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अचानक भूकंप आने पर क्‍या करें-क्‍या न करें, ये हैं NDMA की गाइडलाइंस

भूकंप अचानक ही आता है और संभलने का मौका नहीं देता. जबत‍क हम अपने बचाव के उपाय सोचते हैं, तब तक देर हो चुकी होती है. ऐसे में नेशनल डिजास्‍टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (NDMA) ने कुछ गाइडलाइंस जारी की हैं, जिसमें बताया गया है कि अचानक भूकंप आ जाने पर हम कैसे खुद को सुरक्षित कर सकते हैं. 

Earthquake SOP Earthquake SOP
aajtak.in
  • नई दिल्‍ली,
  • 09 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 12:30 PM IST

Dos and Donts during Earthquake: भारत समेत चीन और नेपाल में बीती रात 1:57 मिनट पर भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. दिल्‍ली, यूपी, बिहार, मध्‍य प्रदेश, उत्‍तराखंड और हिमाचल प्रदेश तक भूकंप महसूस किया गया. भूकंप का केन्‍द्र नेपाल में था और रिक्‍टर स्‍केल पर इसकी तीव्रता 6.3 थी. यहां एक घर गिरने से 6 लोगों की मौत भी हो गई. भूकंप अचानक ही आते हैं और संभलने का मौका नहीं देते. जबत‍क हम अपने बचाव के उपाय सोचते हैं, तब तक देर हो चुकी होती है. ऐसे में नेशनल डिजास्‍टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (NDMA) ने कुछ गाइडलाइंस जारी की हैं जिसमें बताया गया है कि अचानक भूकंप आ जाने पर हम कैसे खुद को सुरक्षित कर सकते हैं. 

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भूकंप के दौरान क्या करना है?
भूकंप के दौरान जितना हो सके सुरक्षित रहें. ध्यान रखें कि कुछ भूकंप वास्तव में भूकंप से पहले के झटके होते हैं और बड़ा भूकंप कुछ देर में आ सकता है. अपनी हलचल एकदम कम कर दें और नजदीकी सुरक्षित स्थान तक पहुंचें. तब तक घर के अंदर रहें जब तक कि भूकंप बंद न हो जाए और आप सुनिश्चित हों कि बाहर निकलना सुरक्षित है.

अगर घर के अंदर हों- 

  • जमीन पर लेट जाएं. एक मजबूत टेबल या फर्नीचर के अन्य टुकड़े के नीचे बैठकर खुद को कवर कर लें. यदि आपके आस-पास कोई टेबल या डेस्क नहीं है, तो अपने चेहरे और सिर को अपनी बाहों से ढक लें और किसी कोने में झुक जाएं.
  • कमरे के कोने में, टेबल के नीचे या बिस्तर के नीचे छिपकर अपने सिर और चेहरे को बचाएं.
  • कांच, खिड़कियां, दरवाजे, दीवारें और जो कुछ भी गिर सकता है (जैसे झूमर) से दूर रहें.
  • जब भूकंप आए तो बिस्तर पर ही रहें. अपने सिर को तकिये से सुरक्षित करें. अगर आप किसी गिरने वाली चीज के नीचे हैं तो वहां से हट जाएं.
  • दरवाजे से बाहर भागने का प्रयास तभी करें जब वह आपके पास हो और यदि आप जानते हैं कि दरवाजा मजबूत है.
  • जब तक कंपन बंद न हो जाए, तब तक अंदर ही रहें. रीसर्च से पता चला है कि ज्यादातर लोगों को चोटें तब लगती हैं जब वह इमारतों के अंदर से बाहर निकलने की कोशिश करते हैं. 
  • ध्यान रखें कि बिजली जा सकती है या स्प्रिंकलर सिस्टम या फायर अलार्म चालू हो सकते हैं.

अगर बाहर हों तो-
आप जहां पर हैं, वहां से न हिलें. हालांकि, इमारतों, पेड़ों, स्ट्रीट लाइट्स और यूटिलिटी तारों से दूर रहें.
यदि आप खुली जगह में हैं, तब तक वहीं रहें जब तक कंपन बंद न हो जाएं. सबसे बड़ा खतरा इमारतों से हैं, अधिकांश मौकों पर दीवारों के गिरने, कांच के उड़ने और वस्तुओं के गिरने से चोट लगती हैं.

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यदि चलती गाड़ी में हों-
सुरक्षा अनुमति मिलते ही रुकें और अपनी गाड़ी में ही रहें. इमारतों, पेड़ों, ओवरपास और तारों के पास या नीचे रुकने से बचें.
भूकंप थमने के बाद सावधानी से आगे बढ़ें. सड़कों, पुलों या रैंप से बचें जो भूकंप से क्षतिग्रस्त हो सकते हैं.

अगर मलबे के नीचे फंस गए हों-

  • माचिस न जलाएं.
  • इधर-उधर न घूमें और न ही धूल झाड़ें.
  • एक रूमाल या कपड़े के साथ अपना मुँह ढक दें.
  • किसी पाइप या दीवार पर टैप करें ताकि बचाव दल आपको ढूंढ सकें. यदि उपलब्‍ध हो तो सीटी का उपयोग करें. 
  • केवल अंतिम उपाय के रूप में चिल्‍लाएं. चिल्लाने से आप धूल इन्‍हेल कर सकते हैं.

 

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