
लेबनान में हुए पेजर अटैक के बाद इजरायल की सुरक्षा एजेंसी मोसाद खबरों में है. सोशल मीडिया पर भी लोग बात कर रहे हैं कि मोसाद ने एक बार फिर दिखा दिया है कि किस तरह मोसाद काफी ताकतवर है. साथ ही कहा जा रहा है कि मोसाद ने इस अटैक के जरिए अपनी इंटेलिजेंस का एक और प्रमाण दिया है. दरअसल, मोसाद को लेकर अक्सर कहा जाता है कि वो दुनिया की खतरनाक सीक्रेट एजेंसियों में से एक है. तो आज जानते हैं कि इसके एजेंट कैसे काम करते हैं और ये किस तरह खतरनाक मानी जाती है.
पेजर अटैक से क्यों चर्चा में है मोसाद?
पेजर अटैक के बाद मोसाद की चर्चा इसलिए है, क्योंकि बताया जा रहा है कि इस पूरे अटैक के पीछे मोसाद का हाथ है. स्काई न्यूज अरेबिक की रिपोर्ट में एक सीनियर इजरायली मिलिट्री सोर्स के हवाले से लिखा गया है कि मोसाद के एजेंट्स ने ही हिजबुल्लाह के लोगों की ओर से यूज किए जाने वाले पेजर की बैटरी में विस्फोटक लगा दिए थे. एजेंट्स ने किसी ना किसी तरीके से पेजर में पीईटीएन (पेंटाएरीथ्रिटोल टेट्रानाइट्रेट) लगवा दिए थे और उसके बाद पेजर की बैटरियों का तापमान बढ़ाकर इनमें विस्फोट करवाया गया.
साथ ही कहा जा रहा है कि मोसाद एजेंट्स लंबे समय से इसे लेकर काम कर रहे थे और हिजबुल्लाह को भनक लगे बिना ही उन्होंने विस्फोटक को पेजर तक पहुंचाने का काम किया. इस वजह से मोसाद काफी ज्यादा चर्चा में आ गया है और सोशल मीडिया से लेकर कई रिपोर्ट्स में मोसाद का नाम आ रहा है.
मोसाद की कहानी...
कहा जाता है कि इजरायल के पास सबसे व्यापक और संसाधनों से लैस इंटेलिजेंस एजेंसी है, जिसका नाम है मौसाद. रिपोर्ट्स के अनुसार, इजरायल की खुफिया एजेंसी के एजेंट और सूचना देने वाले लेबनान, सीरिया और कई देशों में मौजूद हैं और कई चीजों पर निगाहें रखते हैं. मौसद को सबसे ज्यादा ताकतवर इसलिए भी माना जाता है कि क्योंकि बार मोसाद ने चरमपंथी नेताओं को सटीक तरीके से मरवाया है और कई सीक्रेट जानकारी सामने लेकर आया है.
इजरायल में मोसाद समेत तीन खुफिया एजेंसी हैं जिनमें शिनबेट और अमन का नाम भी शामिल है. इसमें शिनबेट भारत के इंटेलिजेंस ब्यूरो की तरह काम करती है और आंतरिक सुरक्षा देती है. इन एजेंसियों के नीचे कई और एजेंसियां भी हैं, जो सैटेलाइट, ह्यूमन इंटेलिजेंस, सिग्नल इंटेलिजेंस, सिग्नेचर इंटेलिजेंस पर काम करती हैं. इन एजेंसियों का नाम है- Hummit, Geoint, Masint, Sigint.
मोसाद की खास बात ये है कि ये टेक्नोलॉजी के साथ ही ह्यूमन इंटेलिजेंस पर ज्यादा काम करती है. पेजर अटैक में भी भी ह्यूमन इंटेलिजेंस के बदौलत ही ये अटैक करवाया गया है. मोसाद में 7000 कर्मचारी काम करते हैं, जिसमें खुफिया ऑपरेशन से जुड़ा काम स्पेशल ऑपरेशन डिविजन के पास होता है. मोसाद की रिपोर्टिंग सीधे प्रधानमंत्री को है और टेरेरिज्म यूनिट अलग अलग तरीके से काम करते हैं.
कैसे रहते हैं मोसाद के एजेंट?
- मोसाद एजेंट अक्सर उन लोगों के बीच रहते हैं, जहां उन्हें कोई ऑपरेशन करना होता है. इस पूरे प्रोसेस में वे लंबे समय तक वहां रहते हैं और अपनी पहचान पूरी तरह छिपाकर रखते हैं. अगर मोसाद के कुछ फेमस जासूस के उदाहरण से समझें तो जब मोसाद ने लेफ़्टिनेंट कर्नल एडोल्फ आइकमन के खिलाफ ऑपरेशन किया था, उस वक्त मौसाद के एजेंट किराए का कमरा लेकर वहां आम आदमियों की तरह उस पर नजर रखते थे.
- वहीं, मोसाद एजेंट की बात आती है तो सबसे ऊपर नाम एली कोहेन का आता है. एली ने 1960 में सीरिया में ऑपरेशन किया था. वो रहने वाले मिस्त्र के थे, लेकिन वे सीरियाई माता-पिता से पैदा हुए एक सफल व्यवसायी के रूप में अर्जेंटीना रहे. वहां उन्होंने खुद को सीरियाई प्रवासियों की कई संस्थाओं और गुटों में शामिल करवा लिया. इसके बाद वहां से सीरिया में काम करते रहे.
अर्जेंटीना में रहते हुए एली कोहेन सारिया के दूतावास में काम करने वाले अमान अल हाफिज से मिले, जो 1963 में सीरिया का राष्ट्रपति बना था. कोहेन ने हाफिज से करीबी बढ़ाई. दोनों के रिश्ते इतने अच्छे हो गए कि हाफिज के राष्ट्रपति बनने के बाद उन्होंने कोहेन के लिए रक्षा मंत्री का पद देने की मांग कर दी थी. वो फाइनेंशियल सेना के सारे मामले देखते थे. सीरिया की राजधानी में वो एक आलीशान घर में रहा करते थे. घर में ट्रांसमिशन केबल बिछे रहते थे, ताकि मोसाद को सूचना दी जा सके.
- इनके अलावाफलस्तीन में विद्रोही संगठन हमास का लीडर महमूद अल-मबूह के खिलाफ दुबई में ऑपरेशन किया गया तो मोसाद के लोग फर्जी पासपोर्ट से वहां गए. वहां करीब 33 एजेंट ने मिलकर उसकी हत्या को अंजाम दिया. अक्सर मोसाद एजेंट ऑपरेशन से जुड़े लोगों के बीच रहकर काम करते हैं और आम आदमी की तरह रहते हैं. ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए बाइक आदि का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं.