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International Tiger Day 2022: कभी लाखों में थी बाघों की संख्या, जानें क्यों हुई कम और अब कितनी

International Tiger Day 2022: 2010 से हर साल 29 जुलाई को इंटरनेशनल टाइगर डे मनाया जाता है. इस समय एक रिपोर्ट से पता चला कि सभी बाघों में से 97% गायब हो गए है, वैश्विक परिदृश्य में सिर्फ 3,900 बाघ ही जीवित हैं. तभी से बाघों को बचाने और इनकी संख्या बढ़ाने के लिए लोगों को जागरुक किया गया. 2022 में बाघों की संख्या साढ़े चार हजार के आसपास पहुंच गई है.

International Tiger Day 2022 International Tiger Day 2022
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 29 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 8:03 AM IST
  • 29 जुलाई को मनाया जाता है वर्ल्ड टाइगर डे
  • 2010 में हुई थी इस दिन की शुरुआत

International Tiger Day 2022: एक सदी पहले, दुनियाभर भर में लगभग 100,000 बाघ (Tiger) जंगलों पर राज करते थे. लेकिन 21वीं सदी आते-आते केवल 13 देशों में बाघों की संख्या चार हजार से भी कम हो गई. इसलिए साल में एक दिन 29 जुलाई को इंटरनेशनल टाइगर डे (International Tiger Day 2022) मनाया जाता है, ताकि बचे हुए बाघों को बचाया जाए और उनकी संख्या बढ़ सके. 

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केवल इन 13 देशों में ही पाए जाते हैं टाइगर
वर्ल्ड वाइल्ड लाइफ (Wildlife या WWF) की एक रिपोर्ट के मुताबिक एक अनुमान के अनुसार कुछ ही सालों में बाघों की संख्या 95 प्रतिशत घट गई है. अब इनकी आबादी 13 देशों तक सीमित है जिनमें भारत, बांग्लादेश, भूटान, कंबोडिया, चीन, इंडोनेशिया, लाओ पीडीआर, मलेशिया, म्यांमार, नेपाल, रूस, थाईलैंड और वियतनाम शामिल है.

इन कारणों से कम हो रही बाघों की संख्या
बढ़ते वनों की कटाई, अवैध शिकार, इनके रहने वाले जंगलों में कमी, जेनेटिक जाइवर्सिटी, गलती से रिहायशी इलाकों में घुसने से मारा जाना, टाइगर टूरिज्म, नाकाम प्रोजेक्ट और ग्लोबल वार्मिंग समेत ऐसे कई कारण हैं जिनकी वजह से बाघों की संख्या घट रही है. हर साल 29 जुलाई को इन लोगों में जागरुकता बढ़ाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस या वैश्विक बाघ दिवस मनाया जाता है. 

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वर्ल्ड टाइगर डे का इतिहास
वर्ल्ड टाइगर डे की शुरुआत साल 2010 से हुई जब इसे रूस में सेंट पीटर्सबर्ग टाइगर समिट में मान्यता दी गई थी. सभी इस बात से हैरान थे जब एक रिपोर्ट से पता चला कि सभी बाघों में से 97% गायब हो गए है, वैश्विक परिदृश्य में सिर्फ 3,900 बाघ ही जीवित हैं.

2022 में बाघों की संख्या
फिलहाल दुनियाभर में साढ़े चार हजार बाघ हैं जिनमें से 2,967 भारत में बताए जाते हैं. प्रकृति के संरक्षण के लिए अंतर्राष्ट्रीय संघ (The International Union for Conservation of Nature या IUCN) की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2015 में बाघों की संख्या 3200 हो गई थी और 2022 में इनकी संख्या 4500 है.

कितने प्रकार के बाघ हैं
बाघ अलग-अलग रंगों के होते हैं जैसे सफेद बाघ, काली धारियों वाला सफेद बाघ, काली धारियों वाला भूरा बाघ और गोल्डन टाइगर और उन्हें चलते हुए देखना एक अद्भुत नजारा हो सकता है. अब तक बाली टाइगर, कैस्पियन टाइगर, जावन टाइगर और टाइगर हाइब्रिड ऐसी प्रजातियां हैं जो विलुप्त हो चुकी हैं. 

 

 

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