
दुबई की प्रिंसेस और प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम की बेटी शेख माहरा ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट किया है. इस पोस्ट में उन्होंने अपने पति से तलाक लेने का ऐलान किया है और तीन बार तलाक लिखकर उनसे अलग होने का कदम उठाया है. शेख माहरा के इस पोस्ट के बाद उनकी काफी चर्चा भी हो रही है.
बता दें कि माहरा ने इंस्टाग्राम पर अपने पति से तलाक का ऐलान करते हुए लिखा है, 'प्यारे पति, जैसा कि आप अन्य लोगों के साथ व्यस्त होंगे. इस बीच मैं हमारे तलाक का ऐलान करती हूं. मैं आपको तलाक देती हूं. मैं आपको तलाक देती हूं और मैं आपको तलाक देती हूं. ध्यान रखना. आपकी एक्स वाइफ.' माहरा की पिछले साल ही शादी हुई थी और अब माहरा ने अलग होने का फैसला किया है.
माहरा ने अपनी पोस्ट में तीन बार तलाक शब्द का जिक्र किया है, ऐसे में सोशल मीडिया पूछ रहे हैं कि क्या प्रिंसेज ने तीन तलाक दिया है. ये शब्द भारत में पिछले दिनों नए कानून आने पर काफी चर्चित रहा था. आइए हम जानते हैं कि तीन तलाक क्या अरब वर्ल्ड में स्वीकार्य है और क्या महिलाएं दे सकती हैं. नहीं तो फिर प्रिंसेज के पोस्ट का मतलब क्या है? ये भी जानते हैं यूएई में तलाक लेने के क्या नियम हैं?
क्या होता है तीन तलाक?
ट्रिपल तलाक को तलाक-ए-बिद्दत कहा जाता है. इसमें पति अपनी पत्नी को एक बार में ही तीन बार तलाक बोल देता है. इसमें तीन बार तलाक बोलते हैं कपल अलग अलग हो जाते हैं, जिसे इंस्टेंट डिवोर्स भी कहा जाता है. इसे फोन, मेल, मैसेज या पत्र के ज़रिए भी दिया जा सकता है. तीन तलाक बोलने के बाद तलाक तुरंत हो जाता है और इसे निरस्त नहीं किया जा सकता. भारत में तो 19 सितंबर 2018 को एक कानून लागू किया गया था, जिसके बाद से तीन तलाक गैर-कानूनी करार दिया गया था. तीन तलाक देने वाले व्यक्ति पर तीन साल तक की जेल, जुर्माना या दोनों होने का प्रावधान है. बता दें कि भारत के अलावा कई इस्लामिक देश ऐसे हैं, जहां तीन तलाक बैन है, जिसमें पाकिस्तान बांग्लादेश जैसे देश भी शामिल हैं.
महिलाएं ले सकती हैं तीन तलाक?
तीन तलाक या इंस्टेंट तलाक में महिलाएं अपनी तरफ से तलाक नहीं ले सकती हैं. महिलाएं अगर खुद से अलग होना चाहती हैं तो इसे खुला कहा जाता है, जिसमें महिलाएं अलग होने की पहल करती है. खुला के जरिए महिला अपने शौहर से संबंध तोड़ सकती है और पत्नी मेहर आदि त्यागने के लिए बाध्य होती हैं. वहीं, अगर कोई महिला सोशल मीडिया पर तीन तलाक की तरह ऐलान कर रही हैं तो इसका मतलब है कि वो पति से अलग होने का ऐलान कर रही हैं, लेकिन आधिकारिक तौर पर तलाक का प्रोसेस अलग है.
क्या यूएई में तीन तलाक की इजाजत है?
बता दें कि यूएई उन मुस्लिम देशों में शामिल हैं, जहां ट्रिपल तलाक (इंस्टेंट डिवोर्स) पर बैन लगा हुआ है. यहां कोई भी इंस्टेंट तलाक नहीं ले सकते हैं और इसे कानूनी तौर पर मान्यता नहीं है. किसी भी कपल को कानूनी रूप से एक दूसरे से अलग होने के लिए एक प्रोसेस को फॉलो करना होगा. यूएई में तलाक का प्रोसेस कोर्ट के जरिए ही शुरू होता है और कोर्ट ही आखिरी फैसला लेता है.
ऐसे में कपल को कोर्ट के सामने पेश होना होगा और कोर्ट उनके बीच सुलह की कोशिश करेगी और ऐसा नहीं होता है तो कोर्ट आखिरी फैसला लेता है. यूएई के पर्सनल स्टेटस लॉ (फेडरल लॉ नंबर 28) में तलाक की कार्रवाई होती है और इसके जरिए बच्चों के अधिकारों का फैसला किया जाता है.
कैसे लेना होता है तलाक?
यूएई की सरकारी वेबसाइट के अनुसार, यूएई में नॉन मुस्लिम और मुस्लिम कपल के लिए अलग अलग नियम है. यूएई में तलाक लेने के लिए सबसे पहले केस दर्ज करना होता है और फिर कोर्ट सुलह करवाने की कोशिश करता है. सुलह करवाना कोर्ट की एक अहम प्रक्रिया है और इसमें दोनों पार्टियां अपनी बात रखती हैं.
अगर सेटलमेंट होता है तो सेटलमेंट का एक ड्राफ्ट तैयार होता है और सुलहकर्ता के सामने इसपर साइन होते हैं. मगर तलाक की स्थिति में सुलहकर्ता एक रेफरल लेटर देता है, जिससे तलाक के मामले को कोर्ट में आगे बढ़ाया जाएगा. इसके बाद कोर्ट तलाक पर फैसला लेता है.
सऊदी में पोर्टल से चलता है तलाक का पता
सऊदी अरब में साल 2019 में एक नियम लागू किया गया था, जिसमें महिलाओं को तलाक की स्थिति में मैसेज के जरिए पता चलता है. यानी अगर पुरुष अपनी पत्नी को तलाक देते हैं तो इसकी जानकारी महिलाओं को मैसेज के जरिए दे दी जाएगी. सरकार ने महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा को लेकर ये कदम उठाया था. इसके बाद इसे पोर्टल से भी जोड़ दिया गया, जिसमें महिलाएं तलाक का स्टेट्स ऑनलाइन भी देख सकती हैं और उन्हें पोर्टल के जरिए तलाक का पता चलता है.