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अपने डॉगी की परवरिश में इन बातों का रखें ख्याल, दूसरों पर नहीं करेंगे हमला!

लोगों को डॉग्स पालना काफी पसंद होता है, जिसकी वजह से उनके आस-पड़ोस में रहने वाले लोगों के लिए मुसीबत खड़ी हो जाती है. बीते कुछ दिनों में ऐसी कई घटनाएं सामने आई हैं, जहां कुत्तों ने इंसानों पर हमला कर दिया. कुत्ता पालने के लिए यह जरूरी है कि जब वह छोटा हो तभी उसे उसकी परवरिश ऐसी की जाए कि वह हमलावर न बने.

प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटो- Shutterstock) प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटो- Shutterstock)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 14 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 2:36 PM IST

पिछले कुछ दिनों में कई जगह से कुत्तों के इंसानों को काटने के मामले सामने आ चुके हैं. लखनऊ में पिटबुल ने 80 साल की बुजुर्ग महिला को काट लिया था, जिसके बाद उनकी मौत हो गई थी. वहीं, दिल्ली-एनसीआर की भी कुछ सोसाइटीज से कुत्तों द्वारा किए गए हमलों की घटनाएं सामने आई हैं, जिसके बाद बहस शुरू हो गई है कि आखिर कुत्तों की देखरेख किस तरह की जाए और कैसे उनके बिहेवियर को समझ जाए. यहां हम आपको उन तरीकों के बारे में बताने जा रहे हैं जिससे आपको यह पता चलेगा कि आखिर क्या करें, जिससे कुत्ते हमला न करें.

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बचपन से ही दें ट्रेनिंग
कई लोग पालतू कुत्ता तो रख लेते हैं, लेकिन उनकी देखरेख पर खर्च नहीं करते. कुत्तों को बचपन से ही ट्रेनिंग दी जानी चाहिए. आजकल आपको ज्यादातर इलाकों में ट्रेनर दिख जाएंगे, जोकि कम फीस में आपके डॉग्स को अच्छी तरह से ट्रेनिंग दे सकते हैं. इसमें उसे इस बात की ट्रेनिंग दी जाती है कि उसे किस चीज को काटना है और किसे नहीं. वहीं, आपके निर्देशों का भी पालन करना ट्रेनिंग का हिस्सा होता है जोकि जब डॉग की उम्र बढ़ती है, तब ये चीजें काफी फायदेमंद साबित होती हैं.

कुत्ते को कम उम्र से ही बनाएं सामाजिक
घबराए या डरे हुए कुत्ते अप्रत्याशित रूप से हमला करने और सामान्य व्यवहार के खिलाफ काम करने की अधिक संभावना रखते हैं. ऐसे में यदि आप बचपन में ही कुत्ते को बाहर लोगों के पास ले जाएंगे तो सामान्य सामाजिक परिस्थितियों में डर पैदा होने की संभावना कम होगी. वह जब भी किसी नए इंसान को देखेगा तो उस पर हमला नहीं करेगा.  

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अन्य कुत्तों, शोर आदि से करवाएं सामना 
अपने कुत्ते को नियमित रूप से विभिन्न स्थितियों जैसे कि अन्य कुत्तों, तेज शोर, बड़ी मशीनों, साइकिलों या ऐसी किसी भी चीजों से सामना करवाएं. यह चीजें कुत्ते में डर पैदा कर सकती है, जिससे वह हमला कर सकता है. यदि आप कम उम्र से ही डॉग का आमना-सामना इन सबसे करवाते रहेंगे तो फिर धीरे-धीरे डर उसके अंदर से निकल जाएगा और वह हमला नहीं करेगा.

इंसानों की स्किन के साथ कोमलता से पेश आना सिखाएं
कुत्ते यह नहीं जानते हैं कि इंसानों की स्किन कितनी कोमल है और उसके साथ किस तरह से पेश आना है. कई बार वे खेल रहे होते हैं, लेकिन उसके बाद भी उनके दांत स्किन पर चुभ जाते हैं, जिससे रेबीज जैसी बीमारी का खतरा पैदा हो जाता है. इस तरह बचपन से ही कुत्ते को यह सिखाने की जरूरत है कि वह जब भी इंसानों के संपर्क में आए तो किस तरह से बिहेव करे. इंसानों की स्किन को वह काटने की चीज नहीं समझे और सिर्फ हल्के से ही मुंह लगाए. इसके लिए कम उम्र के साथ ही आपको डॉगी के साथ खेलना होगा और उसे हल्के-हल्के से अपने हाथ को उसके मुंह में रखना होगा. हालांकि, यह ध्यान रखे कि वह दांत न गड़ा दे. कुछ दिनों के बाद आप देखेंगे कि वह इंसानों की स्किन के साथ बिहेव करना सीख जाएगा.

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क्रूरता से न करें दंडित
कई बार आपका डॉगी कुछ ऐसी चीजें कर जाता है, जिससे आपको गुस्सा आ सकता है. कई बार वह घर में रखा कोई महत्वपूर्ण सामान को नुकसान पहुंचा देता है तो कई बार आपकी चप्पल ही काट देता है. इसके चलते आप उसे पनिशमेंट देना चाहते हैं तो जरूर दें, लेकिन यह ध्यान रखें कि उसके साथ क्रूरता से पेश नहीं आएं. उसके साथ मारपीट तो बिल्कुल भी नहीं करें. डंडे का इस्तेमाल करने से आपके डॉगी का नेचर और भी हमलावर हो सकता है.

 

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