहीं किया गया है. भारत रत्न हासिल करने वाले किसी भी क्षेत्र के हो सकते हैं.
भारत रत्न मिलने पर क्या-क्या सुविधाएं मिलती हैं?
कई दूसरे अवॉर्ड्स की तरह भारत रत्न अवॉर्ड पाने वाले व्यक्ति को रकम नहीं दी जाती है. इसे पाने के बाद कई प्रकार की सुविधाएं दी जाती है. भारत रत्न से सम्मानित व्यक्ति अगर किसी राज्य में जाते हैं तो वहां की सरकार राज्य के अतिथि के रूप में उनका स्वागत करती है. उन्हें परिवहन, बोर्डिंग और राज्य में ठहरने की सुविधा दी जाती है. नियम के आधार पर विस्तारित सुरक्षा भी दी जाती है. भारत रत्न पाने वालों को अहम सरकारी कार्यकर्मों में शामिल होने के न्योता मिलता है. भारत रत्न प्राप्त करने वालों को सरकार वॉरंट ऑफ प्रेसिडेंस में जगह देती है, जिसका इस्तेमाल सरकारी कार्यक्रमों में वरीयता देने के लिए होता है.
दरअसल, भारतीय संविधान के अनुच्छेद 18(1) के अनुसार, पुरस्कार प्राप्त करने वाले अपने नाम के उपसर्ग या प्रत्यय के रूप में 'भारत रत्न' का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं. वे अपने बायोडाटा, विजिटिंग कार्ड, लेटर हेड आदि में 'राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित भारत रत्न' या 'भारत रत्न पुरस्कार प्राप्तकर्ता' जोड़ सकते हैं.
मरणोपरांत सम्मान मिलने पर परिवार के लिए क्या हैं नियम?
अगर किसी शख्सियत को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया जाता है तो उनका नाम मौखिक तौर पर भारत रत्न से सम्मानित जोड़कर लिया जाता है. उनके परिवार के सदस्यों जैसे पति या पत्नी और बच्चों को भी राज्य सरकार अतिथि वाली सुविधाएं देती हैं. उन्हें व्यक्तिगत स्टाफ और ड्राइवर भी दिए जाते हैं. हालांकि परिवार के लिए सुविधाओं को लेकर अभी तक किसी भी तरह के लिखित निर्देश जारी नहीं किए गए हैं.
पहली बार कब और किसे दिया गया था भारत रत्न?
भारत रत्न की शुरुआत 1954 में हुई थी. 02 जनवरी 1954 को तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने इसकी शुरुआत की थी. सबसे पहले स्वतंत्र भारत के पहले गवर्नर जनरल चक्रवर्ती राजगोपालाचारी, पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन और साइंटिस्ट डॉक्टर चंद्रशेखर वेंकट रमन को 1954 में दिया गया था. भारत रत्न सम्मान के लिए हर साल सिर्फ 3 अवॉर्ड दिए जाते हैं.
भारत रत्न में क्या-क्या होता है?
भारत रत्न सम्मान में एक पदक और प्रशस्ति पत्र (Praise Letter) दिया जाता है. भारत रत्न से सम्मानित किए जाने वाले शख्स को भारत के राष्ट्रपति के हस्ताक्षर वाला सर्टिफिकेट और एक प्राचीन पदक दिया जाता है. यह पदक पीपल की पत्ती के आकार का करीब 5.8 सेमी लंबा और 4.7 सेमी चौथा और 3.1 मिमी मोटाई का होता है. ये तांबे धातु का बना होता है. और इस पर चमकते हुए सूर्य की कलाकृति बनी होती है. फिर इसके नीचे हिंदी भाषा में 'भारत रत्न' लिखा होता है.