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Nobel Prize 2023: जानिए- इन दो वैज्ञानिकों के बारे में, जिन्हें मेडिसिन के लिए मिला नोबेल

इस साल यानी साल 2023 में फिजियोलॉजी या मेडिसिन में नोबेल प्राइज जीता है मशहूर वैज्ञानिक कैटालिन कारिको और ड्रू वीसमैन ने. इनकी खोजों ने कोविड -19 के खिलाफ प्रभावी एमआरएनए टीकों के विकास को सक्षम किया है. आइए जानते हैं इन दोनों वैज्ञानिकों के बारे में... 

नोबेल प्राइज विनर्स, साइंटिस्ट कैटालिन कारिको और ड्रू वीसमैन (L to R) नोबेल प्राइज विनर्स, साइंटिस्ट कैटालिन कारिको और ड्रू वीसमैन (L to R)
aajtak.in
  • नई दिल्ली ,
  • 02 अक्टूबर 2023,
  • अपडेटेड 4:10 PM IST

फिजियोलॉजी या मेडिसिन में 2023 का नोबेल पुरस्कार साइंटिस्ट कैटालिन कारिको और ड्रू वीसमैन को दिया गया है. ये सम्मान उन्हें न्यूक्लियोसाइड बेस संशोधनों से संबंधित उनकी खोजों के लिए प्रदान किया गया है, जिसने कोविड -19 के खिलाफ प्रभावी एमआरएनए टीकों के विकास को सक्षम किया है. 

मूल रूप से हंग्री की निवासी कैटलिन कारिको एक जानी-मानी हंगेरियन-अमेरिकी बायोकेमिस्ट हैं. उन्हें आरएनए मिड‍िएटेड मैकेनिज्म में विशेषज्ञ माना जाता है. उनका जन्म 17 जनवरी 1955 में हुआ था. कैटलिन का शोध प्रोटीन थेरेपी के लिए इन विट्रो-ट्रांसक्राइब्ड एमआरएनए का विकास रहा है. उनकी एक पहचान पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर की भी है.

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आसान नहीं रहा बचपन 
कारिको हंगरी के किसुज्सज़ालास में एक छोटे से घर में पली-बढ़ीं, जहां पानी, रेफ्रिजरेटर या टेलीविजन जैसी सुविधाएं तक नहीं थी. उनके पिता एक कसाई थे और उनकी मां एक मुनीम थीं. माता-पिता हंगरी में रिफॉर्म्ड चर्च के सदस्य थे. कारिको ने अपनी प्राथमिक शिक्षा के दौरान विज्ञान में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया. उन्होंने जीव विज्ञान प्रतियोगिता में देश में तीसरा स्थान अर्जित किया. उनकी प्रारंभ‍िक श‍िक्षा एक प्रोटेस्टेंट स्कूल मोरिक्ज़ ज़िगमंड रिफॉर्मैटस जिमनाज़ियम में हुई. 

फिर सेज़ेड विश्वविद्यालय से पीएच.डी. करने के बाद कारिको ने हंगरी के जैविक अनुसंधान केंद्र, जैव रसायन संस्थान में अपना शोध और पोस्ट डॉक्टरल अध्ययन जारी रखा. साल 1985 में जब लैब ने अपनी फंडिंग खो दी और वह अपने पति और 2 साल की बेटी के साथ हंगरी छोड़कर संयुक्त राज्य अमेरिका चली गईं. 

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अमेरिका पहुंचकर जारी रखे शाेध 
यहां आकर उन्होंने वैज्ञानिक शोध जारी रखे. कारिको के काम में आरएनए-मिड‍िएटेड मैकेनिज्म का वैज्ञानिक अनुसंधान शामिल है. इसी वजह से वो अमेरिकी प्रतिरक्षा विज्ञानी ड्रू वीसमैन के साथ न्यूक्लियोसाइड संशोधनों की खोज में जुट गईं. उन्होंने लंबे शोध जो तकनीक ईजाद की, उनकी प्रोटीन प्रतिस्थापन तकनीकों को BioNTech और मॉडर्ना द्वारा विकसित करने के लिए लाइसेंस दिया गया है, लेकिन इसका उपयोग उनके COVID-19 टीकों के लिए भी किया गया था. कारिको और वीसमैन को कई पुरस्कार मिले हैं, जिनमें लास्कर-डेबेकी क्लिनिकल मेडिकल रिसर्च अवार्ड, टाइम मैगजीन का हीरो ऑफ द ईयर 2021 और 2022 में बायोफार्मास्युटिकल साइंस में टैंग पुरस्कार पुरस्कार शामिल हैं. अब ड्रू वीसमैन के साथ फिजियोलॉजी या मेडिसिन में 2023 की नोबेल पुरस्कार भी मिला. 

कौन हैं ड्रू वीसमैन, जिन्हें चिकित्सा में मिला नोबेल 
वहीं, साल 1959 में जन्में ड्रू वीसमैन एक अमेरिकी चिकित्सक-वैज्ञानिक हैं जिन्हें आरएनए जीव विज्ञान में उनके योगदान के लिए जाना जाता है. उनके काम ने उन्हें 2023 में चिकित्सा में नोबेल पुरस्कार दिलाया. ड्रू वीसमैन ने एमआरएनए टीकों के विकास को सक्षम करने में मदद की, जिनमें से सबसे प्रसिद्ध बायोएनटेक/फाइजर और मॉडर्ना द्वारा उत्पादित कोविड -19 के लिए हैं. वीसमैन वैक्सीन रिसर्च में रॉबर्ट्स फैमिली के शुरुआती प्रोफेसर हैं. वो आरएनए इनोवेशन के लिए पेन इंस्टीट्यूट के निदेशक और पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय (पेन) में पेरेलमैन स्कूल ऑफ मेडिसिन में मेडिसिन के प्रोफेसर हैं. 

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ड्रू वीसमैन मैसाचुसेट्स में पले-बढ़े. उन्होंने 1981 में ब्रैंडिस यूनिवर्सिटी से बीए और एमए की उपाधि प्राप्त की, जहां उन्होंने जैव रसायन और एंजाइमोलॉजी में पढ़ाई की और उन्होंने गेराल्ड फासमैन की प्रयोगशाला में काम किया. उन्होंने 1987 में बोस्टन विश्वविद्यालय में एमडी और पीएचडी प्राप्त करने के लिए इम्यूनोलॉजी और माइक्रोबायोलॉजी में स्नातक कार्य किया. इसके बाद, वीसमैन ने बेथ इज़राइल डेकोनेस मेडिकल सेंटर में रेजीडेंसी की, जिसके बाद नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (एनआईएच) में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शियस डिजीज के तत्कालीन निदेशक एंथोनी फौसी की देखरेख में फेलोशिप प्राप्त की. 

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