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Independence Day 2023: आजादी के 6 साल बाद ही दुनिया की सबसे ऊंची चोटी पर शान से लहराया था तिरंगा, पढ़ें 10 जरूरी बातें

Independence Day 2023: देश में 'फ्लैग कोड ऑफ इंडिया' (भारतीय ध्वज संहिता) नाम का एक कानून है, जिसमें तिरंगे को फहराने के नियम निर्धारित किए गए हैं. इन नियमों का उल्लंघन करने वालों को जेल भी हो सकती है.

Independence Day 2023 Independence Day 2023
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 12 अगस्त 2023,
  • अपडेटेड 1:39 PM IST

Independence Day 2023: भारत इस साल 15 अगस्त को अपना 77वां स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) मनाने के लिए पूरी तरह तैयार है. 1947 में इसी दिन देश ने 200 साल के ब्रिटिश शासन से अपनी आजादी की घोषणा की थी. यह सभी भारतीयों के लिए बेहद गर्व का दिन है क्योंकि हम अपने लाखों स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को याद करते हैं, जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में अपने जीवन का बलिदान दिया था और अपनी अदम्य धैर्य और देशभक्ति से ब्रिटिश साम्राज्य को अंततः पीछे हटने के लिए मजबूर कर दिया था.

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तिरंगे को पहली बार 22 जुलाई, 1947 को भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाया गया था. एक सरकारी वेबसाइट के अनुसार, 15 अगस्त 1947 और 26 जनवरी 1950 के बीच भारत के डोमिनियन के राष्ट्रीय ध्वज और उसके बाद भारत गणराज्य के राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाया गया. राष्ट्रीय ध्वज, जिसे स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस और अन्य महत्वपूर्ण आयोजनों पर फहराया जाता है. आइए जानते हैं राष्ट्रीय ध्वज से जुड़ी 10 बातें जो हर भारतीय को पता होनी चाहिए.

भारतीय राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे में सबसे ऊपर गहरे केसरिया, बीच में सफेद और सबसे नीचे गहरे हरे रंग का समान अनुपात में होता है. झंडे की चौड़ाई और उसकी लंबाई का सरकार द्वारा निर्धारित अनुपात दो से तीन है. सफेद पट्टी के केंद्र में एक गहरे नीले रंग का पहिया होता है जो चक्र का प्रतिनिधित्व करता है. इसका डिज़ाइन उस पहिये का है जो अशोक के सारनाथ सिंह राजधानी (जिसे धर्म चक्र कहा जाता है) के अबैकस पर दिखाई देता है. इसका व्यास लगभग सफेद पट्टी की चौड़ाई के बराबर है और इसमें 24 तीलियां हैं. तिरंगे को आंध्रप्रदेश के पिंगली वैंकैया ने बनाया था. 

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1. किसी मंच पर तिरंगा फहराते समय जब बोलने वाले का मुंह श्रोताओं की तरफ हो तब तिरंगा हमेशा उसके दाहिने तरफ होना चाहिए.
2. आम नागरिकों को अपने घरों या ऑफिस में आम दिनों में भी तिरंगा फहराने की अनुमति 22 दिसंबर 2002 के बाद मिली.
3. 29 मई 1953 में भारत का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा सबसे ऊंची पर्वत की चोटी माउंट एवरेस्ट पर यूनियन जैक और नेपाली राष्ट्रीय ध्वज के साथ फहराता नजर आया था. इस समय शेरपा तेनजिंग और एडमंड माउंट हिलेरी ने एवरेस्ट फतह की थी.
4. किसी भी स्थिति में तिरंगा जमीन पर टच नहीं होना चाहिए. यह इसका अपमान होता है.
5. तिरंगे को किसी भी प्रकार के यूनिफॉर्म या सजावट में प्रयोग में नहीं लाया जा सकता.
6 किसी भी गाड़ी के पीछे, बोट या प्लेन में तिरंगा नहीं लगाया जा सकता. और न ही इसका प्रयोग किसी बिल्डिंग को ढकने किया जा सकता है.
7. किसी भी स्थिति में तिरंगा जमीन पर टच नहीं होना चाहिए. यह इसका अपमान होता है.
8. देश में 'फ्लैग कोड ऑफ इंडिया' (भारतीय ध्वज संहिता) नाम का एक कानून है, जिसमें तिरंगे को फहराने के नियम निर्धारित किए गए हैं. इन नियमों का उल्लंघन करने वालों को जेल भी हो सकती है.
9. तिरंगा हमेशा कॉटन, सिल्क या फिर खादी का ही होना चाहिए. प्लास्टिक का झंडा बनाने की मनाही है.
10. भारत में बेंगलुरू से 420 किमी स्थित हुबली एक मात्र लाइसेंस प्राप्त संस्थान हैं जो झंडा बनाने का और सप्लाई करने का काम करता है.

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