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करगिल की विजयगाथा: पहाड़ पर जंग, ऊपर से गिरते शोले...भारत के शूरवीरों ने PAK सेना को ऐसे चटाई थी धूल

Kargil Vijay Diwas: हर साल 26 जुलाई को उस ऐतिहासिक दिन को चिह्नित करने के लिए करगिल विजय दिवस मनाया जाता है, जब भारत ने 1999 में हुए करगिल युद्ध (India Pakistan War) में पाकिस्तान पर विजय हासिल की थी. करगिल विजय दिवस भारतीय इतिहास में महत्वपूर्ण दिन है. करगिल विजय दिवस देश भर में उन भारतीय नायकों को याद करने के लिए मनाया जाता है जिन्होंने देश के लिए अपने प्राण त्याग दिए.

Kargil Vijay Diwas (Image: LIVING MEDIA INDIA LIMITED) Kargil Vijay Diwas (Image: LIVING MEDIA INDIA LIMITED)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 26 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 12:37 PM IST
  • हर साल 26 जुलाई मनाया जाता है करगिल दिवस

Kargil Vijay Diwas: आज से दो दशक से ज्यादा वक्त पहले करगिल की पहाड़ियों पर भारत के शूरवीरों ने विजयगाथा लिखी थी. भारत के जवानों ने पाकिस्तानी सैनिकों के मनसूबों को धूल चटाई और करगिल की चोटियों पर तिरंगा लहरा दिया. हर भारतीय को गर्व से भर देने वाली वह तारीख थी 26 जुलाई. जिसे हम करगिल विजय दिवस के रूप में मनाते हैं. हर साल 26 जुलाई को उस ऐतिहासिक दिन को चिह्नित करने के लिए करगिल विजय दिवस मनाया जाता है, जब भारत ने 1999 में हुए करगिल युद्ध (India Pakistan War) में पाकिस्तान पर विजय प्राप्त की थी.

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पाकिस्तानी सैनिकों ने करगिल की ऊंची पहाड़ियों पर घुसपैठ करके अपने ठिकाने बना लिए थे. जब भारतीय सेना को इसकी भनक तक नहीं लगी थी, लेकिन जब भारतीय जवानों को पता चला तो उन्होंने पाकिस्तानी सेना के जवानों को खदेड़ दिया और करगिल की चोटियों पर तिरंगा लहराया. करगिल युद्ध 1999 में समाप्त हुआ जब भारतीय सैनिकों ने पाकिस्तानी सेना के कब्जे वाले पर्वतीय चौकियों पर नियंत्रण वापस ले लिया. इसलिए, करगिल विजय दिवस भारतीय इतिहास में महत्वपूर्ण दिन है. करगिल विजय दिवस देश भर में उन भारतीय नायकों को याद करने के लिए मनाया जाता है जिन्होंने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी. 

करगिल विजय दिवस का इतिहास
1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद से, सियाचिन ग्लेशियर को नियंत्रित करने को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच कई संघर्ष और जुड़ाव रहे हैं. मई 1999 में, पाकिस्तानी सशस्त्र बलों ने कश्मीर और लद्दाख के बीच संबंधों को काटने के लिए नियंत्रण रेखा (LOC) में प्रवेश किया.  इस तरह, उन्होंने भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की और भारतीय सैनिकों को निशाना बनाने के लिए पर्वत श्रृंखलाओं पर कब्जा कर लिया. भारत सरकार जल्द ही हरकत में आई और 'ऑपरेशन विजय' का जवाब दिया.

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सिर्फ 46 सेकेंड में जानिए पूरे करगिल युद्ध की कहानी...

 

दो महीने चला युद्ध, भारतीय जवानों ने स्टेप वाइज पाकिस्तानी सेना को हराया
पड़ोसी देशों के बीच दो महीने तक चली लड़ाई तीन चरणों में लड़ी गई. पहले चरण में, पाकिस्तानी सेना ने टाइगर हिल और अन्य चौकियों पर खुद को रखकर भारतीय क्षेत्र पर आक्रमण किया. दूसरे चरण में, भारतीय सेना ने परिवहन मार्गों पर कब्जा करके और पाकिस्तानी आक्रमण के ठिकानों की पहचान करके जवाब दिया. करगिल युद्ध के अंतिम चरण में, भारतीय सेना भारतीय वायु सेना की मदद से पाकिस्तानी सैनिकों को निकालने के मिशन को पूरा करने में सक्षम थी.

526 जवानों के साथ शहीद हुए कैप्टन विक्रम बत्रा
26 जुलाई 1999 को सेना ने पाकिस्तान पर भारत की जीत की घोषणा की. हालांकि, मरने वालों की संख्या बहुत ज्यादा थी क्योंकि युद्ध ने भारतीय पक्ष में 527 लोगों की जान ले ली थी. कैप्टन विक्रम बत्रा उन वीर जवानों में से एक हैं, जिन्होंने देश के लिए लड़ते हुए अपनी जान गंवाई. उन्हें भारत के सर्वोच्च वीरता सम्मान परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था. हाल ही में, कैप्टन बत्रा के जीवन और राष्ट्र के लिए उनके बहादुर योगदान पर शेरशाह नाम की एक फिल्म भी बनाई गई थी.

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करगिल विजय दिवस का महत्व
इस दिन, भारत के प्रधानमंत्री इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति पर सैनिकों को श्रद्धांजलि देते हैं. देश को बाहरी ताकतों से सुरक्षित रखने में भारतीय सेना के योगदान का जश्न मनाने के लिए देश भर में समारोह भी आयोजित किए जाते हैं. शहीदों के परिवारों का भी स्मारक सेवा में स्वागत होता है. चूंकि इस वर्ष करगिल विजय दिवस की 23वीं वर्षगांठ है, इसलिए युद्ध स्मारक पर ध्वजारोहण समारोह के लिए विशेष कार्यक्रमों की भी योजना बनाई गई है. आजतक की ओर से आप सभी को भी करगिल विजय दिवस की शुभकामनाएं!

 

 

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