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यहां लोगों को है हीरे का 'नशा', 200 रुपये से एक दिन में बन रहे करोड़ों के मालिक!

Diamond Mines in Panna: मध्य प्रदेश में एक शहर है पन्ना. पन्ना की मिट्टी हीरों की वजह से जानी जाती है और यहां बड़ी संख्या में लोग इस आस में मिट्टी खोदते रहते हैं कि उन्हें हीरा मिल जाएगा.

पन्ना में बड़ी संख्या में लोग हीरा खोज रहे हैं. पन्ना में बड़ी संख्या में लोग हीरा खोज रहे हैं.
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 25 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 4:01 PM IST

भारत का वो शहर, जहां के अधिकतर लोगों के दिमाग में हर वक्त 'हीरा' ही चलता रहता है. यहां के लोग पूरे परिवार समेत एक ही लक्ष्य रखते हैं और वो है हीरा. उन्हें एक ही आस है कि हीरा मिल जाए. जी हां, इस शहर की मिट्टी ही ऐसी है, जहां पत्थर की तरह हीरे मिलते हैं. यहां अभी तक कई लोगों की किस्मत खुल चुकी है और कई मजदूर सिर्फ एक दिन में ही करोड़पति बन गए. यहां इतनी ज्यादा संख्या में हीरे निकलते हैं कि सरकार समय-समय पर इनकी नीलामी करवाती है और देश-विदेश के व्यापारी इन्हें खरीदने के लिए आते हैं. ये शहर है मध्यप्रदेश का पन्ना. 

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पन्ना को हीरों की नगरी कहा जाता है और यहां लोग माइंस खरीदते हैं या फिर किराए पर लेकर हीरे खोजते हैं.  कई लोगों ऐसे हैं, जो कई सालों से सिर्फ ये ही कर रहे हैं. इनमें से कुछ लोगों की किस्मत जल्दी खुल जाती है तो कुछ लोग अपना पूरा जीवन ही हीरा खोजने में लगा देते हैं. पन्ना के 80 किलोमीटर के क्षेत्र में कई माइंस हैं, यहां व्हाइट, ऑफ कलर और कोकाकोला कलर के हीरे मिलते हैं. यहां अक्सर लोगों को खदान में हीरे मिलते हैं और कई बार 2-3 करोड़ के भी हीरे मिल चुके हैं.

हाल ही में पन्ना में एक मजदूर को अपनी खदान में एक हीरा मिला था, जिसकी कीमत करीब 80 लाख रुपये थी. ये शख्स वैसे तो ट्रैक्टर ड्राइवर है, लेकिन इसके साथ ही अपनी खदान में हीरा भी खोजता रहा है. वो कई साल से हीरा खोजने की कोशिश कर रहा था और उसे पट्टा रिन्यू कराते ही हीरा मिल गया. ये हीरा जेम्स क्वालिटी का है, जिसकी बाजार में काफी डिमांड है. 

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200 रुपये में मिलता है पट्टा

खास बात ये है कि माइंस का पट्टा सिर्फ 200 रुपये में मिलता है और लोग 200 रुपये सालभर के देते हैं और फिर हीरा खोजते हैं. कोई भी शख्स ये पट्टा ले सकता है और ये पट्टा फोटो, आधार कार्ड और दो सो रुपये की फीस जमा करवाकर मिलता है. ये एक साल के लिए मिलता है और उसके बाद फिर पट्टा लेना होता है. इसके लिए 8 गुणा 8 मीटर की एक जगह अलॉट कर दी जाती है, जहां पर खुदाई की जा सकती है. बस शर्त ये होती है कि खुदाई की मिट्टी को वहां से नहीं ले जा सकते और काम होने के बाद उसे वहां ही डालना होता है. इसमें अलग-अलग तरह की जगह मिलती है, जिसमें खुदाई की जा सकती है. 

कैसे हीरा निकाल रहे हैं लोग?

बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, यहां लोग कई सालों से हीरा निकाल रहे हैं. कई लोग ऐसे भी हैं, जिन्हें लाइफ में एक भी बड़ा हीरा नहीं मिला और उनका काफी पैसा बर्बाद हो गया. इसके अलावा कुछ ऐसे लोग भी हैं, जिन्हें अभी तक 20 से ऊपर हीरे मिल चुके हैं. कोई हीरा 50 लाख का है तो कुछ हीरे 2-3 करोड़ में भी बिक रहे हैं. यहां की बड़ी आबादी को अब हीरे का नशा है और लोगों को हर सुबह आस रहती है कि आज कुछ हाथ लग सकता है. मगर अक्सर ये कहानी रोज की रहती है और वे निराश होकर घर चले जाते हैं. 

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ऐसा नहीं है कि सिर्फ पन्ना या आस-पास के क्षेत्र के लोग ही यहां हीरा खोज रहे हैं, इनके अलावा दूसरे राज्यों के भी कई लोग एक रात में अमीर बनने के चक्कर में यहां रोज हीरा खोज रहे हैं. बेरोजगारी और कर्ज होने की वजह से यहां हर किसी को एकदम से अमीर बनने का ये ही ऑप्शन नजर आता है. घर में हर उम्र के लोग हीरा खोज रह हैं, जबकि कुछ घरों में एक शख्स तो सिर्फ हीरा ही खोजता है. 

हीरा बेचने के लिए भी है अलग व्यवस्था?

अगर किसी को हीरा मिल जाता है तो उसे बेचने में ज्यादा दिक्कत नहीं होती है. जिस शख्स को हीरा बेचना होता है, वो हीरे को पन्ना संयुक्त कलेक्ट्रेट स्थित हीरा कार्यालय में जमा करवा देता है, जहां इसकी जांच होती है. इसके बाद सरकार इसकी नीलामी करवाती है और कुछ फीस लेकर खदान मालिक को पैसे मिल जाते हैं. कई लोग रॉयल्टी बचाने के चक्कर में या जल्दी पैसे लेने के चक्कर में इसकी कालाबाजारी भी करते हैं. 
 

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