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लोकसभा स्पीकर के बगल में जो मार्शल खड़े होते हैं, वो कैसे बनते हैं? कितनी होती है सैलरी?

Loksabha Marshal salary: जब भी आप संसद की कार्यवाही देखते होंगे तो आपको लोकसभा स्पीकर के दोनों तरफ मार्शल खड़े नजर आते होंगे, क्या आप जानते हैं ये कैसे अपॉइंट होते हैं और इनकी सैलरी कितनी होती है?

संसद में मार्शल की नियुक्ति सीधे भर्ती के जरिए नहीं होती है. संसद में मार्शल की नियुक्ति सीधे भर्ती के जरिए नहीं होती है.
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 27 जून 2024,
  • अपडेटेड 10:29 AM IST

जब भी संसद संत्र चलता है तो आपने देखा होगा कि लोकसभा स्पीकर के पास में दो लोग खड़े रहते हैं, जो स्पीकर की सदन की कार्यवाही करने में मदद करते हैं. स्पीकर को टाइम-टाइम पर कुछ दस्तावेज देते रहते हैं, जिन्हें मार्शल कहा जाता है. क्या आप जानते हैं कि इन मार्शल का रिक्रूटमेंट कैसे होता है और इनकी सैलरी कितनी होती है. ऐसे में आज जानते हैं संसद के मार्शल के बारे में, जिनका सदन की कार्यवाही में अहम योगदान होता है...

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कैसे बनते हैं मार्शल?

अब बात करते हैं कि आखिर मार्शल की नियुक्ति कैसे होती है. वैसे मार्शल की नियुक्ति सीधे भर्ती के जरिए नहीं होती है और ना ही इन पदों के लिए रिक्रूटमेंट प्रोसेस होते है. संसद में काम कर रहे अधिकारियों को प्रमोशन के आधार मार्शल बनाया जाता है. ये सुरक्षा विभाग के ऑफिसर होते हैं, जॉइंट डायरेक्टर, डेप्युटी डायरेक्टर पद के ऑफिसर्स को इसके लिए नियुक्त किया जाता है. इस पद के लिए पहले काम करने का अनुभव होना जरूरी है, जिसके बाद रिक्रूटमेंट होता है. 

असिस्टेंट डायरेक्टर और सिक्योरिटी अफसर के पद पर कम से कम 5 साल का अनुभव होने के बाद इन लोगों की नियुक्ति होती है. इसके अलावा सीनियर सिक्योरिटी ऑफिसर्स को भी लंबे अनुभव के बाद इसके लिए नियुक्त किया जा सकता है. 

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इन मार्शल का क्या काम होता है?

स्पीकर के बाएं ओर खड़ा व्यक्ति मार्शल होता है और दूसरा व्यक्ति डिप्टी मार्शल. अगर इनके काम की बात करें तो इनकी काफी टफ जॉब मानी जाती है. दरअसल, जब भी सदन चलता है तो पूरे वक्त स्पीकर के साथ रहते हैं और सदन की कार्यवाही में उनकी मदद करते हैं. इसके अलावा कुछ खास मौकों पर ये गेस्ट ऑफ ऑनर का एस्कॉर्ट करने काम भी करते हैं. मार्शल सिक्योरिटी फोर्स से आते हैं, ऐसे में सदन में स्पीकर की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी मार्शल की ही होती है.

सबसे खास बात ये है कि मार्शल को हर एक सांसद के बारे में पता रहता है और वे स्पीकर को बताते हैं कि सदन में सांसद के बारे में बताते रहते हैं. साथ ही प्रश्नकाल के दौरान भी वे कई तरह की जानकारी स्पीकर को देते हैं. इसके अलावा वोटिंग के दौरान भी इनका काफी काम होता है. एक तरह से सदन में एक तरह से मार्शल स्पीकर के असिस्टेंट की तरह काम करते हैं और पूरी तरह से काम में मदद करते हैं. 

कितनी होती है सैलरी?

अब जानते हैं इनकी सैलरी कितनी होती है. ये ए ग्रेड ऑफिसर्स होते हैं और लेवल के हिसाब से इनका पद लेवल-11, लेवल-12 के बीच आता है. राज्यसभा की आधिकारिक डॉक्यूमेंट के हिसाब से इनकी सैलरी  15600-39100+ 5400 लेवल पे पर आधारित होती है. वहीं, सैलरी हर मार्शल के अनुभव और प्रमोशन के हिसाब से अलग अलग हो सकती है. 
 

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