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तो टल गया होता दूसरा विश्व युद्ध... बाल-बाल बचा था हिटलर, जानें किसने रची थी हत्या की साजिश

आज के दिन इतिहास में कुछ ऐसा हुआ था, जिससे भूत और भविष्य का पूरा वैश्विक परिदृश्य बदल सकता था. जानते हैं 8 नवंबर को ऐसी क्या घटना घटित हुई थी.

एडोल्फ हिटलर (Getty) एडोल्फ हिटलर (Getty)
सिद्धार्थ भदौरिया
  • नई दिल्ली,
  • 08 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 8:39 AM IST

आज 8 नवंबर है. आज के दिन  1939 को जर्मनी के तानाशाह एडोल्फ हिटलर की हत्या की कोशिश की गई थी. इस घटना में हिटलर बाल-बाल बचे थे. अगर साजिश रचने वाले अपने मकसद में कामयाब हो गए रहते, तो हो सकता था दूसरा विश्वयुद्ध नहीं होता. 

8 नवंबर 1939  को बीयर हॉल पुटश की 16वीं वर्षगांठ पर हिटलर के भाषण समाप्त होने के तुरंत बाद एक बम विस्फोट हुआ. उनके मंच से उतर कर जाने के तुरंत बाद यह विस्फोट हुआ था. इस वजह से वह बाल-बाल बच गए थे.  

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तख्ता पलट के पहले प्रयास की मनाई जा रही थी वर्षगांठ
दरअसल, हिटलर ने 8 नवंबर 1923 में तख्तापलट का प्रयास किया था. यह हिटलर की सत्ता पर पहली बार कब्ज़ा करने की कोशिश थी. इसमें उसकी गिरफ्तारी हुई थी और नेशनल सोशलिस्ट पार्टी के लगभग खत्म कर दिया गया था. इसे बीयर हॉल पुटश कहा जाता है. बाद में सत्ता हथियाने के बाद इस घटना की वर्षगांठ मनाई जाने लगी. 

हिटलर के मंच से उतरने के बाद हुआ धमाका
इस वजह से वह इस दिन उस घटना की एनिवर्सरी पर ओल्ड गार्ड पार्टी के सदस्यों और सैनिकों को संबोधित कर रहा था जो हिटलर और उसकी फासीवादी पार्टी के शुरुआती दिनों से ही उसके प्रति वफादार थे. हिटलर के हॉल से जाने के ठीक 12 मिनट बाद बम विस्फोट हुआ. तब तक उनके साथ आए महत्वपूर्ण नाजी नेता भी निकल चुके थे. 

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7 लोगों की गई थी जान
इस बम विस्फोट में सात लोग मारे गए और 63 घायल हो गए थे. बम को  मंच के पीछे एक खंभे में छिपा कर रखा गया था. अगले दिन, नाजी पार्टी के आधिकारिक अखबार, वोएलकिशर बेओबैक्टर ने सीधे तौर पर ब्रिटिश गुप्तचर एजेंटों पर दोष मढ़ दिया. यहां तक कि खुद प्रधानमंत्री नेविल चेम्बरलेन को इस साजिश का हिस्सा बताया गया. 

ब्रिटिश खुफिया एजेंसी पर लगाया आरोप
प्रचार का यह काम ब्रिटिशों के प्रति नफरत को भड़काने और जर्मन लोगों को युद्ध के लिए उन्माद में डालने का एक प्रयास था. लेकिन नाजी पार्टी के अंदरूनी सदस्यों को बेहतर पता था - वे जानते थे कि हत्या का प्रयास संभवतः जर्मन नाजी-विरोधी सैन्य साजिश का काम था. 

नाजी सेना के अंदर के विरोधियों ने रची थी साजिश
वास्तविक षड्यंत्रकारियों के करीब पहुंचते हुए, दोष को दूसरे पर मढ़ने की एक चाल के तहत, नाजी पुलिस गेस्टापो प्रमुख हेनरिक हिमलर ने अपने अधीनस्थ वाल्टर शेलेनबर्ग को ब्रिटिश खुफिया एजेंटों से संपर्क करने के लिए हॉलैंड भेजा. इस बैठक का उद्देश्य ब्रिटिशों से यह आश्वासन प्राप्त करना था कि नाजी-विरोधी तख्तापलट की स्थिति में, ब्रिटिश नई सरकार का समर्थन करेंगे.

धोखे से पकड़ लिया दो ब्रिटिश एजेंट
ब्रिटिश एजेंट जर्मन सेना के भीतर चल रहे हिटलर-विरोधी आंदोलन के बारे में जो भी अंदरूनी जानकारी प्राप्त कर सकते थे, उसे प्राप्त करने के लिए उत्सुक थे. शेलेनबर्ग, जो "मेजर शेमेल" के रूप में उनके सामने प्रस्तुत हुआ. हिमलर को बातचीत से ज़्यादा कुछ और चाहिए था. दरअसल,  उन्हें ब्रिटिश एजेंट ही चाहिए थे.

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इसलिए 9 नवंबर को हॉलैंड में एसएस सैनिकों ने शेलेनबर्ग ने बातची के बहाने से दो ब्रिटिश एजेंट, पेन बेस्ट और आरएच स्टीवंस का अपहरण कर लिया. उन्हें  सीमा पार जर्मनी ले गए. हिमलर ने  जर्मन जनता के सामने घोषणा की, कि उन्होंने ब्रिटिश षड्यंत्रकारियों को पकड़ लिया है. जिस व्यक्ति ने वास्तव में उनके कहने पर बम लगाया था, उसका नाम जॉर्ज एल्सर बताया गया, जो एक जर्मन कम्युनिस्ट था और बढ़ई का काम करता था. 

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ऐसे मनगढंत आरोप को पहनाया अमली जामा
यह निश्चित था कि एल्सर ने बम लगाया था, लेकिन भड़काने वाले कौन थे - जर्मन सेना या ब्रिटिश खुफिया - यह अभी भी स्पष्ट नहीं है. तीनों कथित षड्यंत्रकारियों ने युद्ध के दौरान सैक्सनहौसेन एकाग्रता शिविर में समय बिताया. एलसर की हत्या 16 अप्रैल, 1945 को गेस्टापो द्वारा कर दी गई थी. इसलिए वह कभी अपनी कहानी नहीं बता सका. वहीं हिटलर ने सार्वजनिक मुकदमे का जोखिम उठाने की हिम्मत नहीं की.

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प्रमुख घटनाएं 

8 नवंबर, 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए 500 रुपये और 1,000 रुपये के नोट बंद करने का ऐलान किया था. यह घोषणा उसी दिन आधी रात से लागू हो गई थी. 

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8 नवंबर, 1923 को म्यूनिख में एडोल्फ़ हिटलर ने जर्मन सरकार को अपदस्थ करने की नाज़ियों की एक कोशिश का नेतृत्व किया था.

8 नवम्बर 1895 को भौतिक विज्ञानी विल्हेम कॉनराड रॉन्टजन (1845-1923) एक्स-रे का अवलोकन करने वाले पहले व्यक्ति बने, यह एक महत्वपूर्ण वैज्ञानिक प्रगति थी.

8 नवम्बर  1967 - अमेरिका ने नेवादा में परमाणु परीक्षण किया.

8 नवम्बर  1988 - चीन में विनाशकारी भूकंप से 900 लोगों की मौत हुई.

8 नवम्बर  2008- भारत का पहला मानव रहित अंतरिक्ष मिशन चन्द्रयान-1 चन्द्रमा की कक्षा में पहुंचा.

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