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जानिए NTA नहीं था तब कैसे होती थीं मेडिकल-इंजीनियरिंग जैसी बड़ी प्रत‍ियोगी परीक्षाएं? ये था तरीका

पहले NEET UG 2024 और फिर UGC NET 2024 परीक्षा, कुछ ही दिनों में देश की इन बड़ी परीक्षाओं में पेपर लीक और गड़बड़ियों की वजह से नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) की कार्यप्रणाली शक के घेरे में है. एनटीए वो एजेंसी है जो देश की टॉप प्रत‍ियोगी परीक्षाएं कराती है. परीक्षाएं इससे पहले भी होती थीं, जानिए- तब परीक्षा आयोजन की क्या प्रणाली थी?

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
अमन कुमार
  • नई दिल्ली,
  • 21 जून 2024,
  • अपडेटेड 1:38 PM IST

पहले NEET UG 2024 और फिर UGC NET 2024 परीक्षा में गड़बड़ी!  महज कुछ दिनों में देश की इन बड़ी परीक्षाओं को आयोजित कराने वाली नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) की कार्यप्रणाली शक के घेरे में आ चुकी है. एनटीए वो एजेंसी है जो सिर्फ मेडिकल प्रवेश परीक्षा NEET या इंजी‍न‍ियरिंग की परीक्षा JEE ही आयोजित नहीं कराती. अब इस एजेंसी को डीयू और जेएनयू जैसी नामी यूनिवर्स‍िटीज में दाख‍िले की जिम्मेदारी भी दी जा चुकी है. अब जब ये एजेंसी पेपरलीक या धांधलियों को लेकर चर्चा में है, ऐसे में हर कोई पहले के स‍िस्टम की बात कर रहा है. आइए जानते हैं कि आख‍िर एनटीए से पहले इन सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के आयोजन की क्या व्यवस्था थी. 

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एनटीए से पहले कौन कराता था इंजीनियर और मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम?

मेडिकल प्रवेश परीक्षाएं: सबसे पहले बात करते हैं देश के मेडिकल कॉलेजों में दाख‍िले की. कैसे साल 1988 से 2018 आते-आजे इन परीक्षाओं के आयोजन कराने वाले प्लेटफार्म बदले. 

AIPMT (ऑल इंडिया प्री-मेडिकल टेस्ट): मेडिकल कॉलेजों में MBBS और BDS कोर्सेज में एडमिशन के लिए यह परीक्षा 1988 से 2019 तक आयोजित की गई थी, जिसका नाम बदलकर अब नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET) कर दिया गया है. यह एक नेशनल लेवल की परीक्षा है, जिसे 2018 तक केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) करवाता था.

इसके अलावा AIIMS (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) प्रवेश परीक्षा: AIIMS दिल्ली और अन्य AIIMS संस्थानों में MBBS कोर्सेज में एडमिशन के लिए अपना अलग एंट्रेंस एग्जाम आयोजित करता था.

राज्य स्तरीय परीक्षाएं: वहीं कुछ राज्यों की अपनी मेडिकल प्रवेश परीक्षाएं अलग होती थीं, जैसे कि महाराष्ट्र स्वास्थ्य विज्ञान प्रवेश परीक्षा (MHT CET) और कर्नाटक चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान संस्थान (KGMU) परीक्षा कराता था. 

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इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाएं

JEE मेन्स (मुख्य): 2006 से 2019 तक, JEE मेन (मुख्य), एक ऑल इंडिया इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम (AIEEE) था जो इंजीनियरिंग कॉलेजों में B.Tech., B.E.और B.Arch. कोर्सेज में एडमिशन का पहला फेज था. यह एंट्रेंस एग्जाम भी सीबीएसई ही आयोजित करता था.

JEE एडवांस (अग्रिम): JEE मेन में सफल उम्मीदवार IIT JEE एडवांस्ड के लिए पात्र थे, जो IITs, NITs और बाकी टॉप इंजीनियरिंग संस्थानों में एडमिशन का दूसरा फेज था. 

राज्य स्तरीय परीक्षाएं: कुछ राज्यों में अपनी इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाएं भी थीं, जैसे कि महाराष्ट्र CET और बिहार प्रौद्योगिकी संस्थान प्रवेश परीक्षा (BCECE) अलग आयोजित होती थी.

एनटीए के गठन के बाद क्या बदला?
साल 2018 में गठन के बाद एनटीए ने NEET और JEE परीक्षाओं को राष्ट्रीय स्तर पर एकीकृत करके और उन्हें ऑनलाइन आयोजित करके प्रवेश प्रक्रिया को सरल और अधिक पारदर्शी बनाने की कोशिश की. एनटीए ने परीक्षा पैटर्न और पाठ्यक्रम में भी बदलाव किए. एनटीए ने परीक्षा केंद्रों की संख्या में वृद्धि की है और परीक्षा आयोजित करने की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने का बीड़ा उठाया था.

क्या था एनटीए के गठन का कारण
मानव संसाधन विकास मंत्रालय (MHRD) ने साल 2017 में हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट्स के एंट्रेंस एग्जाम के लिए एक सिंगल, स्वतंत्र, स्वायत्त निकाय स्थापित करने की घोषणा की थी. 1 मार्च 2018 को, राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) को औपचारिक रूप से स्थापित किया गया. इस एजेंसी को विभिन्न विश्वविद्यालयों और संस्थानों में स्नातक और स्नातकोत्तर कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय स्तर की पात्रता परीक्षाएं (NEET, JEE Main, UGC NET आदि) आयोजित कराने का जिम्मा सौंपा गया. ताकि परीक्षा प्रक्रिया को पारदर्शी, कुशल और निष्पक्ष रहे.

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संदेह के घेरे में आया NTA

NTA ने JEE Main, NEET, UGC NET, JNUEE, CMAT समेत कई महत्वपूर्ण प्रवेश परीक्षाओं को सफलतापूर्वक आयोजित किया है. एजेंसी ने ऑनलाइन आवेदन, परीक्षा आयोजन और परिणाम घोषणा प्रक्रिया में सुधार के लिए कई पहल की हैं. NTA ने विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञता वाले विशेषज्ञों की एक टीम बनाई है. लेकिन इस बात को भी झुठलाया नहीं जा सकता कि परीक्षाओं में अनियमितताओं को लेकर एनटीए पर कई बार सवाल उठ चुके हैं. 2019 से लगभग हर साल नीट, जेईई मेन्स और CUET परीक्षाओं में छोटी-बड़ी गड़बड़ियां देखी गई हैं. लेकिन इस साल नीट यूजी में एक-दो नहीं बल्कि कई गड़बड़ियां सामने आई हैं. चाहे वो पहली बार 720 में से 720 अंक पाने वाले टॉपर छात्रों की संख्या 67 हो, ग्रेस मार्क्स हो या पटना-नालंदा और गोधरा में पेपर लीक के दावे हों, ये सभी एनटीए की कार्यप्रणाली को शक को घेरे में खड़े करते हैं.

अब छात्रों ने उठाए विश्वसनीयता पर सवाल

यूजीसी नेट का एग्जाम 18 जून को आयोजित हुआ और 19 जून को पेपर लीक के चलते रद्द कर दिया गया. वहीं नीट परीक्षा को लेकर हजारों छात्र सड़कों पर हैं और मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है. आज जो एनटीए के सामने सबसे बड़ी चुनौती है वो है अपनी व‍िश्वसनीयता और साख को कायम करना. पेपरलीक की घटनाओं से आक्रोश‍ित देशभर के लाखों छात्र नेशनल टेस्ट‍िंंग एजेंसी की व‍िश्वसनीयता पर सवाल उठा रहे हैं.

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सरकार ने उठाई NTA में सुधार की बात

अब केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी NEET में गड़बड़ियों की बात मानते हुए एनटीए में सुधार की बात कही है. उन्होंने छात्रों को आश्वासन दिया है कि जो भी इस अपराध में संलिप्त पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. एनटीए में भी सुधार की जरूरत है. इसके लिए हाई पॉवर कमेटी बनाकर उसकी संस्तुतियां एनटीए पर लागू की जाएंगी. 

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